ETV Bharat / city

हिमाचल के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का होगा सिक्योरिटी ऑडिट, प्रदेश में 25 डैम आते हैं एक्ट के अधीन

हिमाचल के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का जल्द ही सिक्योरिटी ऑडिट होगा. प्रदेश में निर्मित 25 बांध डैम सिक्योरिटी ऑडिट के अधीन आते हैं. ऐसे में इन सभी डैम का जल्द ही सिक्योरिटी ऑडिट होने जा रहा है. हिमाचल में (hydro power projects of Himachal) सभी विद्युत स्टेशनों के डैम साइट और सब स्टेशनों का इस सिक्योरिटी चेक से निरीक्षण किया जाएगा. दरअसल देश में बहुत से बांध 100 साल से भी अधिक पुराने हैं जिसके बाद केंद्र सरकार बांध सुरक्षा एक्ट पास किया. इस एक्ट के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समान बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद करने का प्रस्ताव है.

hydro power projects of Himachal
हिमाचल के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स
author img

By

Published : Jan 8, 2022, 8:17 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 10:48 PM IST

शिमला: हिमाचल के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का जल्द ही सिक्योरिटी ऑडिट होगा. जल विद्युत परियोजनाओं (hydro power projects of Himachal) के सब स्टेशन और डैम दोनों का सिक्योरिटी ऑडिट किया जाएगा. प्रदेश में निर्मित 25 बांध डैम सिक्योरिटी ऑडिट के अधीन आते हैं. ऐसे में इन सभी डैम का जल्द ही सिक्योरिटी ऑडिट होने जा रहा है. इसके बाद नियमित अंतराल पर जल विद्युत परियोजनाओं का ऑडिट होगा. सिक्योरिटी ऑडिट के अनुसार विद्युत प्रोजेक्ट की सुरक्षा दो स्तरों पर देखी जाएगी. जिसमें पहला मापदंड असामाजिक तत्वों से प्रोजेक्ट की सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध और दूसरा प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के प्रबंध देखे जाएंगे. इसके अलावा बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान भी चेक किया जाएगा.

हिमाचल में सभी विद्युत स्टेशनों के डैम साइट और सब स्टेशनों का इस सिक्योरिटी चेक से निरीक्षण किया जाएगा. दरअसल देश में बहुत से बांध 100 साल से भी अधिक पुराने हैं जिसके बाद केंद्र सरकार बांध सुरक्षा एक्ट पास किया. इस एक्ट के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समान बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद करने का प्रस्ताव है.

एक नियामक संस्था के जरिए सिक्योरिटी चेक किया जाएगा. इसमें 15 मीटर से अधिक ऊंचाई या 10-15 मीटर की ऊंचाई वाले बांध, विशिष्ट डिजाइन और स्ट्रक्चर वाले बांध भी शामिल हैं. इस विधेयक में दो राष्ट्रीय निकाय राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति और राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण हैं. बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति नीतियां तैयार करेगी और बांध सुरक्षा से संबंधित नियमों की सिफारिश करेगी. राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण राष्ट्रीय समिति द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करता है. साथ ही, यह राज्य बांध सुरक्षा संगठनों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. इस विधेयक में दो राज्य निकाय भी होंगे. वे बांध सुरक्षा और राज्य बांध सुरक्षा प्राधिकरण पर राज्य समिति हैं.

हिमाचल प्रदेश में 24 हजार मेगावाट जल विद्युत के दोहन की क्षमता है. जिसे राज्य में बहने वाली नदियों से तैयार किया जा सकता है. इसमें से राज्य ने विभिन्न पूरी हो चुकी और निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए 21500 मेगावाट का आबंटन किया है. विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से अभी तक 10519 मेगावाट की क्षमता का दोहन किया जा रहा है. इसमें सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड और नेशनल थर्मल विद्युत निगम की भूमिका भी अहम है. राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को 16 मेगावाट की देवीकोठी, 16.50 मेगावाट की साईकोठी, 18 मेगावाट की हेल जल विद्युत परियोजना, 18 मेगावाट की रायसन, 60 मेगावाट की बटसेरी और 9 मेगावाट की नई नोगली परियोजनाएं आबंटित की हैं.

hydro power projects of Himachal
कोल डैम.

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (Himachal Pradesh State Electricity Board) 487.55 मेगावाट विद्युत, एचपीपीसीएल-165 मेगावाट, केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त उपक्रम 7,457.73 मेगावाट, हिमऊर्जा (हिमाचल सरकार) 2.37 मेवागाट, हिमऊर्जा निजी क्षेत्र 291.45 मेगावाट, निजी क्षेत्र की कंपनियां जो पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली हैं 1,955.90 मेगावाट क्षमता की ऊर्जा उत्पन्न करती हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार का भाग 159.17 मेगावाट को मिलाकर प्रदेश में वर्तमान समय में कुल 10 हजार 519 मेगावाट विद्युत का दोहन होता है.

ये भी पढ़ें- Snowfall in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फ'भारी', 350 सड़कें अवरुद्ध, रविवार के लिए भी अलर्ट

हिमाचल अन्य राज्यों को बेचता है 3 करोड़ यूनिट बिजली रोजाना: वर्तमान में बिजली के एक यूनिट का औसतन दाम 12 रुपये तक मिल रहा है. एक अनुमान के अनुसार हिमाचल अन्य राज्यों को 80 लाख यूनिट बिजली रोजाना बेच रहा है. हालांकि ठंड बढ़ने के कारण अब बिजली उत्पादन (Electricity Generation in Himachal Pradesh) धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया है और घरेलू उपभोक्ता की खपत बढ़ना शुरू हो गई है. इसी कारण अब बिजली बेचने की दर में कमी आई है. इससे पहले हिमाचल 3 करोड़ यूनिट रोजाना बिजली बेचता था.

राज्य में इस समय प्रदेश सरकार की विद्युत विक्रय करने वाली एजेंसियां राज्य ऊर्जा विभाग व ऊर्जा निगम दोनों मिलकर 448 मेगावाट और 276 मेगावाट बिजली बेच रहे हैं. यह विद्युत राष्ट्रीय विद्युत विक्रय केंद्र पर मौजूद 96 ब्लॉक में हर पंद्रह-पंद्रह मिनट के लिए खरीद होती है. जिस राज्य को खरीदनी होती है वह उपलब्ध विद्युत को क्रय करता है. प्रति यूनिट 16.50 रुपये मूल्य प्राप्त हो रहा है. लंबी अवधि में यही विद्युत तीन से चार रुपये प्रति यूनिट मूल्य पर बिकती है. इसके अलावा सतलुज जल विद्युत निगम भी देश की बड़ी कंपनियों के साथ करार करके बिजली बेचता है. एसजेवीएन बड़े कारोबारी घरानों के साथ 20 से 25 वर्षों का करार भी करता है. प्रदेश में विद्युत ऊर्जा बनाने वाला बीबीएमबी पड़ोसी राज्यों हरियाणा, राजस्थान, पंजाब आदि को विद्युत सप्लाई करता है.

क्या है बांध सुरक्षा विधेयक: संसद के बीते शीतकालीन सत्र के दौरान 2 दिसंबर 2021 को राज्यसभा में बांध सुरक्षा विधेयक 2019 (Dam Safety Bill) पारित हुआ था. जिसमें देश भर में कुछ खास बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान है, जिसमें इसके तहत अपराध के लिए दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान शामिल है. विधेयक में दो राष्ट्रीय स्तर के निकायों और दो राज्य स्तर के निकायों के गठन की परिकल्पना की गई है. राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति बांध सुरक्षा मानकों के संबंध में नीतियों को विकसित करने और विनियमों की सिफारिश करने में मदद करेगी, जबकि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण नीतियों को लागू करेगा और राज्य निकायों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.

बांध सुरक्षा पर राज्य समिति और राज्य बांध सुरक्षा संगठन की भूमिका राष्ट्रीय निकायों के समान होगी, लेकिन अधिकार क्षेत्र उनके संबंधित राज्यों तक सीमित होगा. यह विधेयक देश के सभी निर्दिष्ट बांधों पर लागू होता है. सरकार ने बांध सुरक्षा के संबंध में एक व्यक्ति को सजा के तौर पर जेल में डालने का प्रावधान भी पेश किया है. जहां अपराध के कारण जीवन की हानि होती है, कारावास की अवधि को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है.

प्रावधानों के अनुसार, बांध के सुरक्षित निर्माण, संचालन, रखरखाव और पर्यवेक्षण के लिए बांध मालिक जिम्मेदार होंगे. नियमित निगरानी के अलावा, बांध मालिकों के कार्यों में एक आपातकालीन कार्य योजना तैयार करना, निर्दिष्ट नियमित अंतराल पर जोखिम मूल्यांकन अध्ययन करना और विशेषज्ञों के एक पैनल के माध्यम से एक व्यापक बांध सुरक्षा मूल्यांकन तैयार करना शामिल है.

ये भी पढ़ें- मौसम की मार के बावजूद हिमाचल में बेहतर रहा सेब उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज में पहुंची 19 लाख पेटियां

शिमला: हिमाचल के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का जल्द ही सिक्योरिटी ऑडिट होगा. जल विद्युत परियोजनाओं (hydro power projects of Himachal) के सब स्टेशन और डैम दोनों का सिक्योरिटी ऑडिट किया जाएगा. प्रदेश में निर्मित 25 बांध डैम सिक्योरिटी ऑडिट के अधीन आते हैं. ऐसे में इन सभी डैम का जल्द ही सिक्योरिटी ऑडिट होने जा रहा है. इसके बाद नियमित अंतराल पर जल विद्युत परियोजनाओं का ऑडिट होगा. सिक्योरिटी ऑडिट के अनुसार विद्युत प्रोजेक्ट की सुरक्षा दो स्तरों पर देखी जाएगी. जिसमें पहला मापदंड असामाजिक तत्वों से प्रोजेक्ट की सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध और दूसरा प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के प्रबंध देखे जाएंगे. इसके अलावा बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान भी चेक किया जाएगा.

हिमाचल में सभी विद्युत स्टेशनों के डैम साइट और सब स्टेशनों का इस सिक्योरिटी चेक से निरीक्षण किया जाएगा. दरअसल देश में बहुत से बांध 100 साल से भी अधिक पुराने हैं जिसके बाद केंद्र सरकार बांध सुरक्षा एक्ट पास किया. इस एक्ट के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समान बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद करने का प्रस्ताव है.

एक नियामक संस्था के जरिए सिक्योरिटी चेक किया जाएगा. इसमें 15 मीटर से अधिक ऊंचाई या 10-15 मीटर की ऊंचाई वाले बांध, विशिष्ट डिजाइन और स्ट्रक्चर वाले बांध भी शामिल हैं. इस विधेयक में दो राष्ट्रीय निकाय राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति और राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण हैं. बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति नीतियां तैयार करेगी और बांध सुरक्षा से संबंधित नियमों की सिफारिश करेगी. राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण राष्ट्रीय समिति द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करता है. साथ ही, यह राज्य बांध सुरक्षा संगठनों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. इस विधेयक में दो राज्य निकाय भी होंगे. वे बांध सुरक्षा और राज्य बांध सुरक्षा प्राधिकरण पर राज्य समिति हैं.

हिमाचल प्रदेश में 24 हजार मेगावाट जल विद्युत के दोहन की क्षमता है. जिसे राज्य में बहने वाली नदियों से तैयार किया जा सकता है. इसमें से राज्य ने विभिन्न पूरी हो चुकी और निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए 21500 मेगावाट का आबंटन किया है. विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से अभी तक 10519 मेगावाट की क्षमता का दोहन किया जा रहा है. इसमें सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड और नेशनल थर्मल विद्युत निगम की भूमिका भी अहम है. राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को 16 मेगावाट की देवीकोठी, 16.50 मेगावाट की साईकोठी, 18 मेगावाट की हेल जल विद्युत परियोजना, 18 मेगावाट की रायसन, 60 मेगावाट की बटसेरी और 9 मेगावाट की नई नोगली परियोजनाएं आबंटित की हैं.

hydro power projects of Himachal
कोल डैम.

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (Himachal Pradesh State Electricity Board) 487.55 मेगावाट विद्युत, एचपीपीसीएल-165 मेगावाट, केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त उपक्रम 7,457.73 मेगावाट, हिमऊर्जा (हिमाचल सरकार) 2.37 मेवागाट, हिमऊर्जा निजी क्षेत्र 291.45 मेगावाट, निजी क्षेत्र की कंपनियां जो पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली हैं 1,955.90 मेगावाट क्षमता की ऊर्जा उत्पन्न करती हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार का भाग 159.17 मेगावाट को मिलाकर प्रदेश में वर्तमान समय में कुल 10 हजार 519 मेगावाट विद्युत का दोहन होता है.

ये भी पढ़ें- Snowfall in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फ'भारी', 350 सड़कें अवरुद्ध, रविवार के लिए भी अलर्ट

हिमाचल अन्य राज्यों को बेचता है 3 करोड़ यूनिट बिजली रोजाना: वर्तमान में बिजली के एक यूनिट का औसतन दाम 12 रुपये तक मिल रहा है. एक अनुमान के अनुसार हिमाचल अन्य राज्यों को 80 लाख यूनिट बिजली रोजाना बेच रहा है. हालांकि ठंड बढ़ने के कारण अब बिजली उत्पादन (Electricity Generation in Himachal Pradesh) धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गया है और घरेलू उपभोक्ता की खपत बढ़ना शुरू हो गई है. इसी कारण अब बिजली बेचने की दर में कमी आई है. इससे पहले हिमाचल 3 करोड़ यूनिट रोजाना बिजली बेचता था.

राज्य में इस समय प्रदेश सरकार की विद्युत विक्रय करने वाली एजेंसियां राज्य ऊर्जा विभाग व ऊर्जा निगम दोनों मिलकर 448 मेगावाट और 276 मेगावाट बिजली बेच रहे हैं. यह विद्युत राष्ट्रीय विद्युत विक्रय केंद्र पर मौजूद 96 ब्लॉक में हर पंद्रह-पंद्रह मिनट के लिए खरीद होती है. जिस राज्य को खरीदनी होती है वह उपलब्ध विद्युत को क्रय करता है. प्रति यूनिट 16.50 रुपये मूल्य प्राप्त हो रहा है. लंबी अवधि में यही विद्युत तीन से चार रुपये प्रति यूनिट मूल्य पर बिकती है. इसके अलावा सतलुज जल विद्युत निगम भी देश की बड़ी कंपनियों के साथ करार करके बिजली बेचता है. एसजेवीएन बड़े कारोबारी घरानों के साथ 20 से 25 वर्षों का करार भी करता है. प्रदेश में विद्युत ऊर्जा बनाने वाला बीबीएमबी पड़ोसी राज्यों हरियाणा, राजस्थान, पंजाब आदि को विद्युत सप्लाई करता है.

क्या है बांध सुरक्षा विधेयक: संसद के बीते शीतकालीन सत्र के दौरान 2 दिसंबर 2021 को राज्यसभा में बांध सुरक्षा विधेयक 2019 (Dam Safety Bill) पारित हुआ था. जिसमें देश भर में कुछ खास बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान है, जिसमें इसके तहत अपराध के लिए दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान शामिल है. विधेयक में दो राष्ट्रीय स्तर के निकायों और दो राज्य स्तर के निकायों के गठन की परिकल्पना की गई है. राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति बांध सुरक्षा मानकों के संबंध में नीतियों को विकसित करने और विनियमों की सिफारिश करने में मदद करेगी, जबकि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण नीतियों को लागू करेगा और राज्य निकायों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.

बांध सुरक्षा पर राज्य समिति और राज्य बांध सुरक्षा संगठन की भूमिका राष्ट्रीय निकायों के समान होगी, लेकिन अधिकार क्षेत्र उनके संबंधित राज्यों तक सीमित होगा. यह विधेयक देश के सभी निर्दिष्ट बांधों पर लागू होता है. सरकार ने बांध सुरक्षा के संबंध में एक व्यक्ति को सजा के तौर पर जेल में डालने का प्रावधान भी पेश किया है. जहां अपराध के कारण जीवन की हानि होती है, कारावास की अवधि को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है.

प्रावधानों के अनुसार, बांध के सुरक्षित निर्माण, संचालन, रखरखाव और पर्यवेक्षण के लिए बांध मालिक जिम्मेदार होंगे. नियमित निगरानी के अलावा, बांध मालिकों के कार्यों में एक आपातकालीन कार्य योजना तैयार करना, निर्दिष्ट नियमित अंतराल पर जोखिम मूल्यांकन अध्ययन करना और विशेषज्ञों के एक पैनल के माध्यम से एक व्यापक बांध सुरक्षा मूल्यांकन तैयार करना शामिल है.

ये भी पढ़ें- मौसम की मार के बावजूद हिमाचल में बेहतर रहा सेब उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज में पहुंची 19 लाख पेटियां

Last Updated : Jan 8, 2022, 10:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.