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8.73 लाख बेरोजगार और 63 हजार करोड़ कर्ज का बोझ, हिमाचल में कसौटी पर कांग्रेस के चुनावी वादे

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 ( Himachal Assembly Elections 2022) में अभी भले ही वक्त है लेकिन जीत में कोई कमी न रह जाए इसके लिए कांग्रेस अभी से फूंक-फूंक कर आगे कदम बढ़ा रही है. प्रदेश में जनता को लुभाने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता आए दिन एक से बढ़कर एक वादे कर रहे हैं. पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने मां चिंतपूर्णी की कसम खाते हुए कई वादे किए. वहीं, अब इससे भी आगे बढ़ते हुए कांग्रेस के पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने शिमला में कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार पांच लाख युवाओं को रोजगार देगी. पढ़ें, पूरी खबर...

Congress election manifesto
कांग्रेस के चुनावी वादे
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Published : Aug 8, 2022, 7:40 PM IST

शिमला: चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस वादों की बौछार कर रहा है. कांग्रेस के बड़े नेता मुकेश अग्निहोत्री ने घोषणा पत्र जारी होने से पहले ही वादा कर दिया कि सत्ता में आने पर 18 साल की किशोरियों से लेकर साठ साल की महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए प्रति महीना दिए जाएंगे. बाद में उनके दावे पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मुहर लगाई. सोमवार को कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने दो कदम आगे बढ़कर कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार पांच लाख युवाओं को रोजगार देगी.

इसके अलावा सरकार बनाने के दस दिन के भीतर ओपीएस लागू की जाएगी. कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपेश बघेल की इन घोषणाओं के बाद हिमाचल के सियासी गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है. हिमाचल प्रदेश पर 63 हजार करोड़ रुपए का कर्ज (Debt Bured in Himachal Pradesh) है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में रोजगार कार्यालयों में 8.73 लाख बेरोजगार युवा पंजीकृत हैं. सरकार का खजाना ओपीएस का लाभ देने की स्थिति में नहीं है और न ही अपने बूते 18 से 60 साल की फीमेल को हर महीने पंद्रह सौ रुपए देने की व्यवस्था हो सकती है. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चुनाव के दौरान सियासी दलों की तरफ से मुफ्त की रेवड़ियां बंद करने के तरीके तलाश करने को कहा है. केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना है. ऐसे में हिमाचल में कांग्रेस के दावों और वादों की पड़ताल जरूरी है.

हिमाचल में बोरोजगार युवाओं की संख्या: हिमाचल प्रदेश में 8.73 लाख बेरोजगार युवा (Unemployment in Himachal Pradesh) हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या 1,84,793 है. उसके बाद सीएम के गृह जिला मंडी का नंबर आता है. मंडी जिले में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 1,66,051 है. दिसंबर 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश में 1.68 लाख से अधिक युवाओं ने रोजगार के लिए नाम दर्ज करवाया. सरकार सेक्टर में 1301 नौकरियों में से 616 की प्लेसमेंट हुई. निजी सेक्टर में दिसंबर 2021 तक 2183 युवाओं को रोजगार मिला. अब कांग्रेस एक साल में पांच लाख रोजगार कैसे उपलब्ध करवाएगी, ये बड़ा सवाल है.

हिमाचल पर कर्ज: वहीं, दूसरी तरफ देखें तो हिमाचल प्रदेश पर इस समय 63 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज (Debt Bured in Himachal Pradesh) है. हिमाचल में 18 से 60 साल की फीमेल की संख्या अगर 20 लाख भी मानी जाए तो सालाना 3600 करोड़ रुपए इसके लिए चाहिए. हिमाचल का कुल बजट का आकार 50 हजार करोड़ से कुछ अधिक है. विकास कार्यों को लेकर हिमाचल प्रदेश केंद्र और एक्सटर्नल फंडिड प्रोजेक्ट पर निर्भर है. इस तरह यथार्थ की कसौटी पर कसें तो कांग्रेस के दावों पर सवालिया निशान लगते हैं.

ओपीएस के लिए कहां से आएंगे पैसे?: कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपेश बघेल (Congress observer Bhupesh Baghel) से भी इस बारे में सवाल किया गया कि पैसे आएंगे कहां से तो उन्होंने कहा कि इसकी व्यवस्था की जाएगी, जैसे दूसरे प्रदेश में किया है. कुल मिलाकर उन्होंने तथ्यों पर आधारित बात नहीं की. अलबत्ता उन्होंने ओपीएस को लेकर कहा कि कर्मचारियों और राज्य सरकार का पैसा केंद्र के पास है. छत्तीसगढ़ में ओपीएस लागू किया गया है. इसके लिए केंद्र से लड़ाई लड़ी जाएगी. छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का खाता खोला जाएगा. रास्ता निकाला जाएगा.

अलबत्ता वे इस बात का जवाब नहीं दे सके कि केंद्र ने राजस्थान सरकार के पत्राचार को लेकर जो कहा है, उससे ओपीएस लागू करने के रास्ते में कई बाधाएं हैं. न ही भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel visit shimla) इस बात का संतोषजनक जवाब दे सके कि वे अपने राज्य में एनपीएस का कंट्रीब्यूशन कैसे बंद करेंगे. ऐसे में कांग्रेस के दावों पर आने वाले समय में सवाल उठेंगे.

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: वरिष्ठ मीडिया कर्मी ओपी ठाकुर का कहना है कि चुनावी साल में वादे करना आसान है. उन्हें घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाता है, लेकिन पूरे करने के लिए जिस तरह से साधन और संसाधन चाहिए, उस पर कोई दल होमवर्क नहीं करता. इससे इतर, एक बात दर्ज करना जरूरी है कि जब मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने महिलाओं को 1500 रुपए प्रति महीना देने का वादा किया था तो कांग्रेस प्रचार कमेटी के प्रमुख सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Congress campaign committee chief Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा था कि ये उनके मन के भाव हैं.

पार्टी के बीच इस तरह का विरोधाभास है, लेकिन पर्यवेक्षक बनाए गए भूपेश बघेल जोर-शोर से वादे कर गए हैं. सीएम जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल (CM Jairam Political Advisor Trilok Jamwal) ने कहा कि ये छत्तीसगढ़ में पहले लागू किया जाए. कांग्रेस चुनावी साल में स्टंटबाजी कर रही है. कांग्रेस ने पूर्व में भी हिमाचल में बेरोजगार युवाओं को रोजगार भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें: 'ओल्ड पेंशन स्कीम होगी बहाल, 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह, 5 लाख युवाओं को रोजगार'

शिमला: चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस वादों की बौछार कर रहा है. कांग्रेस के बड़े नेता मुकेश अग्निहोत्री ने घोषणा पत्र जारी होने से पहले ही वादा कर दिया कि सत्ता में आने पर 18 साल की किशोरियों से लेकर साठ साल की महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए प्रति महीना दिए जाएंगे. बाद में उनके दावे पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मुहर लगाई. सोमवार को कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने दो कदम आगे बढ़कर कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार पांच लाख युवाओं को रोजगार देगी.

इसके अलावा सरकार बनाने के दस दिन के भीतर ओपीएस लागू की जाएगी. कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपेश बघेल की इन घोषणाओं के बाद हिमाचल के सियासी गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है. हिमाचल प्रदेश पर 63 हजार करोड़ रुपए का कर्ज (Debt Bured in Himachal Pradesh) है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में रोजगार कार्यालयों में 8.73 लाख बेरोजगार युवा पंजीकृत हैं. सरकार का खजाना ओपीएस का लाभ देने की स्थिति में नहीं है और न ही अपने बूते 18 से 60 साल की फीमेल को हर महीने पंद्रह सौ रुपए देने की व्यवस्था हो सकती है. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चुनाव के दौरान सियासी दलों की तरफ से मुफ्त की रेवड़ियां बंद करने के तरीके तलाश करने को कहा है. केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना है. ऐसे में हिमाचल में कांग्रेस के दावों और वादों की पड़ताल जरूरी है.

हिमाचल में बोरोजगार युवाओं की संख्या: हिमाचल प्रदेश में 8.73 लाख बेरोजगार युवा (Unemployment in Himachal Pradesh) हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या 1,84,793 है. उसके बाद सीएम के गृह जिला मंडी का नंबर आता है. मंडी जिले में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 1,66,051 है. दिसंबर 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश में 1.68 लाख से अधिक युवाओं ने रोजगार के लिए नाम दर्ज करवाया. सरकार सेक्टर में 1301 नौकरियों में से 616 की प्लेसमेंट हुई. निजी सेक्टर में दिसंबर 2021 तक 2183 युवाओं को रोजगार मिला. अब कांग्रेस एक साल में पांच लाख रोजगार कैसे उपलब्ध करवाएगी, ये बड़ा सवाल है.

हिमाचल पर कर्ज: वहीं, दूसरी तरफ देखें तो हिमाचल प्रदेश पर इस समय 63 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज (Debt Bured in Himachal Pradesh) है. हिमाचल में 18 से 60 साल की फीमेल की संख्या अगर 20 लाख भी मानी जाए तो सालाना 3600 करोड़ रुपए इसके लिए चाहिए. हिमाचल का कुल बजट का आकार 50 हजार करोड़ से कुछ अधिक है. विकास कार्यों को लेकर हिमाचल प्रदेश केंद्र और एक्सटर्नल फंडिड प्रोजेक्ट पर निर्भर है. इस तरह यथार्थ की कसौटी पर कसें तो कांग्रेस के दावों पर सवालिया निशान लगते हैं.

ओपीएस के लिए कहां से आएंगे पैसे?: कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपेश बघेल (Congress observer Bhupesh Baghel) से भी इस बारे में सवाल किया गया कि पैसे आएंगे कहां से तो उन्होंने कहा कि इसकी व्यवस्था की जाएगी, जैसे दूसरे प्रदेश में किया है. कुल मिलाकर उन्होंने तथ्यों पर आधारित बात नहीं की. अलबत्ता उन्होंने ओपीएस को लेकर कहा कि कर्मचारियों और राज्य सरकार का पैसा केंद्र के पास है. छत्तीसगढ़ में ओपीएस लागू किया गया है. इसके लिए केंद्र से लड़ाई लड़ी जाएगी. छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का खाता खोला जाएगा. रास्ता निकाला जाएगा.

अलबत्ता वे इस बात का जवाब नहीं दे सके कि केंद्र ने राजस्थान सरकार के पत्राचार को लेकर जो कहा है, उससे ओपीएस लागू करने के रास्ते में कई बाधाएं हैं. न ही भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel visit shimla) इस बात का संतोषजनक जवाब दे सके कि वे अपने राज्य में एनपीएस का कंट्रीब्यूशन कैसे बंद करेंगे. ऐसे में कांग्रेस के दावों पर आने वाले समय में सवाल उठेंगे.

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ: वरिष्ठ मीडिया कर्मी ओपी ठाकुर का कहना है कि चुनावी साल में वादे करना आसान है. उन्हें घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाता है, लेकिन पूरे करने के लिए जिस तरह से साधन और संसाधन चाहिए, उस पर कोई दल होमवर्क नहीं करता. इससे इतर, एक बात दर्ज करना जरूरी है कि जब मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने महिलाओं को 1500 रुपए प्रति महीना देने का वादा किया था तो कांग्रेस प्रचार कमेटी के प्रमुख सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Congress campaign committee chief Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा था कि ये उनके मन के भाव हैं.

पार्टी के बीच इस तरह का विरोधाभास है, लेकिन पर्यवेक्षक बनाए गए भूपेश बघेल जोर-शोर से वादे कर गए हैं. सीएम जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल (CM Jairam Political Advisor Trilok Jamwal) ने कहा कि ये छत्तीसगढ़ में पहले लागू किया जाए. कांग्रेस चुनावी साल में स्टंटबाजी कर रही है. कांग्रेस ने पूर्व में भी हिमाचल में बेरोजगार युवाओं को रोजगार भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें: 'ओल्ड पेंशन स्कीम होगी बहाल, 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह, 5 लाख युवाओं को रोजगार'

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