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योजना के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों को 10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी, विभाग ने कार्यों की मांगी रिपोर्ट

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 15 फरवरी तक योजना के तहत किए गए कार्यों की सभी 100 स्कूलों से रिपोर्ट मांगी है. योजना के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों को 10-10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी की गई है. स्कूलों को इस राशि को खर्च करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है.

Swaran Jayanti Gyanodaya Cluster Sreshtha Vidyalaya Yojana
स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना
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Published : Feb 11, 2021, 12:22 PM IST

शिमलाः स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना के तहत जिन विद्यालयों को 10-10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी की गई हैं, उनसे प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 15 फरवरी तक योजना के तहत किए गए कार्यों की रिपोर्ट मांगी है.

10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी

इस बारे में निर्देश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में सभी जिला अधिकारियों को दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि 15 फरवरी तक इस योजना के तहत जो कार्य किए गए हैं उसकी रिपोर्ट निदेशालय में सौंपी जाए. योजना के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों को 10-10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी की गई है. स्कूलों को इस राशि को खर्च करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है.

स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर योजना

स्कूलों ने कितनी राशि खर्च की है, इसका प्रमाण पत्र भी उन्हें शिक्षा निदेशालय को देना होगा, लेकिन अभी मात्र 15 फरवरी तक योजना के तहत किए गए कार्यों की रिपोर्ट ही विभाग ने मांगी है. इस रिपोर्ट पर फरवरी के अंतिम सप्ताह में समीक्षा की जाएगी. स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर योजना कोविड-19 मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषित किया था, जिसके बाद अभी हाल ही में इस योजना के तहत प्रदेश के सौ प्राइमरी स्कूलों को 10-10 लाख रुपए की राशि जारी की गई है. योजना के तहत इन स्कूलों को क्लस्टर प्राइमरी स्कूल बनाया जा रहा है.

इनरोलमेंट के आधार पर प्राइमरी स्कूलों का चयन

बता दें कि इस योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा इनरोलमेंट के आधार पर प्राइमरी स्कूलों का चयन किया गया है. इन स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं.

इन सुविधाओं के लिए सरकार का बजट

स्कूलों को सभी तरह की सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिसमें बेहतर शौचालय, पीने के पानी का बेहतर प्रबंध, स्मार्ट क्लासरूम और पुस्तकालयों के साथ ही खेलकूद के लिए भी बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी. यहीं वजह है कि इन स्कूलों को बजट भी सरकार की ओर से मुहैया करवाया जा रहा है, जिससे कि स्कूल यह सारी सुविधाएं जुटा सकें.

पढ़ें: जल निगम को बिल देने में आ रही परेशानी, अब घरों के दरवाजे के बाहर लगेंगे मीटर

शिमलाः स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना के तहत जिन विद्यालयों को 10-10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी की गई हैं, उनसे प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 15 फरवरी तक योजना के तहत किए गए कार्यों की रिपोर्ट मांगी है.

10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी

इस बारे में निर्देश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में सभी जिला अधिकारियों को दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि 15 फरवरी तक इस योजना के तहत जो कार्य किए गए हैं उसकी रिपोर्ट निदेशालय में सौंपी जाए. योजना के तहत प्रदेश के 100 स्कूलों को 10-10 लाख रुपए की पहली लिस्ट जारी की गई है. स्कूलों को इस राशि को खर्च करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है.

स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर योजना

स्कूलों ने कितनी राशि खर्च की है, इसका प्रमाण पत्र भी उन्हें शिक्षा निदेशालय को देना होगा, लेकिन अभी मात्र 15 फरवरी तक योजना के तहत किए गए कार्यों की रिपोर्ट ही विभाग ने मांगी है. इस रिपोर्ट पर फरवरी के अंतिम सप्ताह में समीक्षा की जाएगी. स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर योजना कोविड-19 मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषित किया था, जिसके बाद अभी हाल ही में इस योजना के तहत प्रदेश के सौ प्राइमरी स्कूलों को 10-10 लाख रुपए की राशि जारी की गई है. योजना के तहत इन स्कूलों को क्लस्टर प्राइमरी स्कूल बनाया जा रहा है.

इनरोलमेंट के आधार पर प्राइमरी स्कूलों का चयन

बता दें कि इस योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा इनरोलमेंट के आधार पर प्राइमरी स्कूलों का चयन किया गया है. इन स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं.

इन सुविधाओं के लिए सरकार का बजट

स्कूलों को सभी तरह की सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिसमें बेहतर शौचालय, पीने के पानी का बेहतर प्रबंध, स्मार्ट क्लासरूम और पुस्तकालयों के साथ ही खेलकूद के लिए भी बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी. यहीं वजह है कि इन स्कूलों को बजट भी सरकार की ओर से मुहैया करवाया जा रहा है, जिससे कि स्कूल यह सारी सुविधाएं जुटा सकें.

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