शिमला : राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश आरोग्य भारती (Himachal Pradesh Arogya Bharti Program)द्वारा शिमला के उपनगर कुसुम्पटी में तुलसी पूजा दिवस के (Tulsi Puja Day celebrated in Shimla)अवसर पर (Governor worshiped in Shimla) आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस अवसर पर उन्होंने गरीब लोगों को राज्य रेडक्रॉस द्वारा उपलब्ध करवाए गए कंबल वितरित (Governor distributed blankets in Shimla) किए. राज्यपाल ने कहा कि तुलसी का पौधा हर घर में बांटे जाने के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने चाहिए. तुलसी का पूजन हमारी संस्कृति की उच्च परंपरा और यह पौधा स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक माना गया है. उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस हमेशा से गरीब और पीड़ित मानवता की सेवा में तत्पर रहता है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि और यहां रहने वाले लोग देव स्वरूप मानव हैं. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने मुझे बहुत स्नेह दिया. यह उन्हें अधिक कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि वह लोगों के सहयोग से समाज सेवा के कार्यों को और बढ़ाने का प्रयास करेंगे. इससे पूर्व, राज्यपाल ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में पाए जाने वाले पौधों का दस्तावेजीकरण आवश्यक ,ताकि लोगों को पौधों के गुणों की सही जानकारी मिल सके. इसके अलावा औषधीय पौधों का ज्ञान घर-घर पहुंचाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए स्कूलों में औषधीय पौधों की वाटिका भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में वाटिका निर्माण से बच्चों को औषधीय पौधों के आयुर्वेद में उपयोग के बारे में भी सही जानकारी दी जा सकती है.
इस अवसर पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने राज्यपाल को सम्मानित किया गया.आरोग्य भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अनिल मेहता ने राज्यपाल का स्वागत किया. शिमला नगर निगम के पार्षद एवं पूर्व उप महापौर राकेश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया. मंदिर कमेटी कुसुम्पटी के अध्यक्ष कमल शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
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