शिमलाः राजधानी शिमला में अब लड़कों के बराबर ही लड़कियां का अनुपात पहुंच गया है. बीते सालों के मुकाबले लिंगानुपात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. शिमला जिला में 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 999 पहुंच गई है. साल 20118-19 में जिला में लिंगानुपात 985 आंका गया था. वहीं, साल 2019-20 में यह 999.7 हो गया है.
डीसी शिमला अमित कश्यप ने मंगलवार को बचत भवन में जिला पोषण अभियान से सम्बन्धित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि साल 20118-19 में जिला शिमला में लिंगानुपात 985 आंका गया था. वहीं, साल 2019-20 में यह 999.7 हो गया है.
अमित कश्यप ने किशोरियों को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश देते हुए आईसीडीएस कर्मचारियों को 6 महीनों तक स्तनपान के महत्व के बारे ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का आह्वान किया.
उन्होंने पोषाहार के लिए आईसीडीएस विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों पर बल दिया ताकि उपेक्षित वर्ग को इसका लाभ मिल सके. बैठक के दौरान महामारी के दौरान आईसीडीएस की कुपोषण को हराने की विभिन्न गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा की गई और सुझाव लिए गए.
इसके बाद डीसी शिमला ने जिला की आईसीडीएस गतिविधियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने बताया कि जिला में 2154 आंगनवाड़ी केंद्र कार्यरत है और 6 महीने से 6 साल तक के 39591 बालक-बालिकाओं को संपूर्ण पोषाहार का लाभ मिल रहा है.
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