ETV Bharat / city

उत्तराखंड में आपदा के बाद हिमाचल में बढ़ाई गई सतर्कता, ग्लेशियरों और कृत्रिम झील वाले जिलों में अलर्ट - शिमला न्यूज

हिमाचल में ग्लेशियरों और कृत्रिम झील वाले जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, मुख्य सचिव अनिल खाची ने बताया कि उन्होंने ग्लेशियर वाले जिलों के उपायुक्तों से बात कर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निगरानी करने के लिए कहा है. हिमस्खलन संभावित इलाकों के अलावा ग्लेशियरों के आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.

alert-in-districts-with-glaciers-and-artificial-lakes-in-himachal-after-uttarakhand-incident
फोटो.
author img

By

Published : Feb 8, 2021, 1:13 PM IST

Updated : Feb 8, 2021, 1:24 PM IST

शिमलाः उत्तराखंड में त्रासदी के बाद हिमाचल में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में करीब 800 छोटी-बड़ी झीलें बनी हुई हैं. इनमें से 550 से ज्यादा झीलें संवेदनशील हैं. इन झीलों पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद का सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज लगातार अध्ययन भी करता है.

सतलुज, चिनाब, रावी और ब्यास बेसिन पर 100 से अधिक नई प्राकृतिक झीलें बनी हैं. सतलुज बेसिन पर करीब 500, चिनाब में 120, ब्यास में 100 और रावी में 50 झीलें बनी हैं. वर्ष 2014 तक सतलुज बेसिन पर 391 झीलें थीं.

कृत्रिम झीलों और ग्लेशियरों की जाती है निगरानी

वहीं, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केके पंत कहना है कि साल भर कृत्रिम झीलों और ग्लेशियरों की निगरानी की जाती है. सालाना रिपोर्ट सभी संबंधित विभागों व एजेंसियों के साथ साझा की जाती है.

सेटेलाइट की मदद से ग्लेशियरों पर निगरानी

इन झीलों में लगातार पानी की मात्रा बढ़ रही है, ऐसे में उन पर नजर रखना और भी जरूरी हो गया है. यही वजह है कि इन झीलों और उनके बनने व बढ़ने में मददगार ग्लेशियरों पर निगरानी के लिए सेटेलाइट की मदद ली जाती है.

ग्लेशियरों और कृत्रिम झील वाले जिलों में अलर्ट जारी

बता दें कि बीते दिने उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा में जान माल का काफी नुकसान हुआ है. इसके बाद प्रदेश में भी ग्लेशियरों और कृत्रिम झील वाले जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, मुख्य सचिव अनिल खाची ने बताया कि उन्होंने ग्लेशियर वाले जिलों के उपायुक्तों से बात कर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निगरानी करने के लिए कहा है. हिमस्खलन संभावित इलाकों के अलावा ग्लेशियरों के आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल में बर्फबारी के बाद कहीं राहत कहीं आफत, कई शहरों में तापमान शून्य से नीचे

शिमलाः उत्तराखंड में त्रासदी के बाद हिमाचल में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में करीब 800 छोटी-बड़ी झीलें बनी हुई हैं. इनमें से 550 से ज्यादा झीलें संवेदनशील हैं. इन झीलों पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद का सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज लगातार अध्ययन भी करता है.

सतलुज, चिनाब, रावी और ब्यास बेसिन पर 100 से अधिक नई प्राकृतिक झीलें बनी हैं. सतलुज बेसिन पर करीब 500, चिनाब में 120, ब्यास में 100 और रावी में 50 झीलें बनी हैं. वर्ष 2014 तक सतलुज बेसिन पर 391 झीलें थीं.

कृत्रिम झीलों और ग्लेशियरों की जाती है निगरानी

वहीं, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केके पंत कहना है कि साल भर कृत्रिम झीलों और ग्लेशियरों की निगरानी की जाती है. सालाना रिपोर्ट सभी संबंधित विभागों व एजेंसियों के साथ साझा की जाती है.

सेटेलाइट की मदद से ग्लेशियरों पर निगरानी

इन झीलों में लगातार पानी की मात्रा बढ़ रही है, ऐसे में उन पर नजर रखना और भी जरूरी हो गया है. यही वजह है कि इन झीलों और उनके बनने व बढ़ने में मददगार ग्लेशियरों पर निगरानी के लिए सेटेलाइट की मदद ली जाती है.

ग्लेशियरों और कृत्रिम झील वाले जिलों में अलर्ट जारी

बता दें कि बीते दिने उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा में जान माल का काफी नुकसान हुआ है. इसके बाद प्रदेश में भी ग्लेशियरों और कृत्रिम झील वाले जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, मुख्य सचिव अनिल खाची ने बताया कि उन्होंने ग्लेशियर वाले जिलों के उपायुक्तों से बात कर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निगरानी करने के लिए कहा है. हिमस्खलन संभावित इलाकों के अलावा ग्लेशियरों के आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल में बर्फबारी के बाद कहीं राहत कहीं आफत, कई शहरों में तापमान शून्य से नीचे

Last Updated : Feb 8, 2021, 1:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.