शिमला: पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की खेती से संबंधित वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और उचित फसल स्वास्थ्य और अधिकतम उपज सुनिश्चित करने, विभिन्न आदानों की खरीद, आधुनिक कृषि उपकरण और (PM Kisan Yojana in Himachal Pradesh) तकनीक से लैस करने की परिकल्पना की गई है. योजना के अन्तर्गत पात्र किसान लाभार्थियों को वार्षिक 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ, तीन समान किश्तों में दो-दो हजार रुपये के रूप में प्रदान किए जाते हैं.
राज्य के किसानों को सशक्त करते हुए पीएम किसान योजना किसानों के छोटे-छोटे खर्चों की पूर्ति करने में भी उपयोगी साबित हो रही है और किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, खाद और उपकरण खरीदने में सक्षम बना रही है. हिमाचल सरकार द्वारा राज्य में पीएम किसान योजना के सफल क्रियान्वयन से अब तक लगभग 10 लाख (9 लाख 83 हजार 279) किसान परिवारों को 1931.63 करोड़ रुपये की राशि 11 किश्तों में प्रदान की गई है.
अब तक, जिला बिलासपुर के 59,607 किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से 116.75 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं, जिला चंबा के 70201 किसानों को 142.08 करोड़ रुपये, जिला हमीरपुर के 59699 किसानों को 120.98 करोड़ रुपये, जिला कांगड़ा के 215069 किसानों को 427.37 करोड़ रुपये, कुल्लू जिले के 68143 किसानों को 140.66 करोड़ रुपये और जिला मंडी के 170136 किसानों को 331.09 करोड़ का भुगतान किया गया है. जबकि जिला शिमला में 93315 किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 186.45 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं. सिरमौर जिले के 73381 किसानों को 127.37 करोड़ रुपये, सोलन जिले के 68339 किसानों को 137.85 करोड़ रुपये और जिला ऊना के 91325 किसानों के बैंक खातों में सीधे तैार पर 174.36 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं.
राज्य के जनजातीय जिलों के किसान भी पीएम किसान योजना के (PM Kisan Yojana in Himachal Pradesh) अन्तर्गत लाभान्वित हुए है. योजना के कार्यान्वयन से किन्नौर जिले के 10966 किसानों को लगभग 20.72 करोड़ रुपये की राशि और जिला लाहौल स्पीति के 3098 किसानों को लगभग 5.91 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है. कोविड महामारी के दौरान भी पीएम किसान योजना राज्य के किसानों के लिए वरदान सिद्ध हुई है. इस दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को 11.27 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई और इसी अवधि के दौरान 93246 किसानों ने अपना पंजीकरण भी करवाया.
ये भी पढ़ें: ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों तक मोबाइल वैन के माध्यम से एनबीटी पहुंचाएगा पुस्तकें, 20% की मिलेगी छूट