शिमलाः सैकड़ों महिलाओं द्वारा काजा गेट पर कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा का रास्ता रोकने के मामले को कृषि मंत्री ने कांग्रेस की सोची समझी साजिश बताया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन कर यह प्रचारित कर रही है कि 200 महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है जबकि सच्चाई यह है कि केवल 2 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
महिलाओं के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता महिलाओं को जानबूझकर उकसाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि क्षेत्र में रामलाल मारकंडा के खिलाफ माहौल बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि वह किसी को बेवजह परेशान करने के मूड में नहीं है. इसलिए केवल 2 लोगों को मामले में दोषी बनाया गया है.
अन्य किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. रामलाल मारकंडा ने कहा कि जिन लोगों ने रास्ता रोककर सुनियोजित तरीके से उन्हें परेशान किया था. वह उनके खिलाफ भी कोई खासी कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते. इसलिए क्षेत्रवासियों को कांग्रेसियों के बहकावे में ना आकर खुद से निर्णय करना चाहिए और मामला शांत करने की ओर कदम बढ़ाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम एक षड्यंत्र के तहत तैयार किया गया था. रामलाल मारकंडा ने कहा कि इसमें महिलाओं को आगे कर कांग्रेस नेताओं ने मुझे निशाना बनाने की कोशिश की
मारकंडा ने कहा कि रास्ता रोकने वालों में कई सरकारी कर्मचारी और पीटीए अध्यापक भी थे, लेकिन किसी के खिलाफ भी मामला दर्ज नहीं किया गया है. ऐसे में क्षेत्रवासियों को यह बात समझनी चाहिए और कांग्रेस के बहकावे में नहीं आना चाहिए. कांग्रेस प्रदेश में झूठा प्रचार कर रही है.
रामलाल मारकंडा ने कहा कि महिलाओं ने जब उनका रास्ता रोका तो उन्होंने मामला समझने की कोशिश की तब भारी मशक्कत के बाद कुछ महिलाएं बात करने को तैयार हुई और उन्होंने बताया कि काजा महिला मंडल ने निर्णय लिया है कि कोई भी व्यक्ति जो लाहौल स्पीति के बाहर से यहां प्रवेश करता है उसे 14 दिन का क्वारंटाइन किया जाएगा और इसके बाद ही क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाएगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने महिलाओं को समझाने की कोशिश की कि ऐसा कोई कानून नहीं है और वह हिमाचल प्रदेश में ही शिमला से यहां आए हैं. ऐसे में क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं है, लेकिन महिलाओं ने कहा कि यह महिला मंडल का निर्णय है और क्षेत्र में सभी को अनुसरण करना होगा. मारकंडा ने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं का सम्मान करते हुए वह निर्णय को मानने के लिए तैयार हो गए.
मारकंडा ने कहा कि उनका क्षेत्र में जाने का उद्देश्य सड़क निर्माण में लगे उन मजदूरों से बातचीत करना था जो क्रमिक हड़ताल पर बैठे थे. उसके बाद 200 से अधिक उन सभी मजदूरों को 4 से 5 किलोमीटर दूर धरना स्थल पर ही बुलाया गया. जहां पर महिलाओं ने उनकी गाड़ी रोकी थी. इसके बाद मजदूरों के साथ समझौते के बाद जब वह वापस शिमला लौटने लगे तो वहां कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे शुरू हो गए. मारकंडा ने कहा कि उस वक्त उन्हें पूरे षडयंत्र का आभास हुआ और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का मन बनाया.
राम लाल मारकंडा ने कहा कि महिलाओं की आड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी एक गाड़ी के शीशे तोड़े और घंटों सड़क पर इंतजार करवाया. इसके अलावा प्रदेश में कोरोना वायरस के कारण जारी कर्फ्यू का भी उल्लंघन किया गया. वहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और ना ही प्रदेश सरकार द्वारा तय नियमों का.
ऐसे में सबसे हैरान करने वाली बात तो तब सामने आई जब प्रदर्शन करने वाले लोगों में अधिकतर सरकारी कर्मचारी थे जिसके बाद अब मामला पुलिस में है और विभिन्न धाराओं के आधार पर इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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