शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी ने मुख्य सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मुख्य सचिव को पद से हटाने और मामले की निष्पक्ष जांच करने को लेकर सरकार को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है. आम आदमी पार्टी ने चेताया है कि (allegations against the Chief Secretary of HP) अगर मुख्य सचिव को पद से नहीं हटाया जाता तो पार्टी सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी.
शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के (Aam Aadmi Party Himachal) प्रवक्ता एसएस जोगटा ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्य सचिव रामसुभग सिंह के खिलाफ उनके अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) रहते पीएमओ में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की शिकायत हुई है. जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय अभी तक भी हरकत में नहीं आए. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आदेश पर केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र भेजा है, जिसमें राम सुभग सिंह के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
बता दें कि यह शिकायत शिव सेना के नेता बृज लाल ने की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय में यह शिकायत 8 सितंबर 2021 को हुई थी. इसे 20 सितंबर को अपर सचिव वेद ज्योति ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण सचिव को उपयुक्त कार्रवाई के लिए भेजा. 13 अक्तूबर को इसे केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अपर सचिव रूपेश कुमार ने हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव मुख्यमंत्री को संबोधित कर उपयुक्त कार्रवाई करने की संस्तुति की. तबसे लेकर यह शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में ही दबी पड़ी थी.
उन्होंने कहा कि अभी तक मुख्य सचिव को उनके पद से हटाकर उनके (Himachal chief secretary case) उपर विशेष रूप से कार्रवाई होनी चाहिए थी और उक्त पैसों के लेनदेन का उनकी जेब से ब्याज सहित भरपाई करवाई जानी चाहिए थी, ताकि कर्ज में डूबे इस प्रदेश को काफी हद तक बचाया जा सके. उन्होंने सरकार को 3 दिन के भीतर मुख्य सचिव को पद से हटाने की चेतावनी दी और कहा कि अगर उन्हें पद से नहीं हटाया जाता तो आम आदमी पार्टी सचिवालय के बाहर मोर्चा खोल देगी.
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