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ठियोग से शिमला रेफर किए गए मरीज को IGMC के गेट पर छोड़कर भागे 108 एंबुलेंस कर्मचारी

ठियोग से रेफर मरीज को 108 एम्बुलेंस कर्मचारियों ने कोरोना के खौफ से आईजीएमसी गेट पर ही छोड़कर भाग गये. जिसके बाद शाम के समय में नेपाली मूल के मरीज का आईजीएमसी प्रशासन ने इलाज शुरू किया.

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Published : Aug 17, 2020, 8:09 PM IST

108 ambulance staff escaping leaving the referring patient at IGMC gate
मरीज.

शिमलाः जिला में लगातार कोरोना संक्रमितों के मामले सामने आ रहें है. वहीं, लोगों में भी इसका डर देखने को मिल रहा है. ताजा घटनाक्रम शिमला जिला का है. जहां पर 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने कोरोना के खौफ से एक मरीज को आईजीएमसी गेट पर ही छोड़कर भाग गये.

जानकारी के अनुसार कर्मचारियों ने सोमवार को ठियोग से आईजीएमसी रेफर मरीज को गेट के बाहर ही छोड़ दिया. इसके बाद मरीज की तरफ किसी ने भी कोई ध्यान नहीं था, लेकिन जब मरीज सड़क पर बैठ गया तो सूचना मिलते ही आईजीएमसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के होश उड़ गए. इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.

इस संबंध में जब एंबुलेंस कर्मचारियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा करने को उन्हें ठियोग से डॉक्टर ने कहा था कि मरीज को आईजीएमसी गेट के पास छोड़ देना. वैसा ही एंबुलेंस कर्मचारियों ने किया.

बता दें कि यह मरीज नेपाली मूल का रहने वाला है. मरीज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के डर से आईजीएमसी कर्मचारी भी मरीज को हाथ नहीं लगा रहे थे. इन सब के बावजूद शाम के समय में मामला सुलझा और मरीज का आईजीएमसी में उपचार शुरू हुआ.

वहीं, आईजीएमसी प्रशासन का कहना है कि इससे पहले भी कई बार इस तरह से मरीजों को छोड़ा गया है. जिसके बाद प्रशासन को मरीजों को संभालना पड़ता है.

शिमलाः जिला में लगातार कोरोना संक्रमितों के मामले सामने आ रहें है. वहीं, लोगों में भी इसका डर देखने को मिल रहा है. ताजा घटनाक्रम शिमला जिला का है. जहां पर 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने कोरोना के खौफ से एक मरीज को आईजीएमसी गेट पर ही छोड़कर भाग गये.

जानकारी के अनुसार कर्मचारियों ने सोमवार को ठियोग से आईजीएमसी रेफर मरीज को गेट के बाहर ही छोड़ दिया. इसके बाद मरीज की तरफ किसी ने भी कोई ध्यान नहीं था, लेकिन जब मरीज सड़क पर बैठ गया तो सूचना मिलते ही आईजीएमसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के होश उड़ गए. इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.

इस संबंध में जब एंबुलेंस कर्मचारियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा करने को उन्हें ठियोग से डॉक्टर ने कहा था कि मरीज को आईजीएमसी गेट के पास छोड़ देना. वैसा ही एंबुलेंस कर्मचारियों ने किया.

बता दें कि यह मरीज नेपाली मूल का रहने वाला है. मरीज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के डर से आईजीएमसी कर्मचारी भी मरीज को हाथ नहीं लगा रहे थे. इन सब के बावजूद शाम के समय में मामला सुलझा और मरीज का आईजीएमसी में उपचार शुरू हुआ.

वहीं, आईजीएमसी प्रशासन का कहना है कि इससे पहले भी कई बार इस तरह से मरीजों को छोड़ा गया है. जिसके बाद प्रशासन को मरीजों को संभालना पड़ता है.

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