शिमलाः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' नारे को आत्मसात कर रहा है हिमाचल प्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम. प्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम की ओर से शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में प्रदर्शनी लगाई गई है. यूं तो इस प्रदर्शनी में कई जिलों से लोग अपने उत्पादों को लेकर पहुंचे, लेकिन यहां पाइन से बनी राखी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.
जिला सोलन के कंडाघाट से संबंध रखने वाली अनीता ठाकुर ने पाइन से राखियां तैयार की हैं. राखी के डिजाइन के बीच छायादार पेड़ों के बीच डालकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया जा रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अनीता ठाकुर ने बताया कि उन्होंने पाइन से अलग-अलग डिजाइन की रंग-बिरंगी राखियां तैयार की हैं. उन्होंने कहा कि विश्व भर में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है. ऐसे में छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है.
अनीता ठाकुर ने कहा कि रक्षाबंधन पर राखियां जब भाइयों की कलाई पर सजेंगी और कुछ दिन बाद खराब होने के बाद जब उसे फेंक दिया जाएगा, तो राखी में बने बीज जमीन पर गिरने से पौधा उग आएगा. उन्होंने बताया कि राखियां बनाने में बान, गुलाल और सरसों के बीज का इस्तेमाल किया गया है. पर्यावरण को बचाने की मुहिम ग्राहकों को खासी पसंद आ रही है. यह राखियां हाथों-हाथ बिक रही हैं. खास बात यह है कि इन राखियों के दाम न केवल 20 रुपये से 40 रुपये तक है. इसके अलावा इस प्रदर्शनी में कुल्लू की शॉल, चंबा की चप्पल, बिलासपुर के मिट्टी के बर्तन, लाहौल-स्पीति और कांगड़ा की पारंपरिक पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
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