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कोरोना संकट : शिमला के मोक्ष धामों में पर्याप्त संख्या में है जलाऊ लकड़ियों की उपलब्धता - himachal shimla news

कोविड-19 की वजह से हो रही मृत्यु को देखते हुए इस स्थिति से निपटने के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है. कोरोना के इस संकट के बीच में अंतिमसंस्कार के लिए जलाऊ लकड़ियों कि उपलब्धता पर भी ध्यान दिया गया है.

:शिमला के मोक्ष धामों में पर्याप्त संख्या में है जलाऊ लकड़ियों की उपलब्धता
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Published : Apr 18, 2020, 9:51 PM IST

शिमलाः पूरा विश्व जहां इस समय कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, वहां इसके प्रकोप से देवभूमि हिमाचल भी अछूती नहीं है. प्रदेश सरकार की और से इस महामारी के गंभीर संकट से निपटने के सभी तरह की आवश्यक जरुरतों को ध्यान में रखते हुए सभी तरह कि व्यवस्थाएं की गई है.

वहीं, अन्य राज्यों में और कोविड-19 की वजह से हो रही मृत्यु को देखते हुए इस स्थिति से निपटने के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है. कोरोना के इस संकट के बीच में अंतिमसंस्कार के लिए जलाऊ लकड़ियों कि उपलब्धता पर भी ध्यान दिया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

राजधानी शिमला के मोक्ष धामों में जलाऊ लकड़ी की पर्याप्त उपलब्धता है. यहां पहले ही लकड़ियों का स्टॉक रख लिया गया है. जिससे की इस संकट के समय में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां कम न पड़े और व्यवस्था पूरी तरह से बनी रही.

शिमला में मुख्य रूप से कनलोग और संजौली दो बड़े मोक्ष धाम है. जहां ज्यादातर संख्या में पार्थिव देह अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते हैं. ऐसे में इन दोनों ही मोक्ष दामों में लकड़ी की उपलब्धता को लेकर पहले ही तैयारियां कर ली गई हैं.

वहीं, इसे लेकर पहले ही प्रशासन की ओर से भी निर्देश जारी कर दिए गए थे. जिसे देखते हुए इन दोनों मोक्ष धाम में लकड़ियों को मुहैया करवाने का जिम्मा संभाल रही संस्थाओं ने पहले ही लकड़ियों को स्टॉक यहां जमा कर रख दिया था.

वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी जलाऊ लकड़ी की उपलब्धता को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में वनों से ही अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध हो जाती है. जिसके लिए वन विभाग की ओर से भी सहयोग रहता है.

हालांकि राहत की बात यह है कि प्रदेश में कोरोना से होने वाले मृत्यु का आंकड़ा केवल 1 है, ऐसे में मोक्ष धामों में जरूरत से ज्यादा लकड़ियों की उपलब्धता रखने की आवश्यकता अभी तक नहीं देखी गई है.

बावजूद इसके शहरों में इसे लेकर पर्याप्त इंतजाम पहले ही संकट की स्थिति को देखते हुए मोक्ष धाम में किए गए हैं.

शिमला के मोक्ष धाम कनलोग में जलाऊ लकड़ी की उपलब्धता का काम सूद सभा की ओर से किया जाता है. वहीं संजौली मोक्ष धाम में लकड़ियों को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सनातन धर्म सभा की है, ऐसे में इन दोनों ही सभाओं की ओर से मोक्ष धामों में पर्याप्त लकड़ी रखी गई है.

शिमला सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि कोविड-19 के संकट को देखते हुए शिमला के कनलोग मोक्ष धाम में पहले ही पर्याप्त संख्या में लकड़ी का स्टॉक रखा गया है. वहीं अगर स्थिति गंभीर होती है और ज्यादा लकड़ी की जरूरत होती है तो इसके लिए पास ही में वन विभाग के लकड़ी के सरकारी डिपो से भी लकड़ी उपलब्ध करवाई जाएगी.

covid 19 there is no shortage of firewood for funeral in shimla
कोरोना संकट:शिमला के मोक्ष धामों में पर्याप्त संख्या में है जलाऊ लकड़ियों की उपलब्धता

सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष अजय सूद ने कहा के संजौली के मोक्ष धाम में पर्याप्त संख्या में लकड़ी उपलब्ध है. किसी भी तरह की कोई दिक्कत यहां लकड़ियों की उपलब्धता को लेकर नहीं है.

हर एक स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है और वहीं जो कर्मचारी यहां मोक्ष धाम में है वह भी पूरी तरह से स्थिति को संभाले हुए हैं. राजधानी शिमला में और शिमला जिला में अभी तक कोरोना पॉजिटिव का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला शिमला के लिए अभी तक राहत है. वहीं प्रदेश में ज्यादातर मोक्ष धामों में लोगों की ओर से ही लकड़ी दान दी जाती है ऐसे में यहां पर लकड़ी के उपलब्धता को लेकर कमी नहीं पाई जाती है.

प्रदेश में भी कोरोना से अभी तक एक मृत्य हुई है.हिमाचल में कोरोना पॉजिटिव मामले भले ही लगातार आ रहे हैं लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक कोरोना से केवल एक ही मौत हिमाचल में हुई है.

शिमलाः पूरा विश्व जहां इस समय कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, वहां इसके प्रकोप से देवभूमि हिमाचल भी अछूती नहीं है. प्रदेश सरकार की और से इस महामारी के गंभीर संकट से निपटने के सभी तरह की आवश्यक जरुरतों को ध्यान में रखते हुए सभी तरह कि व्यवस्थाएं की गई है.

वहीं, अन्य राज्यों में और कोविड-19 की वजह से हो रही मृत्यु को देखते हुए इस स्थिति से निपटने के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है. कोरोना के इस संकट के बीच में अंतिमसंस्कार के लिए जलाऊ लकड़ियों कि उपलब्धता पर भी ध्यान दिया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

राजधानी शिमला के मोक्ष धामों में जलाऊ लकड़ी की पर्याप्त उपलब्धता है. यहां पहले ही लकड़ियों का स्टॉक रख लिया गया है. जिससे की इस संकट के समय में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां कम न पड़े और व्यवस्था पूरी तरह से बनी रही.

शिमला में मुख्य रूप से कनलोग और संजौली दो बड़े मोक्ष धाम है. जहां ज्यादातर संख्या में पार्थिव देह अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते हैं. ऐसे में इन दोनों ही मोक्ष दामों में लकड़ी की उपलब्धता को लेकर पहले ही तैयारियां कर ली गई हैं.

वहीं, इसे लेकर पहले ही प्रशासन की ओर से भी निर्देश जारी कर दिए गए थे. जिसे देखते हुए इन दोनों मोक्ष धाम में लकड़ियों को मुहैया करवाने का जिम्मा संभाल रही संस्थाओं ने पहले ही लकड़ियों को स्टॉक यहां जमा कर रख दिया था.

वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी जलाऊ लकड़ी की उपलब्धता को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में वनों से ही अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध हो जाती है. जिसके लिए वन विभाग की ओर से भी सहयोग रहता है.

हालांकि राहत की बात यह है कि प्रदेश में कोरोना से होने वाले मृत्यु का आंकड़ा केवल 1 है, ऐसे में मोक्ष धामों में जरूरत से ज्यादा लकड़ियों की उपलब्धता रखने की आवश्यकता अभी तक नहीं देखी गई है.

बावजूद इसके शहरों में इसे लेकर पर्याप्त इंतजाम पहले ही संकट की स्थिति को देखते हुए मोक्ष धाम में किए गए हैं.

शिमला के मोक्ष धाम कनलोग में जलाऊ लकड़ी की उपलब्धता का काम सूद सभा की ओर से किया जाता है. वहीं संजौली मोक्ष धाम में लकड़ियों को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी सनातन धर्म सभा की है, ऐसे में इन दोनों ही सभाओं की ओर से मोक्ष धामों में पर्याप्त लकड़ी रखी गई है.

शिमला सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि कोविड-19 के संकट को देखते हुए शिमला के कनलोग मोक्ष धाम में पहले ही पर्याप्त संख्या में लकड़ी का स्टॉक रखा गया है. वहीं अगर स्थिति गंभीर होती है और ज्यादा लकड़ी की जरूरत होती है तो इसके लिए पास ही में वन विभाग के लकड़ी के सरकारी डिपो से भी लकड़ी उपलब्ध करवाई जाएगी.

covid 19 there is no shortage of firewood for funeral in shimla
कोरोना संकट:शिमला के मोक्ष धामों में पर्याप्त संख्या में है जलाऊ लकड़ियों की उपलब्धता

सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष अजय सूद ने कहा के संजौली के मोक्ष धाम में पर्याप्त संख्या में लकड़ी उपलब्ध है. किसी भी तरह की कोई दिक्कत यहां लकड़ियों की उपलब्धता को लेकर नहीं है.

हर एक स्थिति से निपटने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है और वहीं जो कर्मचारी यहां मोक्ष धाम में है वह भी पूरी तरह से स्थिति को संभाले हुए हैं. राजधानी शिमला में और शिमला जिला में अभी तक कोरोना पॉजिटिव का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में जिला शिमला के लिए अभी तक राहत है. वहीं प्रदेश में ज्यादातर मोक्ष धामों में लोगों की ओर से ही लकड़ी दान दी जाती है ऐसे में यहां पर लकड़ी के उपलब्धता को लेकर कमी नहीं पाई जाती है.

प्रदेश में भी कोरोना से अभी तक एक मृत्य हुई है.हिमाचल में कोरोना पॉजिटिव मामले भले ही लगातार आ रहे हैं लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक कोरोना से केवल एक ही मौत हिमाचल में हुई है.

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