शिमला: राजधानी शिमला के जाखू मंदिर में नगर निगम द्वारा गाड़ियां पार्क करने के लिए शुल्क वसूलने के फैसले का पूर्व पार्षद विरोध में उतर आए हैं और नगर निगम से मंदिर में गाड़ी खड़ी करने के लिए पैसे न वसूलने की चेतावनी दी. मंगलवार को पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान और नरेंद्र ठाकुर बचत भवन पहुंचे और नगर निगम की मासिक बैठक शुरू होने से पहले जाखू मंदिर में वसूली जा रही शुल्क का विरोध किया और सभी पार्षदों से सदन के अंदर इस मामले को उठाने की मांग की साथ ही (parking fee recovery in Jakhu temple) उन्होंने भाजपा शासित नगर निगम पर भगवान के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप लगाए.
पूर्व पार्षद सुरेंद्र चौहान (Former Councilor on parking fee recovery Jakhu temple) ने कहा कि जाखू मंदिर में पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग (parking fee recovery in Shimla) भी काफी तादाद में हर रोज जाते हैं और 10 मिनट के लिए लोग गाड़ी खड़ी करके मंदिर में दर्शन के लिए जाते है, लेकिन नगर निगम ने येलो लाइन लगा कर लोगों से शुल्क वसूला जा रहा है जोकि सही नहीं है. मंदिर का क्षेत्र जिला प्रशासन के तहत आता है ऐसे में नगर निगम कैसे वहां पर पार्किंग फीस वसूल सकता है.
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम लोगों को राहत देने के बजाय उनसे वूसली करने में लगा है. पानी कूड़ा हाउस टैक्स हर साल बड़ा रहा है. आज सभी पार्षदों से निगम की बैठक में इस फैसले का विरोध करने का अग्राह किया गया. वहीं, पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले लोगों से नगर निगम वसूली करने पर उतर आया है. नगर निगम स्मार्ट सिटी द्वारा कार्य करवाने का तर्क दे रहा है, जबकि वहां पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा ही कार्य करवाया जाता है ऐसे में नगर निगम तुरंत प्रभाव से लोगों से पार्किंग फीस वसूलना बंद कर दे.
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