शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड 2 हजार करोड़ (Himachal Pradesh Electricity Board) रुपए से अधिक के घाटे में चल रहा है. जले पर नमक यह है कि सरकारी विभागों सहित आम उपभोक्ता समय पर बिजली बिल नहीं चुका रहे हैं. इस समय हिमाचल राज्य बिजली बोर्ड का विभिन्न विभागों और उपभोक्ताओं पर 300 करोड़ रुपए से अधिक का बिल बकाया है. बोर्ड यह देनदारी वसूल करने के लिए अब सख्ती करेगा. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Choudhary) के निर्देश पर अब बोर्ड ने बकाया बिल अदा करने के लिए सभी को गुरुवार 30 मार्च तक की मोहलत दी है.
जल शक्ति विभाग पर 90 करोड़ से अधिक का बकाया: इस समय जल शक्ति विभाग पर बिजली बोर्ड का 90 करोड़ से अधिक का बकाया है. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में विभिन्न विभागों व उपभोक्ताओं पर 200 करोड़ रुपए से अधिक की देनदारी है. हाल ही में राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग के एसीएस आरडी धीमान ने भी फील्ड कर्मियों को बिजली के बकाया बिल वसूल करने के निर्देश दिए हैं. जिन उपभोक्ताओं पर बिजली के 1 हजार रुपए से अधिक के बिल बकाया है, उन्हें नोटिस भी दिया गया है.
कुछ समय पूर्व एक खुलासा हुआ था कि शिमला के एक निजी होटल ने 52 लाख रुपए का बिजली बिल नहीं चुकाया था. अगर जिलों की बात करें तो अकेले कुल्लू जिला में बिजली बोर्ड के 15 करोड़ से अधिक के बिल वसूले जाने हैं. इसमें से अकेले जल शक्ति विभाग के ही 2 करोड़ रुपए से अधिक बकाया हैं. प्रदेश की नगर परिषदों और नगर पंचायतों के बिल भी कई जगह पेंडिंग हैं. बिजली बोर्ड की यह समस्या कोई नई नहीं है.
विभागों पर बिजली बिल बकाया | |
शिमला के एक निजी होटल | 52 लाख रुपए |
कुल्लू जिले में बकाया | 15 करोड़ रुपए |
जल शक्ति विभाग | 90 करोड़ रुपए से अधिक |
हर साल बिजली बोर्ड को उपभोक्ताओं व विभागों को नोटिस जारी करने पड़ते हैं. हालत यह है कि कुल्लू में नगर पंचायत भुंतर ने बिजली बोर्ड के 28 लाख रुपए चुकाने हैं तो बंजार नगर पंचायत (Banjar Nagar Panchayat) ने पांच लाख का बिल चुकाना है. बोर्ड द्वारा जारी आदेशों के अनुसार अगर तय समय में अदायगी नहीं हुई, तो प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर घरेलू और व्यवसायिक कनेक्शन काट दिए जाएंगे.
उपभोक्ताओं को 30 मार्च तक मोहलत: बिजली बोर्ड को 300 करोड़ रुपए की वसूली करनी है. इनमें बहुत सी ऐसी कंपनियां भी हैं, जिन्होंने काफी समय से बिल का भुगतान नहीं किया है. इन सभी को 30 मार्च तक की मोहलत दी गई है, क्योंकि बोर्ड 31 मार्च से पूर्व रिकवरी खत्म करना चाहता है. बिजली बोर्ड के एमडी पंकज डडवाल का कहना है कि बिजली के बिलों का बकाया गंभीर समस्या है बोर्ड को इससे भारी नुकसान हो रहा है. बोर्ड प्रबंधन यह व्यवस्था कर रहा है कि आने वाले समय में एक नियमित अवधि में बकायेदारों से बिजली का बिल वसूल किया जाए.
राज्य बिजली बोर्ड ने अलग-अलग सरकारी विभागों से 125 करोड़ रुपए से अधिक के बिजली बिल वसूलने हैं. सबसे बड़ी रकम हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग पर बकाया (Electricity bill outstanding on Jal Shakti Department) है. बिजली बोर्ड ने जल शक्ति विभाग के विभिन्न मंडलों से 90 करोड़ से अधिक की रकम लेनी है. इसी तरह उद्योग जगत में कई इकाइयों से बिजली बिल के रूप में 20 करोड़ से अधिक की रकम लेने को है.
घाटे की बात करें तो वर्ष 2015 में बिजली बोर्ड का घाटा 1813 करोड़ रुपए था. वर्ष 2016 में यह घाटा 2200 करोड़ हो गया. मौजूदा समय में यह घाटा 2100 करोड़ रुपए है. ऐसे में बिजली बोर्ड को यदि समय पर अन्य विभागों से अपने बकाया बिल मिल जाएं तो बोर्ड के आर्थिक जख्मों पर कुछ मरहम लग सकता है.
बिजली बोर्ड का घाटा | |
2015 | 1813 करोड़ रुपए |
2016 | 2200 करोड़ रुपए |
2022 | 2100 करोड़ रुपए |
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