शिमला: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चार दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंच चुके हैं. इस बार राष्ट्रपति के साथ मिनिस्टर-इन-वेटिंग(एमआईडब्ल्यू ) के तौर पर जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज का चयन किया गया है. सुरेश भारद्वाज प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी हैं और वे राज्य सभा के सांसद भी रह चुके हैं. बतौर मिनिस्टर-इन-वेटिंग सुरेश भारद्वाज राष्ट्रपति के संपूर्ण दौरे में उनके साथ रहेंगे और सभी जरूरी घटनाओं के प्रति राष्ट्रपति के सवालों और जिज्ञासाओं का जवाब देंगे.
दिलचस्प तथ्य यह है कि यदि राष्ट्रपति को अपने प्रवास के दौरान किसी छोटे हेलीकॉप्टर से यात्रा करनी हो तो उनके साथ परिवार के निजी सदस्य नहीं बैठ सकते बल्कि उस दौरान राष्ट्रपति के साथ मिनिस्टर-इन-वेटिंग ही मौजूद रहते हैं. मिनिस्टर-इन-वेटिंग राष्ट्रपति को रिसीव करने से लेकर उन्हें यात्रा समाप्ति पर विदा करने के दौरान भी साथ रहते हैं. पूरी यात्रा में राष्ट्रपति को हिमाचल के संदर्भ में जो भी जानकारी चाहिए वो मिनिस्टर इन वेटिंग ही देते हैं. इसके अलावा राष्ट्रपति ने राज्य सरकार को कोई सुझाव देना है तो वो भी मिनिस्टर इन वेटिंग के जरिए दिया जाता है.
पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम जब शिमला आए थे तो तत्कालीन भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री स्व. नरेंद्र बरागटा उनके मिनिस्टर-इन-वेटिंग थे. कलाम ने हिमाचल के लोकगीतों और ग्रामीण जीवन से संबंधित जो भी जिज्ञासाएं प्रकट की थी, नरेंद्र बरागटा ने उनका जवाब दिया था. हिमाचल विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री रहे डॉ. राधा रमण शास्त्री ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमण के शिमला दौरे पर वे उनके मिनिस्टर-इन-वेटिंग थे.
शास्त्री ने वेंकटरमण की यात्रा को स्मरण करते हुए बताया कि उन्होंने हिमाचल की भौगोलिक जटिलताओं और विकास के रोड़मैप पर बातचीत की थी. इधर, मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिमला प्रवास पर आए तो वे सुरेश भारद्वाज से पहले से ही परिचित हैं और उन्होंने गर्मजोशी से सुरेश भारद्वाज के साथ बातचीत भी की. उल्लेखनीय है कि सुरेश भारद्वाज उच्च शिक्षित राजनेता हैं और हिमाचल के बारे में हर तरह की जानकारी रखते हैं. बातचीत में प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले सुरेश भारद्वाज एक तरह से इस समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष हिमाचल के ब्रांड एंबेसडर भी कहे जा सकते हैं.
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