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परवाणू और ऊना में फूलों के लिए सब्जी मंडी में जल्द बनेंगे कोल्ड स्टोर - हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी

हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए कलेक्शन यार्ड भी बनाए गए हैं. फल व सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो और फसल बाजार तक पहुंचे, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है.

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Published : Apr 9, 2021, 10:08 PM IST

शिमला: फूलों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए प्रदेश में कोल्ड स्टोर मंडियों को खोलने की आवश्यकता है. इसके लिए परवाणू व ऊना में फूलों के लिए सब्जी मंडी में कोल्ड स्टोर बनाए जा सकते हैं. यह निर्णय फूल क्रेता-विक्रेता सदस्यों की बैठक में लिया गया.

किसानों की सुविधा के लिए कलेक्शन यार्ड बनाए गए

बैठक में हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए कलेक्शन यार्ड भी बनाए गए हैं. फल व सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो और फसल बाजार तक पहुंचे, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है. पिछले दिनों कोरोना की वजह से किसानों-बागवानों की फसलें, विशेषकर फूलों की खेती के लिए मार्केटिंग उपलब्ध न होने के कारण काफी प्रभावित हुई है.

पॉली हाउसों में तैयार सब्जियां व फूल, कोरोना की वजह से बाजार तक नहीं पहुंच सके और पूरी तरह तबाह हो गए. जिस कारण किसानों की आर्थिकी को भी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं खुद किसान हूं, इसलिए किसानों-बागवानों की दिक्कतों को भली-भांति जानता हूं. किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले, इसके लिए प्रयास जारी है.

फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में प्रावधान

भंडारी ने कहा कि इस वित्त वर्ष के बजट में कृषि उपज को बढ़ाने के लिए की गई अनेक घोषणाओं के साथ-साथ फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि विपणन बोर्ड के अधीन 10 एपीएमसी कार्य कर रही हैं. जो किन्नौर व लाहौल-स्पीति के अलावा अन्य सभी 10 जिलों में संचालित हैं.

प्रबन्ध निदेशक कृषि विपणन बोर्ड नरेश ठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 238 हेक्टेयर भूमि पर बने पॉली हाउसों में फूलों का उत्पादन किया जा रहा है. जबकि 400 हेक्टेयर खुली जमीन पर फूलों की खेती की जा रही है. लॉकडाउन के दौरान सब्जी व फूलों की मार्केटिंग की दिक्कतों को देखते हुए 17 फरवरी व 25 मार्च को दिल्ली गाजीपुर के ट्रेडर्स व बायर्स तथा उत्पादकों के साथ बैठक की गई. मीटिंग से निकले निष्कर्ष के आधार पर किसानों बागवानों को मार्केटिंग की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई गई. बैठक के मुख्य बिंदुओं को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य जारी है.

ये भी पढ़ें: सीएम जयराम ठाकुर ने 'चलो चंबा अभियान-2021' का किया शुभारंभ

शिमला: फूलों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए प्रदेश में कोल्ड स्टोर मंडियों को खोलने की आवश्यकता है. इसके लिए परवाणू व ऊना में फूलों के लिए सब्जी मंडी में कोल्ड स्टोर बनाए जा सकते हैं. यह निर्णय फूल क्रेता-विक्रेता सदस्यों की बैठक में लिया गया.

किसानों की सुविधा के लिए कलेक्शन यार्ड बनाए गए

बैठक में हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए कलेक्शन यार्ड भी बनाए गए हैं. फल व सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो और फसल बाजार तक पहुंचे, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है. पिछले दिनों कोरोना की वजह से किसानों-बागवानों की फसलें, विशेषकर फूलों की खेती के लिए मार्केटिंग उपलब्ध न होने के कारण काफी प्रभावित हुई है.

पॉली हाउसों में तैयार सब्जियां व फूल, कोरोना की वजह से बाजार तक नहीं पहुंच सके और पूरी तरह तबाह हो गए. जिस कारण किसानों की आर्थिकी को भी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं खुद किसान हूं, इसलिए किसानों-बागवानों की दिक्कतों को भली-भांति जानता हूं. किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले, इसके लिए प्रयास जारी है.

फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में प्रावधान

भंडारी ने कहा कि इस वित्त वर्ष के बजट में कृषि उपज को बढ़ाने के लिए की गई अनेक घोषणाओं के साथ-साथ फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कृषि विपणन बोर्ड के अधीन 10 एपीएमसी कार्य कर रही हैं. जो किन्नौर व लाहौल-स्पीति के अलावा अन्य सभी 10 जिलों में संचालित हैं.

प्रबन्ध निदेशक कृषि विपणन बोर्ड नरेश ठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 238 हेक्टेयर भूमि पर बने पॉली हाउसों में फूलों का उत्पादन किया जा रहा है. जबकि 400 हेक्टेयर खुली जमीन पर फूलों की खेती की जा रही है. लॉकडाउन के दौरान सब्जी व फूलों की मार्केटिंग की दिक्कतों को देखते हुए 17 फरवरी व 25 मार्च को दिल्ली गाजीपुर के ट्रेडर्स व बायर्स तथा उत्पादकों के साथ बैठक की गई. मीटिंग से निकले निष्कर्ष के आधार पर किसानों बागवानों को मार्केटिंग की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई गई. बैठक के मुख्य बिंदुओं को अमलीजामा पहनाने के लिए कार्य जारी है.

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