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चहेतों पर लुटा रहे करोड़ों, फिर नए अधिकारियों से परहेज क्यों? सीएम का फैसला हास्यास्पद और शर्मनाक: जयराम ठाकुर - JAIRAM ON CM SUKHU

नए IAS-IPS लेने से इनकार करने पर जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू पर निशाना साधते हुए पूछा कि उन्हें अधिकारियों से परहेज क्यों है?

JAIRAM THAKUR TARGET SUKHU GOVT
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू पर साधा निशाना (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 1:03 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश में नए आईएएस-आईपीएस लेने से मुख्यमंत्री ने इनकार कर दिया है. नए आईएएस-आईपीएस के केंद्र के प्रस्ताव को सुक्खू सरकार ने रद्द कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेश में राजनीति गरमा गई है. विपक्ष को प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेने के लिए एक और मौका मिल गया है. इसी कड़ी में पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी बयान जारी कर प्रदेश की सुक्खू सरकार को जमकर घेरा. जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार आए दिन अपनी अजीबो-गरीब कामों से प्रदेश का नुकसान कर रही है.

'कौन करेगा अधिकारियों के काम?'

हिमाचल के लिए नए आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को लेने से इनकार करने के मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "एक ओर सीएम सुक्खू दागदार अधिकारियों को अपने सलाहकार मंडल की फौज में शामिल करते हैं. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के विकास में अपना सहयोग देने वाले अधिकारियों को लेने से इनकार कर देते हैं. अपने चहेते मित्रों और नजदीकी लोगों पर पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाने वाले मुख्यमंत्री को प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से ऐतराज क्यों है? अगर आज सरकार नए अधिकारी नहीं लेगी तो फिर कल कैसे प्रदेश को जरूरत के अनुसार अधिकारी मिलेंगे? उन अधिकारियों का काम कौन करेगा? क्या मुख्यमंत्री अधिकारियों के काम अपने मित्रों से ही करवाना चाहते हैं? वह जान लें कि अधिकारियों के काम अधिकारी करते हैं, मुख्यमंत्री के खासम खास मित्र नहीं. इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वह व्यवस्था पतन के इस दौर को बंद करें."

'नियम-कानून का उल्लंघन कर रही सुक्खू सरकार'

नेता प्रतिपक्ष ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हम संविधान द्वारा दी गई संघीय व्यवस्था में रहते हैं. जिसकी एक खूबी है कि केंद्र और राज्य के बीच विभिन्न मुद्दों पर आपसी सहमति और समन्वय से काम किया जाता है. मगर मौजूदा प्रदेश सरकार हर नियम-कानून का उल्लंघन कर रही है. जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम के अनुसार केंद्र द्वारा दिए जाने वाले अधिकारियों को प्रदेश सरकार द्वारा लेने से कैसे इनकार किया जा सकता है. अगर सरकार अधिकारियों को नहीं लेगी तो अधिकारियों के काम कौन करेगा? जयराम ने सीएम सुक्खू पर तंज कसते हुए कहा कि क्या आईएएस-आईपीएस अधिकारियों से लिए जाने वाले काम को मुख्यमंत्री अपने मित्रों से करवाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सुक्खू सरकार प्रदेश में चल रही समस्त व्यवस्थाओं का पतन करना चाहती है.

'प्रदेश पर लाद दिया करोड़ों रुपयों का बोझ'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने जारी बयान में कहा, "जिस सरकार ने अपने असंवैधानिक कामों से प्रदेश पर करोड़ों रुपयों का बोझ लाद दिया हो, सलाहकारों की फौज खड़ी कर दी हो, कौड़ियों के भाव अपने मित्रों में कैबिनेट रैंक बांटी हो, नियमों के खिलाफ जाकर सीपीएस बनाकर प्रदेश पर करोड़ों रुपयों का बोझ डाल दिया हो और फिर उनकी नियुक्ति को जायज ठहराने के लिए वकीलों पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए हो, उनके मुंह से नैतिकता की बात शोभा नहीं देती है. जिस अधिकारी पर विपक्ष में रहते हुए सीएम भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे, आज उन्हीं अधिकारियों से सरकार चला रहे है."

'हास्यास्पद और शर्मनाक कदम'

जयराम ठाकुर ने कहा कि भ्रष्टाचार और वित्तीय अराजकता में डूबी ये सरकार संविधान के नियमों और निर्देशों की पूरी तरह से अवहेलना कर रही है. देश के इतिहास में ये पहला मामला है, जब किसी राज्य के सीएम ने कहा हो कि उसे अखिल भारतीय सेवाओं से अधिकारी नहीं चाहिए. जयराम ने कहा कि सीएम सुक्खू का ये कदम हास्यास्पद और शर्मनाक है. दुनिया की बेहतरीन एग्जाम से चुन कर आए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की हर राज्य ज्यादा से ज्यादा मांग करता है, ताकि राज्य के विकास के नए आयाम खुल सकें, लेकिन हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री रिटायर्ड सलाहकारों और अपने मित्रों के सहारे सरकार चलाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल का नए IAS-IPS लेने से इनकार, मुख्यमंत्री ने खारिज किया केंद्र का प्रस्ताव, जानें वजह

मंडी: हिमाचल प्रदेश में नए आईएएस-आईपीएस लेने से मुख्यमंत्री ने इनकार कर दिया है. नए आईएएस-आईपीएस के केंद्र के प्रस्ताव को सुक्खू सरकार ने रद्द कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेश में राजनीति गरमा गई है. विपक्ष को प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेने के लिए एक और मौका मिल गया है. इसी कड़ी में पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी बयान जारी कर प्रदेश की सुक्खू सरकार को जमकर घेरा. जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार आए दिन अपनी अजीबो-गरीब कामों से प्रदेश का नुकसान कर रही है.

'कौन करेगा अधिकारियों के काम?'

हिमाचल के लिए नए आईएएस-आईपीएस अधिकारियों को लेने से इनकार करने के मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "एक ओर सीएम सुक्खू दागदार अधिकारियों को अपने सलाहकार मंडल की फौज में शामिल करते हैं. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के विकास में अपना सहयोग देने वाले अधिकारियों को लेने से इनकार कर देते हैं. अपने चहेते मित्रों और नजदीकी लोगों पर पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाने वाले मुख्यमंत्री को प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से ऐतराज क्यों है? अगर आज सरकार नए अधिकारी नहीं लेगी तो फिर कल कैसे प्रदेश को जरूरत के अनुसार अधिकारी मिलेंगे? उन अधिकारियों का काम कौन करेगा? क्या मुख्यमंत्री अधिकारियों के काम अपने मित्रों से ही करवाना चाहते हैं? वह जान लें कि अधिकारियों के काम अधिकारी करते हैं, मुख्यमंत्री के खासम खास मित्र नहीं. इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वह व्यवस्था पतन के इस दौर को बंद करें."

'नियम-कानून का उल्लंघन कर रही सुक्खू सरकार'

नेता प्रतिपक्ष ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हम संविधान द्वारा दी गई संघीय व्यवस्था में रहते हैं. जिसकी एक खूबी है कि केंद्र और राज्य के बीच विभिन्न मुद्दों पर आपसी सहमति और समन्वय से काम किया जाता है. मगर मौजूदा प्रदेश सरकार हर नियम-कानून का उल्लंघन कर रही है. जयराम ठाकुर ने कहा कि नियम के अनुसार केंद्र द्वारा दिए जाने वाले अधिकारियों को प्रदेश सरकार द्वारा लेने से कैसे इनकार किया जा सकता है. अगर सरकार अधिकारियों को नहीं लेगी तो अधिकारियों के काम कौन करेगा? जयराम ने सीएम सुक्खू पर तंज कसते हुए कहा कि क्या आईएएस-आईपीएस अधिकारियों से लिए जाने वाले काम को मुख्यमंत्री अपने मित्रों से करवाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सुक्खू सरकार प्रदेश में चल रही समस्त व्यवस्थाओं का पतन करना चाहती है.

'प्रदेश पर लाद दिया करोड़ों रुपयों का बोझ'

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने जारी बयान में कहा, "जिस सरकार ने अपने असंवैधानिक कामों से प्रदेश पर करोड़ों रुपयों का बोझ लाद दिया हो, सलाहकारों की फौज खड़ी कर दी हो, कौड़ियों के भाव अपने मित्रों में कैबिनेट रैंक बांटी हो, नियमों के खिलाफ जाकर सीपीएस बनाकर प्रदेश पर करोड़ों रुपयों का बोझ डाल दिया हो और फिर उनकी नियुक्ति को जायज ठहराने के लिए वकीलों पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए हो, उनके मुंह से नैतिकता की बात शोभा नहीं देती है. जिस अधिकारी पर विपक्ष में रहते हुए सीएम भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे, आज उन्हीं अधिकारियों से सरकार चला रहे है."

'हास्यास्पद और शर्मनाक कदम'

जयराम ठाकुर ने कहा कि भ्रष्टाचार और वित्तीय अराजकता में डूबी ये सरकार संविधान के नियमों और निर्देशों की पूरी तरह से अवहेलना कर रही है. देश के इतिहास में ये पहला मामला है, जब किसी राज्य के सीएम ने कहा हो कि उसे अखिल भारतीय सेवाओं से अधिकारी नहीं चाहिए. जयराम ने कहा कि सीएम सुक्खू का ये कदम हास्यास्पद और शर्मनाक है. दुनिया की बेहतरीन एग्जाम से चुन कर आए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की हर राज्य ज्यादा से ज्यादा मांग करता है, ताकि राज्य के विकास के नए आयाम खुल सकें, लेकिन हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री रिटायर्ड सलाहकारों और अपने मित्रों के सहारे सरकार चलाना चाहते हैं.

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