शिमला: स्वच्छ भारत मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश में पंचायत स्तर पर कचरा कलेक्शन सेंटर बनेंगे. ग्रामीण इलाकों में कचरा प्रबंधन को कारगर ढंग से लागू करने के मद्देनजर कचरा प्रबंधन यूनिट भी स्थापित होंगे. मनरेगा के तहत चेक डैम का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा नवगठित पंचायतों में पंचायत घरों का निर्माण भी किया जाएगा.
परियोजनाओं के पूरा करने किए जाएंगे प्रयास
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत चालू वित्त वर्ष में प्रदेश में 720.60 करोड़ रुपए प्रदान किये हैं. 713.11 करोड़ रुपये विभिन्न विकासात्मक कार्यों में खर्च किये हैं. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत प्राप्त प्राकृतिक स्त्रोत प्रबंधन के कार्यों पर भी विशेष बल दिया जाएगा. जिसके अंतर्गत प्रदेश में चेक डैम, बावड़ी और तालाब आदि का समर्थन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के भी प्रयास किए जाएंगे.
चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्राकृतिक स्रोतों के प्रबंधन कार्य के बारे में सभी पंचायतों को जागरूक करने का एक अभियान चलाया जाएगा. अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि नवगठित पंचायतों के लिए भी शीघ्र ही मनरेगा के तहत पंचायत भवनों के निर्माण का कार्य आरंभ करवाया जाए. उन्होंने कहा कि गांव के विकासात्मक संबंधी कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
अधूरे कार्यों को पूरा करने के निर्देश
अधिकारियों को जनवरी 2021 तक अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने की भी दिशा निर्देश दिए गए हैं. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश की महत्वकांक्षी पंचवटी योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचवटी पार्क स्थापित करने के लिए 288 स्थानों पर भूमि चिन्हित की जा चुकी है. और 118 पंचवटी पार्कों का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि इस योजना को विस्तृत रूप प्रदान करने के बाद इसे ग्रामीण पर्यटन से भी जोड़ा जाएगा.