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आठ करोड़ रुपये खर्च करने के बाद दोबारा हो रहा टाउनहॉल का रंगरोगन, मेयर के कमरे में भी आई दरारें - टाउनहॉल शिमला

टाउनहॉल के जीर्णोद्धार पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन जीर्णोद्धार का एक साल पूरा होने से पहले ही इसका रंग-रोगन फीका पड़ गया है.जब टाउनहॉल में नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यालय शिफ्ट किया गया था, तब भवन की दीवारों में दरारें पड़ने के साथ-साथ पेंट भी फेड हो गया था.

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Published : Nov 9, 2019, 2:51 PM IST

शिमला: राजधानी के ऐतिहासिक भवन टाउनहॉल के जीर्णोद्धार पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन जीर्णोद्धार का एक साल पूरा होने से पहले ही इसका रंग-रोगन फीका पड़ गया है. साथ ही महापौर के कार्यालय के लिए जो कमरा दिया गया है उसमें भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं.

जब टाउनहॉल में नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यालय शिफ्ट किया गया था, तब भवन की दीवारों में दरारें पड़ने के साथ-साथ पेंट भी फेड हो गया था. ऐसे में महापौर कुसुम सदरेट ने पर्यटन निगम से दोबारा रंग-रोगन करने की मांग की थी, जिसके बाद दोबारा खिड़कियों, दरवाजों पर पेंट किया जा रहा है.

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नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि आठ करोड़ रुपये खर्च करके टाउनहॉल का जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन इसमें काफी खामियां रह गई थी और खिड़की दरवाजों का पेंट पूरी तरह से फेड हो गया है. उन्होंने बताया कि खिड़की और दरवाजों का फिर से रंग-रोगन करने का काम पर्टयन विभाग द्वारा करवाया जा रहा है.

बता दें कि 2014 में ऐतिहासिक भवन टाउनहॉल का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया था और इसके लिए आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. काम करने वाले ठेकेदार ने भवन में पुरानी लकड़ी इस्तेमाल की थी. जिसके बाद ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया था.

शिमला: राजधानी के ऐतिहासिक भवन टाउनहॉल के जीर्णोद्धार पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन जीर्णोद्धार का एक साल पूरा होने से पहले ही इसका रंग-रोगन फीका पड़ गया है. साथ ही महापौर के कार्यालय के लिए जो कमरा दिया गया है उसमें भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं.

जब टाउनहॉल में नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यालय शिफ्ट किया गया था, तब भवन की दीवारों में दरारें पड़ने के साथ-साथ पेंट भी फेड हो गया था. ऐसे में महापौर कुसुम सदरेट ने पर्यटन निगम से दोबारा रंग-रोगन करने की मांग की थी, जिसके बाद दोबारा खिड़कियों, दरवाजों पर पेंट किया जा रहा है.

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नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि आठ करोड़ रुपये खर्च करके टाउनहॉल का जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन इसमें काफी खामियां रह गई थी और खिड़की दरवाजों का पेंट पूरी तरह से फेड हो गया है. उन्होंने बताया कि खिड़की और दरवाजों का फिर से रंग-रोगन करने का काम पर्टयन विभाग द्वारा करवाया जा रहा है.

बता दें कि 2014 में ऐतिहासिक भवन टाउनहॉल का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया था और इसके लिए आठ करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. काम करने वाले ठेकेदार ने भवन में पुरानी लकड़ी इस्तेमाल की थी. जिसके बाद ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया था.

Intro:शिमला के ऐतिहासिक भवन टाउनहाल के जीर्णोद्धार पर आठ करोड़ खर्च किए गए। लेकिन जीर्णोद्धार के एक साल पूरा होने से पहले ही इसका रंग रोगन उतर गया है। यही नही महापौर को जो कमरा दिया गया है वहा बड़ी बड़ी दरारें भी पड़ गई है। वही अब नगर निगम इन दरारों को भरने के साथ इस भवन के खिडकियों ओर दरवाजो का दोबारा रंग रोगन करना पड़ रहा है। इस भवन में नगर निगम के मेयर ओर डिप्टी मेयर का कार्यकाल शिफ्ट हुए एक माह का समय हुआ है और जब मेयर ने यहां शिफ्ट किया तो दीवारों पर भी दरारें आ गई थी और जगह जगह पेंट भी उखड़ गया था। पर्यटन विभाग द्वारा किए गए जीर्णोद्धार पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे ओर जब टाउनहाल का सीएम जयराम ने इसका उद्घाटन किया था उस समय भी काफी खामियां नजर आई थी जिसके बाद ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया था। भवन के खिड़कियों ओर दरवाजो का पेंट पूरी तरह से फेड हो गया है।


Body:वही अब नगर निगम की महापौर ने पर्यटन निगम से दोबारा रंग रोगन करने की मांग की ओर अब दोबारा से खिड़कियों दरवाजो पर पेंट किया जा रहा है। नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि आठ करोड़ खर्च कर इसका जीर्णोद्धार किया गया था लेकिन इसमें काफी खामियां रह गई थी और खिडकियों ओर दरवाजो का पेंट पूरी तरह से फेड हो गया है।जोकि काफी भद्दा लग रहा है ओर पर्यटन विभाग से दोबारा से सभी खिड़कियों ओर दरवाजों को पेंट करवाने को बोला था और अब काम किया जा रहा है।


Conclusion:बता दे 2014 में में इस भवन का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया था इसके लिए आठ करोड़ खर्च किए गए थे लेकिन काम करने वाले ठेकेदार ने इसमें पुरानी लडक़ी ही इस्तेमाल कर दी और अंदर भी लीपापोती की गई। मामला सामने आने के बाद उक्त ठेकेदार के खिलाफ जांच बिठा दी।
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