शिमला: प्रदेश में स्क्रब टायफस के मामले थमने का नाम नहीम ले रहे है. आलम ये है कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है.
दरअसल 8 वर्षीय बच्ची जिला के लक्कड़ बाजार से चार अगस्त को आईजीएमसी में बुखार के कारण इलाज के लिए आई हुई थी. पांच अगस्त को स्क्रब टायफस की वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं, छह अहस्त को रिपोर्ट आने पर डॉक्टर्स को पता चला की बच्ची को स्क्रब टायफस था.
आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनकराज ने बताया कि स्क्रब टाइफस से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 73 वर्षीय व्यक्ति में स्क्रब टाइफस पॉजीटिव पाया गया है. उन्होंने बताया कि बुखार आने पर स्थीय लोग तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं. ऐसे में प्रशासन के पास सभी दवाएं उपलब्ध है.
कैसे होता है स्क्रब टायफस
स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को इन दिनों झाडियों से दूर रहे और घास आदि में न जाए. ऐसे में किसानों और बागवानों के लिए ये संभव नहीं है, क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.
स्क्रब टायफस के लक्षण
सिरदर्द,
सर्दी लगना,
ज्वर,
शरीर में पीड़ा
तीसरे से पांचवें दिन के बीच दाने निकलना
बता दें कि आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 8 वर्षीय बच्ची सहित चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 मामले पॉजीटिव पाए गए है.