ETV Bharat / city

लोकसभा चुनाव की तिथियां घोषित होते ही भाजपा का मंथन शुरू, चंडीगढ़ में होगी कोर कमेटी की बैठक - सीएम जयराम ठाकुर

लोकसभा चुनाव की तिथियां घोषित होते ही भाजपा ने भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है. प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक 11 और 12 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाली है.

सीएम जयराम ठाकुर
author img

By

Published : Mar 10, 2019, 11:42 PM IST

शिमला: लोकसभा चुनाव की तिथियां घोषित होते ही भाजपा ने भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है. प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक 11 और 12 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाली है.

इस बैठक में प्रदेश की चारों लोकसभी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी. 11 मार्च से शुरू होने वाली इस बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा कुछ अन्य बड़े नेताओं को भी बुलाया गया है.

लोकसभा चुनावों की तिथियां घोषित होते ही टिकट हासिल करने को भाजपा के कई नेताओं में दावेदारी का दौर भी शुरू हो गया है. साथ ही भाजपा के सिटिंग सांसदों के लिए टिकट बचाए रखना चुनौती बन गया है. राज्य में लोकसभा की चार सीटें हैं. इनमें हमीरपुर को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर टिकट झटकने के इच्छुकों में कई नाम शुमार हो गए हैं. इनमें से कुछ दावेदार तो मौजूदा सांसदों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी फैक्टर की चर्चा छेड़कर भी अपनी बात रख रहे हैं.

वर्तमान में हिमाचल की चारों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं. वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच हिमाचल में कांग्रेस की सत्ता होते हुए भी भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. उस समय कांगड़ा से शांता कुमार, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, मंडी से रामस्वरूप शर्मा और शिमला से वीरेंद्र कश्यप चुनाव जीते थे.

2019 के चुनावों में भाजपा की राह इतनी आसान नहीं होगी. कांगड़ा से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार 2014 में चुनाव जीतने के बाद कई बार सार्वजनिक रूप से भविष्य में चुनाव ना लड़ने की बात कह चुके हैं, लेकिन चुनाव आते ही फिर से सक्रीय हो गए हैं. ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में उनके उम्मीदवारी समर्थक उनके लड़ने की प्रबल इच्छा पाले हुए हैं.

cm jairam thakur
सीएम जयराम ठाकुर

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी कृपाल परमार और महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष इंदु गोस्वामी भी टिकट की आस लगाए बैठें है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में भाजपा जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है, लेकिन यहां भी भाजपा की राह इतनी आसान नहीं है.

वर्तमान सांसद राम स्वरूप शर्मा के अलावा पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने भी टिकट को लेकर दावेदारी पेश कर दी है. कई बार सार्वजनिक सभाओं में और मीडिया के समाने डंके की चोट पर पंडित सुखराम अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं.

वहीं शिमला संसदीय सीट की बात करें तो मौजूदा सांसद वीरेंद्र कश्यप के अलावा इसी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके एचएन कश्यप प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. इनके अलावा रोहडू़ से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शशिबाला और नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट भी दौड़ में हैं. वीरेंद्र कश्यप अदालती मामले में उलझे हैं. उनके प्रतिद्वंद्वी इस बात को भुनाकर भी टिकट झटकना चाह रहे हैं.

शिमला: लोकसभा चुनाव की तिथियां घोषित होते ही भाजपा ने भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है. प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक 11 और 12 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाली है.

इस बैठक में प्रदेश की चारों लोकसभी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी. 11 मार्च से शुरू होने वाली इस बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा कुछ अन्य बड़े नेताओं को भी बुलाया गया है.

लोकसभा चुनावों की तिथियां घोषित होते ही टिकट हासिल करने को भाजपा के कई नेताओं में दावेदारी का दौर भी शुरू हो गया है. साथ ही भाजपा के सिटिंग सांसदों के लिए टिकट बचाए रखना चुनौती बन गया है. राज्य में लोकसभा की चार सीटें हैं. इनमें हमीरपुर को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर टिकट झटकने के इच्छुकों में कई नाम शुमार हो गए हैं. इनमें से कुछ दावेदार तो मौजूदा सांसदों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी फैक्टर की चर्चा छेड़कर भी अपनी बात रख रहे हैं.

वर्तमान में हिमाचल की चारों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं. वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच हिमाचल में कांग्रेस की सत्ता होते हुए भी भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. उस समय कांगड़ा से शांता कुमार, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, मंडी से रामस्वरूप शर्मा और शिमला से वीरेंद्र कश्यप चुनाव जीते थे.

2019 के चुनावों में भाजपा की राह इतनी आसान नहीं होगी. कांगड़ा से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार 2014 में चुनाव जीतने के बाद कई बार सार्वजनिक रूप से भविष्य में चुनाव ना लड़ने की बात कह चुके हैं, लेकिन चुनाव आते ही फिर से सक्रीय हो गए हैं. ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में उनके उम्मीदवारी समर्थक उनके लड़ने की प्रबल इच्छा पाले हुए हैं.

cm jairam thakur
सीएम जयराम ठाकुर

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी कृपाल परमार और महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष इंदु गोस्वामी भी टिकट की आस लगाए बैठें है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में भाजपा जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है, लेकिन यहां भी भाजपा की राह इतनी आसान नहीं है.

वर्तमान सांसद राम स्वरूप शर्मा के अलावा पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने भी टिकट को लेकर दावेदारी पेश कर दी है. कई बार सार्वजनिक सभाओं में और मीडिया के समाने डंके की चोट पर पंडित सुखराम अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं.

वहीं शिमला संसदीय सीट की बात करें तो मौजूदा सांसद वीरेंद्र कश्यप के अलावा इसी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके एचएन कश्यप प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. इनके अलावा रोहडू़ से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शशिबाला और नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट भी दौड़ में हैं. वीरेंद्र कश्यप अदालती मामले में उलझे हैं. उनके प्रतिद्वंद्वी इस बात को भुनाकर भी टिकट झटकना चाह रहे हैं.

शिमला. लोकसभा चुनावों की तिथियां घोषित होते ही भाजपा ने भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है. प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक 11 और 12 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाली है बैठक में प्रदेश की चारों लोकसभी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी. 11 मार्च से शुरू होने वाली इस बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा कुछ अन्य बड़े नेताओं को भी बुलाया गया है.

लोकसभा चुनावों की तिथियां घोषित होते ही टिकट हासिल करने को भाजपा के कई नेताओं में दावेदारी का दौर भी शुरू हो गया है. साथ ही भाजपा के सिटिंग सांसदों के लिए टिकट बचाए रखना चुनौती बन गया है. राज्य में लोकसभा की चार सीटें हैं. इनमें हमीरपुर को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर टिकट झटकने के इच्छुकों में कई नाम शुमार हो गए हैं. इनमें से कुछ दावेदार तो मौजूदा सांसदों के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी फैक्टर की चर्चा छेड़कर भी अपनी बात रख रहे हैं.

वर्तमान में हिमाचल की चारों सीटों से भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं. वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच हिमाचल में कांग्रेस की सत्ता होते हुए भी भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. उस समय कांगड़ा से शांता कुमार, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, मंडी से रामस्वरूप शर्मा और शिमला से वीरेंद्र कश्यप चुनाव जीते थे.

लेकिन 2019 के चुनावों में भाजपा की राह इतनी आसान नहीं होगी. कांगड़ा से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार 2014 में चुनाव जीतने के बाद कई बार सार्वजनिक रूप से भविष्य में चुनाव ना लड़ने की बात कह चुके हैं लेकिन चुनाव आते ही फिर से सक्रीय हो गए हैं फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने की प्रबल इच्छा पाले हुए हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी कृपाल परमार और महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष इंदु गोस्वामी भी टिकट की आस लगाए बैठें है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में भाजपा जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है लेकिन यहां भी भाजपा की राह इतनी आसान नहीं है. वर्तमान सांसद राम स्वरूप शर्मा के अलावा पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने भी टिकट को लेकर दावेदारी पेश कर दी है कई बार सार्वजनिक सभाओं में और मीडिया के समाने अपनी इच्छा डंके की चोट पर जाहिर कर चुके हैं. वहीं शिमला संसदीय सीट की बात करें तो मौजूदा सांसद वीरेंद्र कश्यप के अलावा इसी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके एचएन कश्यप प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. इनके अलावा रोहडू़ से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं शशिबाला और नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट भी दौड़ में हैं। वीरेंद्र कश्यप अदालती मामले में उलझे हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी इस बात को भुनाकर भी टिकट झटकना चाह रहे हैं।              

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.