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IGMC में स्क्रब टायफस से 8 साल की बच्ची की मौत, अब तक चार लोग गवां चुके हैं जान - बागवान

आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से लक्कड़ बाजार की रहने वाली 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि अभी तक 14 मामले पॉजीटिव पाए गए है. इसके अलावा 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है.

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Published : Aug 6, 2019, 7:45 PM IST

शिमला: प्रदेश में स्क्रब टायफस के मामले थमने का नाम नहीम ले रहे है. आलम ये है कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है.

दरअसल 8 वर्षीय बच्ची जिला के लक्कड़ बाजार से चार अगस्त को आईजीएमसी में बुखार के कारण इलाज के लिए आई हुई थी. पांच अगस्त को स्क्रब टायफस की वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं, छह अहस्त को रिपोर्ट आने पर डॉक्टर्स को पता चला की बच्ची को स्क्रब टायफस था.

आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनकराज ने बताया कि स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है. उन्होंने बताया कि बुखार आने पर स्थीय लोग तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं. ऐसे में प्रशासन के पास सभी दवाएं उपलब्ध है.

कैसे होता है स्क्रब टायफस
स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को इन दिनों झाडियों से दूर रहे और घास आदि में न जाए. ऐसे में किसानों और बागवानों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.

स्क्रब टायफस के लक्षण
सिरदर्द,
सर्दी लगना,
ज्वर,
शरीर में पीड़ा
तीसरे से पांचवें दिन के बीच दाने निकलना

बता दें कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 वर्षीय बच्ची सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 मामले पॉजीटिव पाए गए है.

शिमला: प्रदेश में स्क्रब टायफस के मामले थमने का नाम नहीम ले रहे है. आलम ये है कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है.

दरअसल 8 वर्षीय बच्ची जिला के लक्कड़ बाजार से चार अगस्त को आईजीएमसी में बुखार के कारण इलाज के लिए आई हुई थी. पांच अगस्त को स्क्रब टायफस की वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं, छह अहस्त को रिपोर्ट आने पर डॉक्टर्स को पता चला की बच्ची को स्क्रब टायफस था.

आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनकराज ने बताया कि स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है. उन्होंने बताया कि बुखार आने पर स्थीय लोग तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं. ऐसे में प्रशासन के पास सभी दवाएं उपलब्ध है.

कैसे होता है स्क्रब टायफस
स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को इन दिनों झाडियों से दूर रहे और घास आदि में न जाए. ऐसे में किसानों और बागवानों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.

स्क्रब टायफस के लक्षण
सिरदर्द,
सर्दी लगना,
ज्वर,
शरीर में पीड़ा
तीसरे से पांचवें दिन के बीच दाने निकलना

बता दें कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 वर्षीय बच्ची सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 मामले पॉजीटिव पाए गए है.

Intro:आईजीएमसी में स्क्रब टायफस से 8 साली की बच्ची की मौत
शिमला।
प्रदेश में स्क्रब टायफस जानलेवा होता जा रहा है। आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की माैत हाे गई। बच्ची शिमला के लक्कड़ बाजार की रहने वाली थी। चार अगस्त काे उसे आईजीएमसी में बुखार के कारण एडमिट करवाया गया था, पांच अगस्त दाेपहर 1 बजे उसकी माैत हाे गई। हालांकि उसकी रिपाेर्ट छह अगस्त काे आई । उसके बाद प्रशासन काे पता चला की बच्ची काे स्क्रब टाइफस था। इसके अलावा मंडी के एक 73 वर्षीय व्यक्ति काे भी स्क्रब टाइफस पाया गया है। आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से यह चाैथी माैत हुई है, जबकि अब तक 14 मामले पाॅजीटिव आ चुकी है।
Body:अाईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जनकराज ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की माैत हाे गई है। जबकि एक 73 वर्षीय व्यक्ति स्क्रब टाइफस पाॅजीटिव पाया गया है। उन्हाेंने कहा कि प्रशासन के पास सभी दवाएं उपलब्ध है। उन्हाेंने लाेगाें से अपील की है कि बुखार आने पर वह घर में दवाएं न लें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं।

बरसात के दिनों में उगने वाली घास में पाए जाने वाले पीसू से स्क्रब टायफस अधिक फैलता है। जिससे मरीज की मौत तक हो जाती है। ऐसे में चिकित्सकों द्वारा भी लोगों को तर्क दिया जा रहा है कि इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी। हालांकि स्क्रब टायफस के मामले आने से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

Conclusion:स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया हैं कि स्क्रब टायफस की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही हैए लेकिन महज नजर रखने से इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है। चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाडिय़ों से दूर रहे और घास आदि में न जाएए लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है। यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की सं या ज्यादा है।
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