शिमला: भाजपा के दिग्गज नेता और यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह देह से स्मृति हो गए हैं. कल्याण सिंह का हिमाचल प्रदेश से भी गहरा नाता रहा है. उनके निधन की खबर सुनकर हिमाचल में भी शोक की लहर दौड़ गई हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने उनके निधन पर शोक जताया है. कल्याण सिंह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे थे. उनके कार्यकाल की एक खास स्मृति है.
राज्यपाल रहते हुए उन्होंने बजट सत्र में पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ा था. कल्याण सिंह ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभाला था. ये वर्ष 2015 की बात है. उस समय कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल थे और उन्हें हिमाचल के राज्यपाल के पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था. तब हिमाचल में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी.
कल्याण सिंह के हिमाचल में राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के समय एक दिलचस्प घटना पेश आई थी. हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र था और राज्यपाल के अभिभाषण से शुरूआत होनी थी. विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल थे. उस दौरान कल्याण सिंह ने पूरा बजट भाषण पढ़ने में असमर्थता जताई थी और कहा था कि वे केवल आरंभ के दो पन्ने पढ़ेंगे.
बाद में अभिभाषण को पढ़ा हुआ माना जाएगा. उस समय बजट भाषण कम से कम डेढ़ घंटे का था. कल्याण सिंह ने शुरुआती पन्ने ही पढ़े और भाषण को सदन के पटल पर रखा हुआ मान लिया गया था. कल्याण सिंह के हिमाचल में होते हुए ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिमला प्रवास पर आए थे. कल्याण सिंह ने राष्ट्रपति के सम्मान में राजभवन में एट होम कार्यक्रम रखा था.
कल्याण सिंह ने हिमाचल रहते हुए यहां के मंदिरों का दौरा किया था. वे विख्यात शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में माथा टेकने गए थे. कल्याण सिंह शिमला में आम जनता से भी सहजता से घुलते-मिलते थे. उन्होंने रिज मैदान व माल रोड में सैर के दौरान सैलानियों से हिमाचल के बारे में पूछा था कि उन्हें पर्यटन नगरी शिमला व देवभूमि कैसी लगती है? कल्याण सिंह हिमाचल की खूबसूरती के कायल थे. उन्होंने शिमला के विख्यात पर्यटन स्थलों कुफरी व नालदेहरा की सैर भी की थी.
कल्याण सिंह ने भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला का दौरा भी किया था और संस्थान की डेढ़ लाख से अधिक किताबों वाली लाइब्रेरी की जमकर तारीफ की थी. हिमाचल की राज्यपाल उर्मिला सिंह का कार्यकाल पूरा होने पर कल्याण सिंह को जनवरी 2015 में यहां के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था. कल्याण सिंह से जुड़ी एक और राजनीतिक घटना का जिक्र भी जरूरी है.
पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में एक आईपीएस अफसर को सेवा विस्तार दिया गया था. एएन सिंह नामक आईपीएस अफसर को सेवा विस्तार दिए जाने का मामला अदालत तक पहुंचा था. तत्कालीन राज्यपाल उर्मिला सिंह ने प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी नहीं दी थी. बाद में कल्याण सिंह के पास भी अभियोजन से संबंधित फाइल आई थी, लेकिन उन्होंने भी मंजूरी नहीं दी थी. उल्लेखनीय है कि कल्याण सिंह काफी समय से बीमार थे. देश के बड़े नेताओं ने लखनऊ जाकर उनका हालचाल लिया था. कल्याण सिंह भाजपा के एक प्रमुख नाम थे. उनके निधन से भारत की राजनीति में शून्य पैदा हो गया है.
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