किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में बर्फबारी के बाद अब जंगली जानवर का खतरा बढ़ गया है. जिसके चलते लोगों को डर के साएं में रात गुजारनी पड़ रही है. जंगली जानवर के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों को जंगल की ओर नहीं जाने की हिदायत दी है.
डीएफओ किन्नौर चमन राव ने कहा कि सर्दियों में पहाड़ियों में अधिक बर्फभारी के कारण जंगली जानवर निचले क्षेत्रो में उतरते है और ऐसे में रात को लोगों को खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष वन विभाग किन्नौर की तरफ से जिला के तीनों ब्लॉक में बर्फानी तेंदुआ और भालू से बचाव के लिए पिंजरे और जाल भेजे जा रहे है. जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रो में जहां जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है उन सभी स्थानों पर इन पिंजरे, जालियों को लगाया जाएगा. डीएफओ ने लोगों को बर्फबारी के दौरान जंगलों की ओर नहीं जाने की अपील की है.
बता दें कि जिला में 2013 से लेकर 2019 तक कई ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों पर बर्फानी तेंदुए ने हमले किये हैं, इन हमलों में कई लोगो को अपनी जान भी गवानी पड़ी है. विभाग ने 2018 को एक खूंखार तेंदुए को रिब्बा के ग्रामीण क्षेत्र से पकड़ा था. कल्पा, पानवी और सांगला के क्षेत्रों में तेंदुए और भालू के निशान अक्सर बर्फ पर नजर आते हैं. जो स्थानीय लोगों के लिए खतरे का संकेत है.
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