शिमला: नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के विरोध में राजधानी शिमला में सीटू ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. सीटू का कहना है नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में बेचकर बड़ी साजिश की जा रही है. केंद्र की सरकार पूंजीपतियों के आगे नतमस्तक हैं.
नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के विरोध में सीटू ने आज देश भर में प्रदर्शन किया. शिमला में भी उपायुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया व केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि पिछले 70 सालों में भारत दुनिया के नक्शे पर उभर कर सामने आया, लेकिन पिछले 7 वर्षों में सभी क्षेत्रों को बेचा जा रहा है.
एनमपी के नाम पर रेलवे ट्रैक, एयरपोर्ट, नेसशनल हाईवे, कोयला, बंदरगाहों को बेचने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा कि 22 हजार किमी. राष्ट्रीय मार्गों को पांच गुना कम मूल्यों पर बेचा जा रहा है. सात साल पूर्व 16 लाख कर्मचारी सरकारी विभागों में काम कर रहे थे, लेकिन 7 साल बाद अब 9 लाख 80 हजार बचे हैं.
कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जा रहा है. प्रदेश में सरकारी उपक्रमों को अपना पैसा निजी बैंकों में जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है. इसके लिए बड़े अधिकारियों, मंत्रियों द्वारा कर्मचारियों को फोन किया जा रहा है. यह निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए षड्यंत्र है.
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