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राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हेपेटाइटिस के प्रति जागरूकता फैलाने पर दिया जोर

हिमाचल के राज्यपान ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर प्रदेश के लोगों से राज्य के हेपेटाइटस मुक्त के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जागरूकता पैदा करने का संकल्प लेने का आग्रह किया.

bandaru dattatreya on Hepatitis
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Published : Jul 28, 2020, 10:43 PM IST

शिमलाः प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हर साल यह दिवस वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. इसके कारण लीवर की सूजन लीवर कैंसर का कारण बन सकती है.

राज्यपान ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर प्रदेश के लोगों से राज्य के हेपेटाइटस मुक्त के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जागरूकता पैदा करने का संकल्प लेने का आग्रह किया. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हेपेटाइटिस बी के साथ रहने वाले दस प्रतिशत और हेपेटाइटिस सी के साथ रहने वाले 19 प्रतिशत लोग ही अपने हेपेटाइटिस की स्थिति के बारे में जानते हैं और लाखों लोग इस बिमारी से अनजान हैं, जिसकी रोकथाम व उपचार हो सकता है.

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि रोकथाम के अभाव में हर साल हेपेटाइटिस के हजारों नए रोगी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक होना ही इसकी रोकथाम का पहला कदम है. उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के संक्रमण दुनिया भर में लीवर की बीमारियों का प्रमुख कारण हैं और हमें इसे रोकने के उपाय करने चाहिए.

उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं में संक्रमण को रोकने को लेकर राज्य में जन्म के समय शिशुओं को हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण द्वारा किए जा रहे हैं. माता से शिशु को हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और सिफलिस के लिए नियमित परीक्षण किया जाता है ताकि मां से बच्चे को संक्रमण को रोका जा सके.

ये भी पढ़ें- ठियोग में कांग्रेस का महंगाई के खिलाफ चक्का जाम, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

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शिमलाः प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हर साल यह दिवस वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. इसके कारण लीवर की सूजन लीवर कैंसर का कारण बन सकती है.

राज्यपान ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर प्रदेश के लोगों से राज्य के हेपेटाइटस मुक्त के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जागरूकता पैदा करने का संकल्प लेने का आग्रह किया. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हेपेटाइटिस बी के साथ रहने वाले दस प्रतिशत और हेपेटाइटिस सी के साथ रहने वाले 19 प्रतिशत लोग ही अपने हेपेटाइटिस की स्थिति के बारे में जानते हैं और लाखों लोग इस बिमारी से अनजान हैं, जिसकी रोकथाम व उपचार हो सकता है.

बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि रोकथाम के अभाव में हर साल हेपेटाइटिस के हजारों नए रोगी सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक होना ही इसकी रोकथाम का पहला कदम है. उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के संक्रमण दुनिया भर में लीवर की बीमारियों का प्रमुख कारण हैं और हमें इसे रोकने के उपाय करने चाहिए.

उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं में संक्रमण को रोकने को लेकर राज्य में जन्म के समय शिशुओं को हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण द्वारा किए जा रहे हैं. माता से शिशु को हेपेटाइटिस बी, एचआईवी और सिफलिस के लिए नियमित परीक्षण किया जाता है ताकि मां से बच्चे को संक्रमण को रोका जा सके.

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