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शैक्षणिक संस्थान खोलेने के लिए शिक्षा विभाग का प्लान तैयार, सरकार के आदेश का इंतजार

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि हिमाचल में शैक्षणिक संस्थान खोलेने के लिए शिक्षा विभाग ने एग्जिट प्लान तैयार कर लिया है और अब विभाग सरकार के आदेशों का इंतजार कर रहा है. सरकार के आदेश के आधार पर ही शिक्षा विभाग शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए व्यवस्था को बनाएगा

himachal education dept
शिक्षा विभाग, हिमाचल प्रदेश
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Published : Jun 5, 2020, 1:21 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 1:18 PM IST

शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छुट्टियां कर दी गई हैं. ऐसे में अब कोरोना संकट के बीच शैक्षणिक संस्थान कब खुलेंगे, इसके लिए शिक्षा विभाग भी सरकार के आदेशों का ही इंतजार कर रहा है.

विभाग की ओर से एग्जिट प्लान तैयार कर लिया गया है. सरकार के आदेश के आधार पर ही शिक्षा विभाग शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए व्यवस्था को बनाएगा. इस दौरान संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग व निर्देशों का भी ख्याल रखा जाएगा.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से निदेशालय में सभी कर्मचारियों को कार्यालय में बुलाया जा रहा है. तीनों एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनिंग का प्रावधान करने के साथ ही सेनिटाइजर भी हर एक ब्रांच में रखे गए हैं. निदेशालय आने वाले कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही कार्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है और बार-बार हाथ सेनिटाइज करने के बारे में भी निर्देश कर्मचारियों को दिए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

पहले ग्रीन जोन में खोले जा सकते हैं स्कूल

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को खोले जाने को लेकर एग्जिट प्लान तैयार कर लिया गया है और सरकार के आदेश मिलने के बाद ही शैक्षणिक संस्थानों को खोला जाएगा. शिक्षा निदेशक ने बताया कि प्लान के अनुसार फेज्ड मैनर में पहले ग्रीन जोन के स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही फेज्ड मैनर में कक्षाएं स्कूलों में बुलाई जाएंगी. जिस में बोर्ड की कक्षाओं को पहली प्राथमिकता दी जाएगी.

कॉलेज खोलने का फैसला सरकार के आदेश पर निर्भर

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि अलग-अलग प्लान विभाग ने तैयार किए हैं और जैसे ही सरकार के निर्देश होंगे प्लान को लागू किया जाएगा. स्कूलों के साथ ही कॉलेजों के खुलने का फैसला भी सरकार के आदेशों पर निर्भर करेगा, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शेड्यूल अनुसार अगस्त में रोल ऑन एडमिशन करवाने के साथ ही 1 सितंबर से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कॉलेजों में की जानी है.

कॉलेज खुलते ही होंगी सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं

इसके साथ ही अभी प्राथमिकता यह होगी की जैसे ही कॉलेज खुलते हैं तो छात्रों की सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं करवाई जाए. इसके लिए प्लानिंग विश्वविद्यालय के साथ मिलकर की जा रही है कि 15 जून के बाद कॉलेजों की परीक्षाएं करवाई जा सकती है या इन्हें आगे पोस्टपोन किया जाए. अब जिस तरह से सहमति बनेगी उस तरह से सबसे पहले प्राथमिकता पर कॉलेज की परीक्षाएं करवाई जाएंगी.

सोशल डिस्टेंसिंग व पर्सनल हाइजीन पर होगा विशेष ध्यान

वहीं, शिक्षण संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित करवाने को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षकों को पूरी तरह से तैयार किया गया है. वहीं, ऑनलाइन माध्यम से भी छात्रों को पर्सनल हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताया गया है.

अगर संस्थान खुलते हैं तो यह प्रयास किया जाएगा कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही पर्सनल हाइजीन को छात्रों के रूटीन में शामिल किया जाए, जिससे कि वह खुद व खुद इन सभी नियमों का पालन करें. शिक्षा निदेशक ने माना कई संस्थानों को खोलने के लिए जल्दी नहीं की जाएगी और जब तक जरूरी ना हो तब तक शैक्षणिक संस्थान नहीं खोले जाएंगे.

अल्टरनेटिव तरीके से कक्षाएं लगाने का प्लान

शिक्षा विभाग के प्लान के अनुसार सबसे पहले कम संख्या वाले स्कूलों को खोलने के साथ ही ऑड-ईवन रोल नंबर के माध्यम से छात्रों को स्कूल बुलाने के साथ ही अल्टरनेटिव तरीके से कक्षाएं लगाने का प्लान तैयार किया गया है. इसके साथ ही मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट में कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव भी शिक्षा विभाग ने तैयार किया है, जिससे कि ज्यादा संख्या में छात्र स्कूलों में एकत्र ना हो और कक्षाओं को इस तरीके से लगाया जा सके कि जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जा सके.

ये भी पढ़ें- पालर खड्ड में डूबे युवक का अब तक नहीं लगा सुराग, गोताखोरों की सभी कोशिशें नाकाम

ये भी पढ़ें- जानिए हिमाचल में आज क्या कुछ रहेगा खास

शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से प्रदेश के शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छुट्टियां कर दी गई हैं. ऐसे में अब कोरोना संकट के बीच शैक्षणिक संस्थान कब खुलेंगे, इसके लिए शिक्षा विभाग भी सरकार के आदेशों का ही इंतजार कर रहा है.

विभाग की ओर से एग्जिट प्लान तैयार कर लिया गया है. सरकार के आदेश के आधार पर ही शिक्षा विभाग शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए व्यवस्था को बनाएगा. इस दौरान संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग व निर्देशों का भी ख्याल रखा जाएगा.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से निदेशालय में सभी कर्मचारियों को कार्यालय में बुलाया जा रहा है. तीनों एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्कैनिंग का प्रावधान करने के साथ ही सेनिटाइजर भी हर एक ब्रांच में रखे गए हैं. निदेशालय आने वाले कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही कार्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है और बार-बार हाथ सेनिटाइज करने के बारे में भी निर्देश कर्मचारियों को दिए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

पहले ग्रीन जोन में खोले जा सकते हैं स्कूल

उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को खोले जाने को लेकर एग्जिट प्लान तैयार कर लिया गया है और सरकार के आदेश मिलने के बाद ही शैक्षणिक संस्थानों को खोला जाएगा. शिक्षा निदेशक ने बताया कि प्लान के अनुसार फेज्ड मैनर में पहले ग्रीन जोन के स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही फेज्ड मैनर में कक्षाएं स्कूलों में बुलाई जाएंगी. जिस में बोर्ड की कक्षाओं को पहली प्राथमिकता दी जाएगी.

कॉलेज खोलने का फैसला सरकार के आदेश पर निर्भर

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि अलग-अलग प्लान विभाग ने तैयार किए हैं और जैसे ही सरकार के निर्देश होंगे प्लान को लागू किया जाएगा. स्कूलों के साथ ही कॉलेजों के खुलने का फैसला भी सरकार के आदेशों पर निर्भर करेगा, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शेड्यूल अनुसार अगस्त में रोल ऑन एडमिशन करवाने के साथ ही 1 सितंबर से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कॉलेजों में की जानी है.

कॉलेज खुलते ही होंगी सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं

इसके साथ ही अभी प्राथमिकता यह होगी की जैसे ही कॉलेज खुलते हैं तो छात्रों की सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं करवाई जाए. इसके लिए प्लानिंग विश्वविद्यालय के साथ मिलकर की जा रही है कि 15 जून के बाद कॉलेजों की परीक्षाएं करवाई जा सकती है या इन्हें आगे पोस्टपोन किया जाए. अब जिस तरह से सहमति बनेगी उस तरह से सबसे पहले प्राथमिकता पर कॉलेज की परीक्षाएं करवाई जाएंगी.

सोशल डिस्टेंसिंग व पर्सनल हाइजीन पर होगा विशेष ध्यान

वहीं, शिक्षण संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित करवाने को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षकों को पूरी तरह से तैयार किया गया है. वहीं, ऑनलाइन माध्यम से भी छात्रों को पर्सनल हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताया गया है.

अगर संस्थान खुलते हैं तो यह प्रयास किया जाएगा कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही पर्सनल हाइजीन को छात्रों के रूटीन में शामिल किया जाए, जिससे कि वह खुद व खुद इन सभी नियमों का पालन करें. शिक्षा निदेशक ने माना कई संस्थानों को खोलने के लिए जल्दी नहीं की जाएगी और जब तक जरूरी ना हो तब तक शैक्षणिक संस्थान नहीं खोले जाएंगे.

अल्टरनेटिव तरीके से कक्षाएं लगाने का प्लान

शिक्षा विभाग के प्लान के अनुसार सबसे पहले कम संख्या वाले स्कूलों को खोलने के साथ ही ऑड-ईवन रोल नंबर के माध्यम से छात्रों को स्कूल बुलाने के साथ ही अल्टरनेटिव तरीके से कक्षाएं लगाने का प्लान तैयार किया गया है. इसके साथ ही मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट में कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव भी शिक्षा विभाग ने तैयार किया है, जिससे कि ज्यादा संख्या में छात्र स्कूलों में एकत्र ना हो और कक्षाओं को इस तरीके से लगाया जा सके कि जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जा सके.

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Last Updated : Jun 28, 2020, 1:18 PM IST
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