ETV Bharat / city

सरकार की ओर से SOP जारी, अब स्कूलों में ही बनेगा मिड डे मील

हिमाचल प्रदेश में ग्रीष्मकालीन स्कूल 1 फरवरी से खुलेंगे. इसको लेकर सरकार की ओर से एसओपी भी जारी की गई है. वहीं, स्कूलों में अब मिड डे मिल भी बनाया जाएगा. सरकार की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट किया गया है मिड डे मील के लिए कुक और हेल्पर को स्कूल आने से पहले अनाधिकृत प्रमाण पत्र देना होगा कि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है और ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं.

mid day meal in schools
स्कूल में मिड डे मील
author img

By

Published : Jan 29, 2021, 1:42 PM IST

शिमला: प्रदेश में 1 फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए खुल रहे हैं. वहीं,15 फरवरी से शीतकालीन स्कूलों को पांचवी, आठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए खोला जा रहा है. ऐसे में पांचवी और आठवीं के छात्रों को अब स्कूलों में ही पका पकाया मिड डे मील दिया जाएगा.

स्कूलों में मिलेगा मिड डे मील

अभी तक जहां छात्रों को उनके घरों तक यह मिड डे मील पहुंचाया जा रहा था, वहीं अब यह तय किया गया है कि स्कूल खुलने के बाद बच्चों को स्कूल में ही मिड डे मील देना शुरू किया जाएगा. इसको लेकर प्रदेश सरकार ने एसओपी जारी कर दी है. एसओपी में नियमों के बारे में जानकारी दी गई है.

वीडियो रिपोर्ट

कुक के लिए मास्क पहनना अनिवार्य

सरकार की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट किया गया है मिड डे मील के लिए कुक और हेल्पर को स्कूल आने से पहले अनाधिकृत प्रमाण पत्र देना होगा कि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है और ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं. इसके साथ ही कुक और हेल्पर को खाना बनाते समय अपने सर को कैप या किसी साफ कपड़े से ढंकना होगा. वहीं, कुक और हेल्पर के लिए भी ये पहनना अनिवार्य है.

कुक और हेल्पर को ज्वेलरी पहनने की अनुमति नहीं

खाना बनाते समय कुक और हेल्पर को समय-समय पर साबुन से अपने हाथ धोने होंगे. एसओपी में तय किया गया है कि मिड डे मील बनाने वाले कुक और हेल्पर के नाखून कटे होने चाहिए और उनके हाथों में नेल पॉलिश नहीं लगी होनी चाहिए. कुक और हेल्पर को ज्वेलरी पहनने और घड़ी पहनने की अनुमति नहीं होगी. खाना बनाने से पहले 40 सेकंड तक अपने हाथों को धोना भी अनिवार्य किया गया है. खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री ताजी होनी चाहिए.

मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारियों की थर्मल स्कैनिंग

एसओपी में यह भी कहा गया है कि स्कूल के प्रवेश द्वार पर मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारियों के थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा. वहीं, यह भी स्पष्ट किया गया है कि स्कूल के जिस रसोई घर में छात्रों के लिए मिड डे मील बनाया जाएगा, वहां सफाई व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाए. खाना बनाने से 24 घंटे पहले उस रसोईघर और कमरे को सेनिटाइज करने के साथ ही रोजाना खाना बनाने से पहले और खाना बनाने के बाद रसोई घर की सफाई अच्छे तरीके से करनी होगी.

साफ सफाई का रखना होगा खास ख्याल

इसके साथ ही खाना बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कपड़े और सफाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चीजों की साफ-सफाई का भी ध्यान रखना होगा. जिन बर्तनों में मिड डे मील बनाया जाता है उन्हें धोने के लिए 60 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले गर्म पानी का प्रयोग करने की बात एसओपी में तय की गई है. एसओपी में कहा गया है कि रसोई घर में वेंटिलेशन सिस्टम का होना भी अनिवार्य है. इसके साथ ही सामाजिक दूरी को कायम रखते हुए रसोई घर में मिड डे मील कर्मचारियों को अपना काम करना होगा.

ये भी पढ़ें- पहाड़ पर हांफ रही रेल: केंद्र से हिमाचल को रेल विस्तार पर मिलता है ऊंट के मुंह में जीरा

शिमला: प्रदेश में 1 फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूल छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए खुल रहे हैं. वहीं,15 फरवरी से शीतकालीन स्कूलों को पांचवी, आठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए खोला जा रहा है. ऐसे में पांचवी और आठवीं के छात्रों को अब स्कूलों में ही पका पकाया मिड डे मील दिया जाएगा.

स्कूलों में मिलेगा मिड डे मील

अभी तक जहां छात्रों को उनके घरों तक यह मिड डे मील पहुंचाया जा रहा था, वहीं अब यह तय किया गया है कि स्कूल खुलने के बाद बच्चों को स्कूल में ही मिड डे मील देना शुरू किया जाएगा. इसको लेकर प्रदेश सरकार ने एसओपी जारी कर दी है. एसओपी में नियमों के बारे में जानकारी दी गई है.

वीडियो रिपोर्ट

कुक के लिए मास्क पहनना अनिवार्य

सरकार की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट किया गया है मिड डे मील के लिए कुक और हेल्पर को स्कूल आने से पहले अनाधिकृत प्रमाण पत्र देना होगा कि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है और ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव हैं. इसके साथ ही कुक और हेल्पर को खाना बनाते समय अपने सर को कैप या किसी साफ कपड़े से ढंकना होगा. वहीं, कुक और हेल्पर के लिए भी ये पहनना अनिवार्य है.

कुक और हेल्पर को ज्वेलरी पहनने की अनुमति नहीं

खाना बनाते समय कुक और हेल्पर को समय-समय पर साबुन से अपने हाथ धोने होंगे. एसओपी में तय किया गया है कि मिड डे मील बनाने वाले कुक और हेल्पर के नाखून कटे होने चाहिए और उनके हाथों में नेल पॉलिश नहीं लगी होनी चाहिए. कुक और हेल्पर को ज्वेलरी पहनने और घड़ी पहनने की अनुमति नहीं होगी. खाना बनाने से पहले 40 सेकंड तक अपने हाथों को धोना भी अनिवार्य किया गया है. खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री ताजी होनी चाहिए.

मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारियों की थर्मल स्कैनिंग

एसओपी में यह भी कहा गया है कि स्कूल के प्रवेश द्वार पर मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारियों के थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा. वहीं, यह भी स्पष्ट किया गया है कि स्कूल के जिस रसोई घर में छात्रों के लिए मिड डे मील बनाया जाएगा, वहां सफाई व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाए. खाना बनाने से 24 घंटे पहले उस रसोईघर और कमरे को सेनिटाइज करने के साथ ही रोजाना खाना बनाने से पहले और खाना बनाने के बाद रसोई घर की सफाई अच्छे तरीके से करनी होगी.

साफ सफाई का रखना होगा खास ख्याल

इसके साथ ही खाना बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कपड़े और सफाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चीजों की साफ-सफाई का भी ध्यान रखना होगा. जिन बर्तनों में मिड डे मील बनाया जाता है उन्हें धोने के लिए 60 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले गर्म पानी का प्रयोग करने की बात एसओपी में तय की गई है. एसओपी में कहा गया है कि रसोई घर में वेंटिलेशन सिस्टम का होना भी अनिवार्य है. इसके साथ ही सामाजिक दूरी को कायम रखते हुए रसोई घर में मिड डे मील कर्मचारियों को अपना काम करना होगा.

ये भी पढ़ें- पहाड़ पर हांफ रही रेल: केंद्र से हिमाचल को रेल विस्तार पर मिलता है ऊंट के मुंह में जीरा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.