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CBI ने पटवारी परीक्षा में कथित धांधली की जांच रिपोर्ट की दायर, एक जून को होगी अगली सुनवाई - सीबीआई हिमाचल हाई कोर्ट रिपोर्ट

हिमाचल में पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली की जांच रिपोर्ट सीबीआई ने सील्ड कवर में हाईकोर्ट को दायर कर दी है. हाई कोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 1 जून को होगी.

CBI on patwari exam scam
CBI on patwari exam scam
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Published : May 29, 2020, 9:01 PM IST

शिमलाः प्रदेश में पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली की जांच रिपोर्ट सीबीआई ने सील्ड कवर में हाई कोर्ट के समक्ष दायर कर दी है. इस मामले में न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश चंदर भुसन बारोवालिया की खंडपीठ ने निदेशक लैंड रिकॉर्ड द्वारा दायर शपथपत्र के अवलोकन के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

इस मामले में न्यायालय ने पाया था कि परीक्षा में पूछे गए 100 में से 43 प्रश्न पहले से ली गई परीक्षाओं से लिए गए थे. कोर्ट ने शुरुआती सुनवाई के दौरान इस बात की संभावना जताई थी कि यह परीक्षा कुछ अधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के ली गई थी जिसके चलते इस मामले की आगामी जांच सीबीआई को सौंपी गई.

हाईकोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए. कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोल नंबर देने, प्रश्न पत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिस कारण सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए.

विज्ञापन के मुताबिक 1,194 पदों पर यह भर्ती होनी थी. अब इस मामले पर सुनवाई 1 जून को होगी.

ये भी पढ़ें- कब खत्म होगी दर्द की इंतहा... 6 KM तक पालकी में उठाकर सड़क तक पहुंचाई बीमार महिला

शिमलाः प्रदेश में पटवारी परीक्षा में हुई कथित धांधली की जांच रिपोर्ट सीबीआई ने सील्ड कवर में हाई कोर्ट के समक्ष दायर कर दी है. इस मामले में न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश चंदर भुसन बारोवालिया की खंडपीठ ने निदेशक लैंड रिकॉर्ड द्वारा दायर शपथपत्र के अवलोकन के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

इस मामले में न्यायालय ने पाया था कि परीक्षा में पूछे गए 100 में से 43 प्रश्न पहले से ली गई परीक्षाओं से लिए गए थे. कोर्ट ने शुरुआती सुनवाई के दौरान इस बात की संभावना जताई थी कि यह परीक्षा कुछ अधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के ली गई थी जिसके चलते इस मामले की आगामी जांच सीबीआई को सौंपी गई.

हाईकोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परीक्षा केंद्रों में बदइंतजामी के चलते सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए. कई परीक्षार्थियों को गलत परीक्षा केंद्र देने, दो-दो परीक्षार्थियों को एक ही रोल नंबर देने, प्रश्न पत्र बांटने में देरी जैसी घटनाएं होने से परीक्षा में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं, जिस कारण सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए.

विज्ञापन के मुताबिक 1,194 पदों पर यह भर्ती होनी थी. अब इस मामले पर सुनवाई 1 जून को होगी.

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