शिमला: राज्यस्तरीय वन महोत्सव दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधारोपण करना अति आवश्यक कार्य है लेकिन पौधों की देखभाल और उनका संरक्षण भी अति आवश्यक है. हिमाचल प्रदेश इस दिशा में भी आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में जो प्लांटेशन की जा रही है उसमें अभी तक 70 प्रतिशत सफलता हासिल हुई है. इसे और अधिक बढ़ाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि अगले साल प्लांटेशन करने से पहले यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पिछले साल लगाए गए पौधे किस दिशा में हैं. क्या उनकी उचित देखभाल हो रही है और पौधा सही गति से बढ़ रहा है या नहीं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह पहला अवसर है जहां किस प्रकार से एक साथ 41वन मंडलों, 36 क्षेत्रीय और 5वन्य प्राणी मंडलों में एक साथ जुड़कर पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में प्रदेश भर में आज के दिन ही 50 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा इस साल 1 करोड 20 लाख पौधे लगने का लक्ष्य रखा गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात चाहे कितनी भी जटिल हो लेकिन उसके बावजूद बेहतर काम करने के लिए रास्ता खोजना यह आज की आवश्यकता भी है और इसके लिए मैं विभाग और वन मंत्री दोनों को बधाई देता हूं. संकट की इस घड़ी में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जहां भी आवश्यक है कि बड़ी भीड़ एक जगह एकत्रित ना हो इसलिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को उपयोग में लाते हुए इस प्रकार के कार्यक्रम करना चाहिए.
हिमाचल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया में जाना जाता है. प्राकृतिक और हमारे वन आज के दौर में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं जिनको हमने वर्षों से सहेज कर रखा है. इसके लिए वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में जहां हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने बेहतरीन काम किया है. नए-नए कदम उठाए हैं वह स्वाभाविक रूप से सराहनीय है. उन्होंने कहा कि वन विभाग ने 30 प्रतिशत क्षेत्र को वनों के अधीन लाने का लक्ष्य रखा है वह सराहनीय है.
जागरूक हो रही प्रदेश की जनता
हिमाचल प्रदेश में एक समय ऐसा भी था जब लोग जंगलों से भारी मात्रा में लकड़ी और वन संपदा का दोहन करते थे. जिसकी वजह से वनों को भारी नुकसान पहुंचा लेकिन धीरे-धीरे समय बदला कानून सख्त हुए और सरकारों की जागरूकता के कारण अब प्रदेश की जनता जागरुक हो चुकी हैं. अब लोगों को पता लग चुका है कि वनों का संरक्षण उनके जीवन में कितना महत्वपूर्ण है. आज हिमाचल प्रदेश में जंगल से पेड़ काटना लगभग असंभव हो गया है विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन अभी भी उनके संरक्षण के लिए जन सहभागिता अति आवश्यक है.
हिमाचल में फिर आशियाना बसाना चाहते हैं लोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के कारण विदेश से लोग भी वापस हिमाचल प्रदेश जा रहे हैं और हिमाचल में फिर से अपना आशियाना स्थापित करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं संकट की घड़ी में वर्षों से विदेशों में जीवन यापन कर रहे हैं लोग फिर से अपने घर अपने गांव वापस पहुंचे हैं, और यहीं पर फिर से जीवन यापन के लिए कोशिशें कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वायरस के दौरान हिमाचल प्रदेश में बेहतर कार्य किया है वह बात राष्ट्रीय स्तर पर साबित हो चुकी है.