शिमलाः कोरोना काल मे हिम सुरक्षा अभियान में शिमला जिला में आंगनवाड़ी कर्मियों ने ड्यूटी लगाने पर मुखर हो गई है. जिला प्रशासन द्वारा कोरोना मैपिंग, हिम सुरक्षा अभियान के लिए आंगनवाड़ी कर्मियों की ड्यूटी के आदेश जारी किए हैं, लेकिन आगनवाड़ी कर्मियों ने बिना किसी सुरक्षा के ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य को लेकर सुरक्षा उपकरण दिए जाने की मांग की है.
वीरवार को शिमला जिला की आगनवाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर डीसी शिमला आदित्य नेगी से मिले और बिना सुरक्षा के ड्यूटी करने पर विरोध जताया है. आगनवाड़ी कर्मियों का कहना है कि उन्हें न तो कोई प्रशिक्षण दिया गया और न ही कोई सेफ्टी का इंतजाम किया गया है ऐसे में वे अपनी जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं.
बीमा सुरक्षा की व्यवस्था की मांग
आगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन की महासचिव शीतल करोल ने कहा कि शिमला में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और ऐसे में आगनवाड़ी कर्मियों को ड्यूटी पर लागया जा रहा है. पहले भी जब सर्वे करवाया गया था तो न मास्क, सेनिटाइजर और न बीमा सुरक्षा की व्यवस्था की गई. ऐसे में कई कर्मी कोरोना संक्रमित हो गई.
'न जानकारी दी न प्रशिक्षण'
उन्होंने कहा कि अब दोबारा से उनकी ड्यूटी हिम सुरक्षा योजना में लगाई गई है जबकि उनके इसके बारे में न कोई जानकारी है और न ही इसका प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने कहा कि उनके घर मे छोटे बच्चे और बजुर्ग हैं. ऐसे में वे संक्रमित होते हैं तो उनके परिवार को भी खतरा है. आगनवाड़ी वर्कर्स ने सरकार से मांग की सबसे पहले उनकी और उनके परिवार की सरकार जिम्मेवारी लें, इसके बाद ही वे ड्यूटी देंगी.
बता दें कि कोरोना मरीजों की पहचान के लिए सरकार द्वारा हिम सुरक्षा योजना शुरू की है. इस अभियान के तहत कोरोना के साथ ही टीबी मरीजों की पहचान की जाएगी. इस अभियान में आशा वर्कर ओर आगनवाड़ी वर्कर घर घर जा कर रोगियों की पहचान करेगी.
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