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अमिल मन्हास को हाईकोर्ट से झटका, 15 नवंबर तक टली अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई

हाईकोर्ट से धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास और उसकी पत्नी को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई 15 नवंबर तक टाल दी है. साथ ही स्टेटस रिपोर्ट दायर करने और रिकॉर्ड पेश करने के आदेश भी दिए हैं.

हिमाचल हाईकोर्ट
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Published : Nov 2, 2019, 1:55 PM IST

शिमला: धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास और उसकी पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट ने 15 नवंबर तक टाल दी है. साथ ही न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने अमिल मन्हास को देय राशि का भुगतान का सबूत देने के लिए बैंक स्टेटमेंट की कॉपी दिखाने को कहा है.

आरोपी को 17 अक्टूबर को मिली अंतरिम जमानत का समय कोर्ट ने 15 नवंबर तक बढ़ा दिया है और स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के साथ-साथ पूरा रिकॉर्ड पेश करने के आदेश भी दिए हैं. हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को आरोपी से सुबह 10 बजे से 5 बजे के बीच ही पूछताछ कर जांच करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिक मामला दर्ज किया गया था.

गौर रहे कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. सत्यापन के लिए सौंपे गए ई चालान भी फर्जी पाए गए. जांच में पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया.

वीडियो

एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया था. मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गई.

आबकारी व कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपये की धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज की गई है. इसके अलावा अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि धोखाधड़ी के मामले में नामित आरोपी अमिल मन्हास जांच में शामिल हो रहा है, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है.

शिमला: धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास और उसकी पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट ने 15 नवंबर तक टाल दी है. साथ ही न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने अमिल मन्हास को देय राशि का भुगतान का सबूत देने के लिए बैंक स्टेटमेंट की कॉपी दिखाने को कहा है.

आरोपी को 17 अक्टूबर को मिली अंतरिम जमानत का समय कोर्ट ने 15 नवंबर तक बढ़ा दिया है और स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के साथ-साथ पूरा रिकॉर्ड पेश करने के आदेश भी दिए हैं. हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को आरोपी से सुबह 10 बजे से 5 बजे के बीच ही पूछताछ कर जांच करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिक मामला दर्ज किया गया था.

गौर रहे कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. सत्यापन के लिए सौंपे गए ई चालान भी फर्जी पाए गए. जांच में पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया.

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एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया था. मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गई.

आबकारी व कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपये की धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज की गई है. इसके अलावा अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि धोखाधड़ी के मामले में नामित आरोपी अमिल मन्हास जांच में शामिल हो रहा है, लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है.

Intro:Body:हाईकोर्ट में धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास और उसकी पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 15 नवम्बर तक टल गई। न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने मन्हास को जांच अधिकारी के साथ जाकर उसे अपनी वह बैंक स्टेटमेंट देने को कहा जिसके आधार पर आरोपी का कहना है कि उसने सारी देय राशि का भुगतान कर दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि धोखाधड़ी के इस मामले में नामित आरोपी अमिल मन्हास जांच में शामिल हो रहा है, लेकिन अभी तक जांच पूरी नही हो पाई है। कोर्ट ने आरोपी को 17 अक्तूबर को मिली अंतरिम जमानत अवधि 15 नवम्बर तक बढ़ाते हुए सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के साथ साथ पूरा रिकॉर्ड पेश करने के आदेश भी दिए। हाई कोर्ट ने जांच अधिकारी को तब तक आरोपी से सुबह 10 बजे से 5 बजे के बीच ही पूछताछ कर जांच करने के आदेश दिए हैं। मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्र्ष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितम्बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उल्लेखनीय है कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। सत्यापन के लिए सौंपे गए ई चालान भी फर्जी पाए गए। जांच में यह भी पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया। ज्ञात रहे कि ऊना में एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलैंस में मामला दर्ज करवाया है। मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गई। आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपए धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलैंस में शिकायत दर्ज की गई है। मामले की सुनवाई 15 नवम्बर को निर्धारित की गई है। Conclusion:
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