शिमला: आय के सीमित संसाधनों वाले छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सेक्टर (himachal toursim sector) को नए पंख लगने वाले हैं. देवभूमि में पर्यटन सेक्टर के आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए एशियन डेवेलपमेंट बैंक (Asian development bank) से 2095 करोड़ की परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिली है. नब्बे फीसदी लोन राशि का वहन केंद्र सरकार करेगी. विशेष राज्य होने के कारण हिमाचल को 90 और 10 के अनुपात में सहायता मिलती है.
सीएम जयराम ठाकुर ने शिमला में बुधवार को बताया कि उनकी सरकार एशियन डेवेलपमेंट बैंक की 2095 करोड़ रुपये की अधोसंरचना विकास परियोजना के लिए सैद्धान्तिक रूप से स्वीकृति हासिल करने में सफल रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से राज्य में नये पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा सकेगा. साथ मौजूदा पर्यटन स्थलों का रख-रखाव, वहां नए आकर्षण जुटाने और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण भी हो सकेगा.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के तहत मौजूदा पर्यटन स्थलों से भीड़भाड़ व पर्यटकों के भारी दबाव को कम करने के लिए इको-टूरिज्म (eco tourism in himachal) को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे हिमाचल के अनछुए पर्यटन स्थल (hiden tourism places of himachal) विकसित किए जा सकेंगे. जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने निजी रूप से केंद्र में वित्त मंत्री के समक्ष इस मामले को उठाया था. सरकार ने इसके लिए पर्यटन मंत्रालय, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुति भी दी. सीएम ने कहा कि हिमाचल को एडीबी से फंडिंग (adb funding for himachal tourism) के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना को दो वित्तांश में क्रियान्वित किया जाएगा. पहले वित्त विभाग में 900 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान है, जबकि दूसरा वित्त भाग 1100 करोड़ रुपये से अधिक का होगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का कार्य शीघ्र आरम्भ किया जाएगा और यह परियोजना अगले वर्ष मार्च से तेजी पकड़ेगी. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश ने अपने यहां साल भर में दो करोड़ सैलानी की आमद को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है. इस परियोजना के बाद ये आसानी से संभव हो सकेगा.
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