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ठियोग में पीने के पानी की समस्या, जनता के साथ धरने पर बैठे विधायक राकेश सिंघा - ठियोग में माकपा विधायक राकेश सिंघा ने किया प्रदर्शन न्यूज

राजधानी के उपमंडल ठियोग विधानसभा क्षेत्र में जल संकट की किल्लत को लेकर ठियोग की जनता के साथ माकपा विधायक राकेश सिंघा ने बुधवार को शिमला टुटुकण्डी में प्रमुख अभियंता सिंचाई व जन स्वास्थ्य के कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया.

cpim mla rakesh singha protest inTheog in shimla
प्रदर्शन करते माकपा विधायक राकेश सिंघा
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Published : Dec 4, 2019, 7:36 PM IST

शिमला: राजधानी के उपमंडल ठियोग विधानसभा क्षेत्र में जल संकट की किल्लत को लेकर ठियोग की जनता के साथ माकपा विधायक राकेश सिंघा शिमला टुटुकण्डी में प्रमुख अभियंता सिंचाई व जन स्वास्थ्य के कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनके क्षेत्र में पानी मुहैया नहीं करवाया जाता है, तब तक ये धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का पहला दायित्व जनता को पानी मुहैया करवाना होता है और लोगों का भी ये संवैधानिक अधिकार है.

वीडियो रिपोर्ट.

विधायक ने कहा कि सरकार पानी देने में नाकाम साबित हो रही है, जबकि हाई कोर्ट ने 2016 में स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के सख्त निर्देश जारी किए थे. आदेशों के 3 साल बाद भी सरकार प्रदेश की जनता को पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.

उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक लाख दस हजार आबादी है, जिसमें से केवल दस फीसदी जनता को ही पानी मुहैया हो रहा है. ऐसे में ठियोग विधानसभा क्षेत्र गंभीर जल संकट से गुजर रहा है. माकपा विधायक ने कहा कि क्षेत्र में आईपीएच की लगभग सभी स्कीमें फेल हो चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि आजादी के 72 सालों बाद भी अगर कोई सरकार आम जनता को पीने का पानी तक मुहैया न करवा पाए तो ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मतियाना डिवीजन में 92 पद खाली पड़े हैं और तीन स्टेज का काम एक स्टेज का स्टाफ देख रहा है.

हालात ऐसे हैं कि क्षेत्र में बने कई टैंक बिना ढक्कन के हैं जिनमें जंगली जानवर गिर जाते हैं. उन्होंने कहा कि ठियोग हल्का राजधानी से सटा है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. आईपीएमस कई लिफट स्कीमें ऐसी हैं, जिनमें राइजिंग मेन निष्क्रिय पड़े हैं. अधिकतर स्कीमों में पाइपें सड़ चुकी हैं. लिफ्ट स्कीमों मतियाना, करयाली, महोग, शोलवी, गड़ाकुफर, लत्याना, झमोली के अलावा जंगल संधू, नेराखड्ड रईच, हलाई, मझोली, बेहनाखड्ड स्कीमें ठप्प पड़ी हुई हैं.

शिमला: राजधानी के उपमंडल ठियोग विधानसभा क्षेत्र में जल संकट की किल्लत को लेकर ठियोग की जनता के साथ माकपा विधायक राकेश सिंघा शिमला टुटुकण्डी में प्रमुख अभियंता सिंचाई व जन स्वास्थ्य के कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनके क्षेत्र में पानी मुहैया नहीं करवाया जाता है, तब तक ये धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का पहला दायित्व जनता को पानी मुहैया करवाना होता है और लोगों का भी ये संवैधानिक अधिकार है.

वीडियो रिपोर्ट.

विधायक ने कहा कि सरकार पानी देने में नाकाम साबित हो रही है, जबकि हाई कोर्ट ने 2016 में स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के सख्त निर्देश जारी किए थे. आदेशों के 3 साल बाद भी सरकार प्रदेश की जनता को पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है.

उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक लाख दस हजार आबादी है, जिसमें से केवल दस फीसदी जनता को ही पानी मुहैया हो रहा है. ऐसे में ठियोग विधानसभा क्षेत्र गंभीर जल संकट से गुजर रहा है. माकपा विधायक ने कहा कि क्षेत्र में आईपीएच की लगभग सभी स्कीमें फेल हो चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि आजादी के 72 सालों बाद भी अगर कोई सरकार आम जनता को पीने का पानी तक मुहैया न करवा पाए तो ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मतियाना डिवीजन में 92 पद खाली पड़े हैं और तीन स्टेज का काम एक स्टेज का स्टाफ देख रहा है.

हालात ऐसे हैं कि क्षेत्र में बने कई टैंक बिना ढक्कन के हैं जिनमें जंगली जानवर गिर जाते हैं. उन्होंने कहा कि ठियोग हल्का राजधानी से सटा है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. आईपीएमस कई लिफट स्कीमें ऐसी हैं, जिनमें राइजिंग मेन निष्क्रिय पड़े हैं. अधिकतर स्कीमों में पाइपें सड़ चुकी हैं. लिफ्ट स्कीमों मतियाना, करयाली, महोग, शोलवी, गड़ाकुफर, लत्याना, झमोली के अलावा जंगल संधू, नेराखड्ड रईच, हलाई, मझोली, बेहनाखड्ड स्कीमें ठप्प पड़ी हुई हैं.

Intro:

ठियोग विधानसभा क्षेत्र में जल संकट की किल्लत को लेकर ठियोग की जनता के साथ माकपा विधायक राकेश सिंघा शिमला टुटुकण्डी में प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य के कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए ओर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनके क्षेत्र में पानी मुहैया नहीं करवाया जाता है तक तक ये धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
राकेश सिंघा ने कहा कि किसी भी सरकार का पहला दायित्व जनता को पानी मुहैया करवाना होता है और लोगो का भी सवैधानिक अधिकार भी है। लेकिन सरकार पानी देने में नाकाम हो रही है। जबकि हाई कोर्ट ने 2016 में स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के सख्त निर्देश जारी किए थे । आदेशो के 3 साल बाद भी सरकार प्रदेश की जनता को पानी उपलब्ध नही करवा पा रही है। Body:उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक लाख दस हजार आबादी है उसमें से केवल दस फीसदी जनता को ही पानी मुहैया हो पा रहा है। जिससे ठियोग विधानसभा क्षेत्र गंभीर जल संकट से गुजर रहा है। आईपीएच की लगभग सभी स्कीमें फेल हो चुकी है।उन्होने कहा कि आजादी के 72 सालों बाद भी अगर कोई सरकार आम जनता को पीने का पानी तक मुहैया न करवा पाए तो ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।


Conclusion:उधर क्षेत्र के लोगो का कहना है कि मतियाना डिवीजन में 92 पद खाली पड़े हैं। तीन स्टेज का काम एक स्टेज का स्टाफ देख रहा है। कई टैंक बिना ढक्कन के हैं जिनमें जंगली जानवर गिर जाते हैं।उन्होंने कहा कि ठियोग हल्का राजधानी से सटा है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। यहां आईपीएमस कई लिफट स्कीमें ऐसी हैं, जिनमें राइजिंग मेन निष्क्रिय पड़े हैं। अधिकतर स्कीमों में पाइपें सड़ चुकी हैं। लिफट स्कीमों मतियाना.करयाली, महोग, शोलवी.गड़ाकुफर, लत्याना.झमोली के अलावा जंगल संधू, नेराखड्ड रईच, हलाई. मझोली, बेहनाखड्ड स्कीमें ठप्प पड़ी हैं।

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