शिमला: चीनी उत्पादों और चीन के खिलाफ तिब्बती यूथ कांग्रेस की इंडो-तिब्बत बॉर्डर बाइक रैली वापस रविवार को शिमला पहुंची. 5 दिन की इस बाइक रैली की शुरुआत 18 नवंबर को धर्मशाला के मैकलोडगंज से हुई थी. ये बाइक रैली किन्नौर के तिब्बत बॉर्डर के निसंग से होते हुए रविवार को शिमला पहुंची, जहां पंथाघाटी तिब्बतियन मोनेस्ट्री में इनका स्वागत किया गया. ये रैली आज ही बीड़ में जाकर संपन्न होगी.
रैली में 50 बाइक और 10 गाड़ियां शामिल की गई. बाइक रैली में हिमाचल, देहरादून और दिल्ली के तिब्बती युवा भी शामिल हुए हैं. तिब्बत युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोंको डुंडुंप ने बताया कि धर्मशाला के मैकलोडगंज से शुरू हुई बाइक रैली हमीरपुर, बिलासपुर रामपुर व किन्नौर, रामपुर, शिमला होते हुए चीन बॉर्डर तक गई.
1200 किलोमीटर तक कि ये रैली 5 दिन तक चली. रैली का मुख्य उद्देश्य चीन के उत्पादों का बहिष्कार करना, भारतीय जमीन पर चीन की घुसपैठ का मुकाबला करना, तिब्बत के राजनीतिज्ञ कैदियों को बिना शर्त रिहा करना, चीन के उन सभी झूठों और अत्याचारों पर जबाबदेही व चीन के बुहान शहर से कोरोना वायरस से दुनिया में फैले खतरे जैसे मामलों से चीन को बेनकाब करना है.
गोंको डुंडुंप ने कहा कि वे पिछले 35 सालों से चीनी उत्पादों का वहिष्कार कर रहे हैं. जिस तरह से भारत की सीमा में चीन घुसपैठ कर रहा है, यहां के लोगों को भी चीनी उत्पादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यही संदेश लेकर वे लोगों के बीच जा रहे हैं.