शिमला: पिछले एक वर्ष से निमार्णाधीन बखिरना पुल बुधवार करीब 3 बजे के आसपास ढह गया. गनीमत यह रही है कि उस इस पुल पर कोई काम नहीं चल रहा था जिसकी वजह से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ.
सरकार ने अब तक इस पुल पर 12 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इस पुल का कुल बजट 15 करोड़ 85 लाख रुपये है. अब यह पुल अचानक ढह गया. लोक निमार्ण विभाग के मुताबिक ये पुल गलत डिजाइन की वजह से ढहा है.
पिछले एक साल से बन रहे इस पुल का निर्माण रोहड़ू को भारी जाम से बचाने के लिए किया जा रहा था. ये रोहड़ू महैन्दली बाईपास सड़क पर रोहड़ू न्यू बस स्टैंड के पास बन रहा था. इस पुल पर अब तक 12 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके थे व 90 प्रतिशत काम भी खत्म हो चुका था.
बुधवार करीब 3 बजे ये पुल अचानक ढह गया. लोगों को इस पुल बनने से काफी उम्मीदें थी. पुल की लंबाई 96 मीटर थी और अभी तक इसका 66 मीटर तक निर्माण हो चुका था. पुल ढहने से विभाग व ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है.
कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग नायक ने आशंका जताई कि इस पुल का डिजाइन सही नहीं था. उन्होंने कहा कि इसको बनाने में विभाग की तरफ से कोई कमी नहीं रखी गई. डीएसपी रोहड़ू सनील नेगी ने कहा कि पुल की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
सीएम जयराम ने इस लापरवाही का संज्ञान लिया
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आदेशों पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने बुधवार को शिमला के रोहड़ू (बाईपास) में पब्बर नदी पर निर्माणाधीन बखीरना पुल के ढह जाने की जांच के लिए तीन सदस्यीय गुणवत्ता नियंत्रण दल का गठन किया है.
नियंत्रण दल में अधीक्षक अभियंता दीपक शर्मा, अधिशाषी अभियन्ता ललित ग्रोवर और सहायक अभियन्ता देवेश ठाकुर शामिल होंगे. संजय कुंडू ने इन अधिकारियों को इस मामले की रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
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