शिमला: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को बरसात (rainy season in Himachal) हर साल गहरे जख्म देती है. हर साल भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हिमाचल को अरबों रुपये का नुकसान होता है. सैकड़ों लोग मौत का शिकार होते हैं और पशुधन की दुखद हानि होती है. इस साल अभी बरसात का सीजन शुरू हुआ ही है और तीन दिन में हिमाचल प्रदेश को एक करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. यही नहीं, बरसात के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में 17 लोगों की मौत भी हो चुकी है. राजस्व विभाग ने इस संदर्भ में रिपोर्ट भी जारी की है.
रिपोर्ट के अनुसार 30 जून से एक जुलाई के बीच चंबा में रोड एक्सीडेंट (Raod Accident in Chamba) में दो लोगों की मौत हुई है. हमीरपुर में सड़क दुर्घटना में एक और बिजली का करंट लगने से एक की मौत हुई. हमीरपुर जिले में कुल चार लोगों की मौत हुई है. इसी तरह कांगड़ा जिले में पहाड़ी से गिरने के कारण एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी है. सिरमौर जिले में भी गिरने से एक व्यक्ति की की मौत हुई है. किन्नौर में एक, मंडी में तीन, सोलन में दो, ऊना में एक व्यक्ति की मौत हुई है. कांगड़ा में एक व्यक्ति की सर्पदंश से मृत्यु हुई. प्रदेश में पहाड़ी से गिरने के कारण चार लोगों को जान गंवानी पड़ी.
कुल नौ लोगों की मौत दुर्घटनाओं में हुई. इस दौरान कुल 20 लोग घायल भी हुए हैं. सोलन में सबसे अधिक 8 व्यक्ति बरसात के कारण घायल हुए हैं. शिमला में चार, लाहौल-स्पीति, मंडी व ऊना में दो-दो लोग घायल हुए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13 पशुधन की हानि हुई है. छह गौशालाएं भी ध्वस्त हुई हैं.
राजस्व विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह के अनुसार सरकार ने प्रभावित परिवारों को 68 लाख रुपये सहायता राशि दी है. बरसात के दौरान सरकारी संपत्ति को कुल 96.76 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा 27 लाख से अधिक निजी संपत्ति की बर्बादी हुई है. सिरमौर जिला में सबसे अधिक सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2017 में बरसात के दौरान 75 लोगों की जान गई थी. सबसे अधिक जख्म 2018 की बरसात ने दिए थे. तब बारिश व भूस्खलन, बाढ़ आदि से हिमाचल में 343 लोगों की मौत हुई थी. अगले साल यानी 2019 में भी 307 लोग काल का शिकार हुए. वर्ष 2020 में 284 लोगों की मृत्यु हुई. 2021 में 243 लोगों की मौत हुई थी.
वर्ष 2017 में बरसात के कारण हिमाचल प्रदेश में निजी व सरकारी संपत्ति को 914 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था. 2018 में बरसात ने भारी तबाही मचाई थी. तब मौतों की संख्या भी अधिक थी और संपत्ति को भी सबसे अधिक नुकसान हुआ. वर्ष 2018 में 1594 करोड़ रुपये का नुकसान पेश आया. इसी तरह 2019 में 1224 करोड़ से अधिक व 2020 में 865 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था. पिछले साल बरसात के कारण हिमाचल में 780 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हुई थी.
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