ETV Bharat / city

कोरोना से जंग में सीएम जयराम ने थपथपाई अपनी सरकार की पीठ, बोले- हिमाचल सरकार ने किया बेहतर काम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हिमाचल सरकार ने बेहतर काम किया है. उन्होंने कोरोना को थामे रखने और सक्रियता से काम करने को लेकर अपनी सरकार की पीठ थपथपाई है.

Chief Minister Jairam Thakur held a press conference
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
author img

By

Published : Jun 4, 2020, 10:39 PM IST

शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हिमाचल सरकार ने बेहतर काम किया है. उन्होंने कोरोना को थामे रखने और सक्रियता से काम करने को लेकर अपनी सरकार की पीठ थपथपाई है.

मुख्यमंत्री ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कोरोना से लड़ाई में बीजेपी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी और कहा कि प्रदेश में अब रोजाना डेढ़ हजार तक सैंपल जांचे जा रहे हैं. यहीं नहीं, कई मामलों में हिमाचल की औसत राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकार की एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया को सराह चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार के सक्रिय प्रयासों से राज्य में कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति नहीं आई. बाहर से लाए गए लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया. हिमाचल सरकार प्रदेश के बाहर से एक लाख सत्तर हजार लोगों को वापस लाई. बसों के माध्यम से 45 हजार लोग लाए गए. कुल 2200 बसें लगाई गई और इस पर साढ़े तीन करोड़ रुपए की रकम खर्च की गई.

वीडियो.

इसी तरह रेल के माध्यम से 6115 लोग हिमाचल वापस आए. इस पर सरकार ने 51 लाख रुपए खर्च किए. कुल 13 ट्रेन के माध्यम से हिमाचल के लोग वापस लाए गए. एक समय यानी 4 मई को हिमाचल प्रदेश में कोरोना का केवल एक मामला रह गया था. बाद में बाहर के प्रदेशों से अपने लोगों को लाया गया तो केस बढ़े, लेकिन अपने लोगों और छात्रों को लाना बेहद जरूरी था.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले कोरोना की जांच के लिए कोई लैब नहीं थी. फिर सरकार ने दो लैब शुरू की. इस समय पांच लैब में कोरोना के रोज अधिकतम डेढ़ हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं. सरकार तीन और लैब जल्द ही शुरू कर देगी.

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना केस में मृत्यु दर काफी कम है. ये राष्ट्रीय औसत से कम है. हिमाचल में इस समय कोरोना से 361 मामले हैं. इनमें से एक्टिव केस की संख्या 206 है. हिमाचल की रिकवरी रेट काफी अच्छी है और उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले एक हफ्ते में कम से कम 144 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो जाएंगे.

हिमाचल प्रदेश में कोरोना मरीजों की डेथ रेट का औसत 1.52 फीसदी है. वहीं, नेशनल लेवल पर ये औसत 2.48 फीसदी है. हिमाचल में प्रति मिलियन 4602 लोगों की जांच हो रही है. राष्ट्रीय स्तर पर ये औसत 2762 है. बाहर से जो लोग लाए गए उनमें से महाराष्ट्र से आए लोगों में से 161 पॉजिटिव हैं. दिल्ली से वापस आए लोगों में से 86 पॉजिटिव हैं. एक समय तबलीगी जमात ने चिंता बढ़ाई थी. उस समय चालीस में से 26 केस तबलीगियों से जुड़े थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य सभी लोगों की कोरोना से सुरक्षा है. उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार ने भी इस महामारी से निपटने की प्रक्रिया में कई कुछ सीखा है और जो कमियां महसूस हुई उन्हें दूर किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम का कांग्रेस पर जुबानी हमला, बोले- कोरोना की लड़ाई में कहां खर्च किए 12 करोड़ रुपये

शिमलाः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हिमाचल सरकार ने बेहतर काम किया है. उन्होंने कोरोना को थामे रखने और सक्रियता से काम करने को लेकर अपनी सरकार की पीठ थपथपाई है.

मुख्यमंत्री ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कोरोना से लड़ाई में बीजेपी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी और कहा कि प्रदेश में अब रोजाना डेढ़ हजार तक सैंपल जांचे जा रहे हैं. यहीं नहीं, कई मामलों में हिमाचल की औसत राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकार की एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया को सराह चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार के सक्रिय प्रयासों से राज्य में कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति नहीं आई. बाहर से लाए गए लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया. हिमाचल सरकार प्रदेश के बाहर से एक लाख सत्तर हजार लोगों को वापस लाई. बसों के माध्यम से 45 हजार लोग लाए गए. कुल 2200 बसें लगाई गई और इस पर साढ़े तीन करोड़ रुपए की रकम खर्च की गई.

वीडियो.

इसी तरह रेल के माध्यम से 6115 लोग हिमाचल वापस आए. इस पर सरकार ने 51 लाख रुपए खर्च किए. कुल 13 ट्रेन के माध्यम से हिमाचल के लोग वापस लाए गए. एक समय यानी 4 मई को हिमाचल प्रदेश में कोरोना का केवल एक मामला रह गया था. बाद में बाहर के प्रदेशों से अपने लोगों को लाया गया तो केस बढ़े, लेकिन अपने लोगों और छात्रों को लाना बेहद जरूरी था.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले कोरोना की जांच के लिए कोई लैब नहीं थी. फिर सरकार ने दो लैब शुरू की. इस समय पांच लैब में कोरोना के रोज अधिकतम डेढ़ हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं. सरकार तीन और लैब जल्द ही शुरू कर देगी.

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना केस में मृत्यु दर काफी कम है. ये राष्ट्रीय औसत से कम है. हिमाचल में इस समय कोरोना से 361 मामले हैं. इनमें से एक्टिव केस की संख्या 206 है. हिमाचल की रिकवरी रेट काफी अच्छी है और उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले एक हफ्ते में कम से कम 144 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो जाएंगे.

हिमाचल प्रदेश में कोरोना मरीजों की डेथ रेट का औसत 1.52 फीसदी है. वहीं, नेशनल लेवल पर ये औसत 2.48 फीसदी है. हिमाचल में प्रति मिलियन 4602 लोगों की जांच हो रही है. राष्ट्रीय स्तर पर ये औसत 2762 है. बाहर से जो लोग लाए गए उनमें से महाराष्ट्र से आए लोगों में से 161 पॉजिटिव हैं. दिल्ली से वापस आए लोगों में से 86 पॉजिटिव हैं. एक समय तबलीगी जमात ने चिंता बढ़ाई थी. उस समय चालीस में से 26 केस तबलीगियों से जुड़े थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य सभी लोगों की कोरोना से सुरक्षा है. उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार ने भी इस महामारी से निपटने की प्रक्रिया में कई कुछ सीखा है और जो कमियां महसूस हुई उन्हें दूर किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम का कांग्रेस पर जुबानी हमला, बोले- कोरोना की लड़ाई में कहां खर्च किए 12 करोड़ रुपये

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.