शिमला: सत्ता का सेमीफाइनल में जीत की हुंकार का का दावा कर रही प्रदेश कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान में उतर गई है. कांग्रेस ने चारों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. मंडी संसदीय क्षेत्र से पार्टी ने पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट (Jubbal Kotkhai Assembly seat) पर पूर्व संसदीय सचिव रहे रोहित ठाकुर, अर्की विधानसभा सीट से संजय अवस्थी और फतेहपुर विधानसभा सीट से भवानी सिंह पठानिया को चुनावी मैदान में उतारा है.
पार्टी नामांकन के दिन शक्ति प्रदर्शन कर अपना दमखम दिखाएगी. पार्टी मुख्यालय में इसकी रणनीति तैयार की गई. प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी संजय दत्त (State Congress co-in-charge Sanjay Dutt) ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी मैदान में डट जाने के निर्देश दिए हैं. नामांकन के साथ ही प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया जाएगा. 7 और 8 अक्टूबर को ही ज्यादातर प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. 7 अक्टूबर से नवरात्रि की भी शुरुआत हो रही है. इस दिन से प्रचार की शुरुआत भी की जाएगी. प्रतिभा सिंह के नामांकन में पार्टी के दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे. पार्टी नामांकन के लिए अपने दिग्गज नेताओं की ड्यूटियां भी लगाएगी.
मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. प्रतिभा सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र से पहले भी सांसद रह चुकी हैं. 2004 में प्रतिभा सिंह ने मंडी संसदीय सीट से 64 हजार 566 मतों से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा मंडी संसदीय क्षेत्र में 30 जून 2013 को हुए उपचुनाव में भी उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बड़े मार्जिन से हराया था. उन्हें उपचुनाव में 1 लाख 36 हजार 704 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा. प्रतिभा सिंह को 3 लाख 53 हजार 469 मत मिले थे हालांकि 2014 में प्रतिभा सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ऐसे में अब मंडी संसदीय सीट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. कांग्रेस पूर्व सीएम स्व वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनावी मैदान में उतरेंगी.
वहीं, जुब्बल कोटखाई से रोहित ठाकुर को कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है. रोहित ठाकुर दो बार यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि 2017 में उन्हें बीजेपी के स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा से हार मिली थी. 2003 रोहित ठाकुर यहां से पहली बार विधायक बने थे और 2007 में वे हारे थे, जबकि 2012 रोहित ठाकुर ने फिर यहां से जीत दर्ज की थी. वहीं, 2017 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, इस बार फिर कांग्रेस ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है.
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सोलन के अर्की से कांग्रेस ने भारी विरोध के बीच एक बार फिर संजय अवस्थी को टिकट दे दी है. संजय अवस्थी 2012 में चुनाव लड़े थे और हार गए थे. वहीं, 2017 में इस विधानसभा क्षेत्र से स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने चुनाव लड़ा और उन्हें जीत मिली थी. वहीं, उनके निधन के बाद दोबारा चुनाव हो रहे हैं और कांग्रेस की ओर से राजेन्द्र ठाकुर ने भी दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें टिकट न देकर संजय अवस्थी पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है, जिसका विरोध शुरू हो गया है और अर्की ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे यहां कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
वहीं, कांगड़ा के फतेहपुर से सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया को कांग्रेस उम्मीदवार घोषित किया है. फतेहपुर सीट पर काफी लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा रहा है और सुजान सिंह पठानिया इस सीट से जीतते आ रहे थे. वहीं, उनके निधन के बाद उनके पुत्र भवानी सिंह को यहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित किया है.
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