शिमला: जिस गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले ने पूरे प्रदेश को झंझोरकर रख दिया था और कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ा था, उसी घटना पर प्रतिभा सिंह के बयान के बाद एक बार फिर से प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड पर दिए बयान को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण (cm jairam reaction on Pratibha Singh controversial statement) बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड़िया के साथ हुए दुष्कर्म व फिर उसकी हत्या से ना केवल प्रदेश बल्कि देश भर में आक्रोश था. प्रतिभा सिंह का ये बयान कि वो छोटा मामला था, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
प्रतिभा सिंह का बयान: दरअसल प्रतिभा सिंह ने लाहौल स्पीति दौरे के दौरान कहा था कि भाजपा (Pratibha Singh statement on Kotkhai Gudiya case) ने उस मामले को भुनाने का पूरा प्रयास किया, जबकि इतना बड़ा कोई मामला नहीं था. इतना कुछ हुआ ही नहीं था.
इसके साथ ही प्रतिभा सिंह ने कहा कि अब पुलिस भर्ती भर्ती पेपर प्रदेश में लीक हो गया और उसको दबाने का प्रयास यह सरकार कर रही है. कांग्रेस लगातार इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही थी. मुख्यमंत्री ने इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने की बात तो कही, लेकिन अभी तक जहां से शुरू नहीं की गई और अब मुख्यमंत्री भी इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं, जबकि देश के हजारों युवाओं के भविष्य के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है.
नीलू ने की दुष्कर्म के बाद हत्या: गुड़िया के लिए 4 जुलाई, 2017 का वो मनहूस दिन था, जब वो स्कूल से घर के लिए अकेली निकली. जान-पहचान का रास्ता और वही जाने-पहचाने दांदी के जंगल के देवदार, लेकिन एक दरिंदे के वहशीपन ने एक मासूम के सपने का संसार पल भर में नष्ट कर दिया. गुड़िया को अकेला पाकर चरानी नीलू के भीतर का शैतान जाग गया और उसने दरिंदगी की हदें पार करते हुए गुड़िया के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी.
बता दें कि कोटखाई के दांदी जंगल में दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ 4 जुलाई 2017 को दुष्कर्म हुआ और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. दो दिन बाद उसका पार्थिव शरीर नग्न अवस्था में एक खाई में मिला. जनता के आक्रोश का दबाव और हाईकोर्ट की पहल पर जांच सीबीआई को सौंपी गई. नौ महीने की जांच में सीबीआई ने गुड़िया के गुनहगार को पकड़ लिया, लेकिन इस बीच, राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम के अफसर भी लापरवाही के कारण कानून के शिकंजे में आए. आईजी रैंक के अफसर को जेल जाना पड़ा.
शिमला पुलिस ने पहले जांच की और फिर सरकार ने जांच के लिए एसआईटी बना दी. एसआईटी ने कथित रूप से तत्परता दिखाते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया और पुलिस ने शिमला में मीडिया से बातचीत में अपनी पीठ थपथपा ली. इसी बीच, एसआईटी द्वारा गिरफ्तार किए गए एक नेपाली की हवालात में मौत हो गई. इससे मामला बिगड़ गया. जन आक्रोश फैला तो जांच सीबीआई को दी गई. सीबीआई ने गुड़िया रेप एंड मर्डर केस से पहले हवालात में मौत का केस सुलझाने पर फोकस किया और एसआईटी के मुखिया जहूर जैदी सहित अन्य को गिरफ्तार कर लिया था.