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ठेकेदारों के समर्थन में उतरे विधायक विक्रमादित्य सिंह, बर्फबारी में अव्यवस्थाओं को लेकर भी सरकार को घेरा - हिमाचल में बर्फबारी

हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, बर्फबारी में अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार अब कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सरकार को घेरा है. इसके साथ ही उन्होंने ठेकेदारों का भी समर्थन किया है और सरकार से जल्द ठेकेदारों के मसलों (Demands of contractors of Himachal) को सुलझाने की मांग उठाई है.

Vikramaditya Singh on contractors
ठेकेदारों पर विक्रमादित्य सिंह
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Published : Feb 5, 2022, 4:38 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 5:42 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. जहां एक ओर कई जिलों में बर्फबारी के चलते सड़कें बंद हैं. वहीं, ठेकेदारों ने भी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है. ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती है. अब इन ठेकेदारों के समर्थन में कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह उतर आए हैं और सरकार से जल्द ठेकेदारों के मसलों (Demands of contractors of Himachal) को सुलझाने की मांग उठाई है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा की प्रदेश में दो दिन तगातार भारी बर्फबारी (Snowfall in Himachal) हुई है. मौसम विभाग ने पहले ही इसको लेकर अलर्ट जारी किया था. बावजूद इसके ये सरकार कुंभकरण की नींद सोई हुई है. उन्होंने कहा कि शिमला, किन्नौर, लाहौल स्पीति, चंबा में सड़कें बंद हैं. वहीं, प्रदेश के ठेकेदारों ने भी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. ठेकेदार सरकार की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है.

उन्होंने कहा कि सरकार के पास अपनी मशीनरी नहीं है और ठेकेदार ही सभी कार्य करते हैं, लेकिन जीएसटी की लंबित राशि का भुगतान न करने और डब्ल्यू फॉर्म के नियमों को सख्ती से लागू करने के विरोध में ठेकेदार हड़ताल पर जा रहे हैं. ऐसे में सड़कों से बर्फ हटाने सहित अन्य कार्य प्रभावित हो सकते हैं और अब अधिकारी दोगुनी लागत पर सड़कों से बर्H हटाने के टेंडर करेंगे. उन्होंने कहा कि बर्फ हटाने के कार्य में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार होता है.

वीडियो.

विधानसभा में हर बार सवाल लगाया जाता है कि कितनी बर्फ हटाई गई. लेकिन, इसका कोई लेखा जोखा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर ठेकेदार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुला कर उनसे बात करनी चाहिए और इसके लिए लोक निर्माण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरह ये सरकार डबल इंजन सरकार की बाते करती है और पैसे की कोई कमी न होने की बात करती है.

वहीं, ठेकेदारों (Vikramaditya Singh supported contractors of Himachal) को जब पैसे देने की बात आती है, तो इस सरकार के हाथ खड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये डबल इंजन की सरकार जरा भी गंभीर नजर नहीं आती है. आपदा के अंतिम समय में सरकार और प्रशासन की नींद खुलती है. उन्होंने कहा कि शिमला शहर में सरकार अभी तक सड़कें नहीं खोल पाई है. जिससे अंदाजा लगया जा सकता है कि ये सरकार कितनी गंभीर है.

ये भी पढ़ें: लाहौल स्पीति में बनेगी हवाई पट्टियां, शाहपुर आईटीआई में ड्रोन की शिक्षा शुरू: रामलाल मार्कंडेय

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. जहां एक ओर कई जिलों में बर्फबारी के चलते सड़कें बंद हैं. वहीं, ठेकेदारों ने भी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है. ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती है. अब इन ठेकेदारों के समर्थन में कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह उतर आए हैं और सरकार से जल्द ठेकेदारों के मसलों (Demands of contractors of Himachal) को सुलझाने की मांग उठाई है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा की प्रदेश में दो दिन तगातार भारी बर्फबारी (Snowfall in Himachal) हुई है. मौसम विभाग ने पहले ही इसको लेकर अलर्ट जारी किया था. बावजूद इसके ये सरकार कुंभकरण की नींद सोई हुई है. उन्होंने कहा कि शिमला, किन्नौर, लाहौल स्पीति, चंबा में सड़कें बंद हैं. वहीं, प्रदेश के ठेकेदारों ने भी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. ठेकेदार सरकार की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है.

उन्होंने कहा कि सरकार के पास अपनी मशीनरी नहीं है और ठेकेदार ही सभी कार्य करते हैं, लेकिन जीएसटी की लंबित राशि का भुगतान न करने और डब्ल्यू फॉर्म के नियमों को सख्ती से लागू करने के विरोध में ठेकेदार हड़ताल पर जा रहे हैं. ऐसे में सड़कों से बर्फ हटाने सहित अन्य कार्य प्रभावित हो सकते हैं और अब अधिकारी दोगुनी लागत पर सड़कों से बर्H हटाने के टेंडर करेंगे. उन्होंने कहा कि बर्फ हटाने के कार्य में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार होता है.

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विधानसभा में हर बार सवाल लगाया जाता है कि कितनी बर्फ हटाई गई. लेकिन, इसका कोई लेखा जोखा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर ठेकेदार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुला कर उनसे बात करनी चाहिए और इसके लिए लोक निर्माण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरह ये सरकार डबल इंजन सरकार की बाते करती है और पैसे की कोई कमी न होने की बात करती है.

वहीं, ठेकेदारों (Vikramaditya Singh supported contractors of Himachal) को जब पैसे देने की बात आती है, तो इस सरकार के हाथ खड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये डबल इंजन की सरकार जरा भी गंभीर नजर नहीं आती है. आपदा के अंतिम समय में सरकार और प्रशासन की नींद खुलती है. उन्होंने कहा कि शिमला शहर में सरकार अभी तक सड़कें नहीं खोल पाई है. जिससे अंदाजा लगया जा सकता है कि ये सरकार कितनी गंभीर है.

ये भी पढ़ें: लाहौल स्पीति में बनेगी हवाई पट्टियां, शाहपुर आईटीआई में ड्रोन की शिक्षा शुरू: रामलाल मार्कंडेय

Last Updated : Feb 5, 2022, 5:42 PM IST
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