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राकेश पठानिया ने वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबन्धन में स्थानीय लोगों की भागीदारी पर दिया जोर - सामुदायिक विकास प्रशिक्षक नियमावली

वन मंत्री राकेश पठानिया ने वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन के अधिकारियों और अन्य स्टाफ के साथ बैठक के दौरान इन कार्यों में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी किए जाने पर जोर दिया.

Himachal Pradesh Forest Ecosystem Management
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Published : Aug 21, 2020, 10:45 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के पाॅटर्स हिल में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना के मुख्यालय में प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया ने अधिकारियों और अन्य स्टाफ के साथ बैठक की. इस दौरान वन मंत्री ने वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन कार्यों में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए महिलाओं की भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. वन मंत्री का कार्य संभालने के बाद परियोजना मुख्यालय का उनका यह पहला दौरा था. 800 करोड़ रुपए की यह परियोजना जापानी अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाईका) ने वित्तपोषित की है. इसे भारत जापान सहयोग के हिस्से के रूप में लागू किया जा रहा है. परियोजना प्रबंधन के अब तक के प्रयासों की सराहना करते हुए वन मंत्री ने कहा कि वे फील्ड में जाकर गतिविधियों का खुद जायजा लेंगे.

राकेश पठानिया ने कहा कि 2030 तक प्रदेश का हरित क्षेत्र मौजूदा 27.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में इस परियोजना का अहम योगदान होगा.

वन मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के सहयोग से वन विभाग की 61 नर्सरियों का सुदृढ़ीकरण किया जा चुका है. इसके चलते विभाग की नर्सरियों की क्षमता 35 लाख पौधे तक बढ़ी है. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान 1631 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा.

बैठक के दौरान राकेश पठानिया ने परियोजना के कुल्लू व रामपुर क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों और अन्य स्टाफ के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. उन्होंने इस अवसर पर परियोजना द्वारा तैयार की गई तीन पुस्तिकाओं सामुदायिक विकास प्रशिक्षक नियमावली, लिंग कार्ययोजना और फील्ड कार्यकर्ताओं के लिए सूक्ष्म नियोजन दिशा निर्देश का विमोचन भी किया.

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शिमलाः राजधानी शिमला के पाॅटर्स हिल में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना के मुख्यालय में प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया ने अधिकारियों और अन्य स्टाफ के साथ बैठक की. इस दौरान वन मंत्री ने वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन कार्यों में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए महिलाओं की भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. वन मंत्री का कार्य संभालने के बाद परियोजना मुख्यालय का उनका यह पहला दौरा था. 800 करोड़ रुपए की यह परियोजना जापानी अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाईका) ने वित्तपोषित की है. इसे भारत जापान सहयोग के हिस्से के रूप में लागू किया जा रहा है. परियोजना प्रबंधन के अब तक के प्रयासों की सराहना करते हुए वन मंत्री ने कहा कि वे फील्ड में जाकर गतिविधियों का खुद जायजा लेंगे.

राकेश पठानिया ने कहा कि 2030 तक प्रदेश का हरित क्षेत्र मौजूदा 27.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में इस परियोजना का अहम योगदान होगा.

वन मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के सहयोग से वन विभाग की 61 नर्सरियों का सुदृढ़ीकरण किया जा चुका है. इसके चलते विभाग की नर्सरियों की क्षमता 35 लाख पौधे तक बढ़ी है. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान 1631 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा.

बैठक के दौरान राकेश पठानिया ने परियोजना के कुल्लू व रामपुर क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों और अन्य स्टाफ के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. उन्होंने इस अवसर पर परियोजना द्वारा तैयार की गई तीन पुस्तिकाओं सामुदायिक विकास प्रशिक्षक नियमावली, लिंग कार्ययोजना और फील्ड कार्यकर्ताओं के लिए सूक्ष्म नियोजन दिशा निर्देश का विमोचन भी किया.

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