शिमला: हिमाचल प्रदेश में शातिर नए-नए तरीके अपनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. ठगी का ताजा मामला शिमला जिले का है. जहां एक व्यक्ति द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर बैंक से लोन लेने का मामला सामने आया है. आरोप है कि व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए और ग्रामीण बैंक से 10 लाख रुपए का लोन लिया. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
गारंटर के दस्तावेज भी फर्जी
एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक वीरेंद्र कुमार ने पुलिस थाना न्यू शिमला में शिकायत दर्ज करवाई है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि साल 2017 में राजेश डोगरा नामक एक व्यक्ति ने जाली दस्तावेज पेश करके ग्रामीण बैंक से 10 लाख रुपए का लोन लिया था. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी इतना शातिर है कि उनसे गारंटर के भी जाली सर्टिफिकेट बैंक में दिए हैं. एसपी शिमला ने बताया कि लोन लेने वाला व्यक्ति राजेश डोगरा शिमला के ठियोग का रहने वाला है. वहीं, उसका गारंटर नितिन सिंह शिमला के जूमन लाज एसडीए कॉम्प्लेक्स कुसुम्पटी का रहने वाला है. इस दोनों ने धोखाधड़ी करके बैंक से लोन लिया है.
एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया, "राजधानी शिमला में फर्जी तरीके से लोन लेने का मामला सामने आया है. पुलिस ने बैंक महाप्रबंधक की शिकायत पर दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है."
कैसे चला धोखाधड़ी का पता?
ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक वीरेंद्र कुमार ने पुलिस को बताया कि धोखाधड़ी का मामला तब सामने आया जब लोन लेने के बाद वापस नहीं किया गया. आरोपी ने लोन की एक भी किश्त नहीं भरी थी. जिसके बाद उसे नोटिस भी जारी किया गया, मगर बावजूद इसके लोन की किश्त नहीं भरी जा रही थी. जब बैंक प्रबंधन की ओर से इसकी जांच की गई तो पता चला की आरोपी ने जाली दस्तावेजों के साथ घर का पता भी गलत भरा था और गारंटर का पता भी गलत निकला. जिसके बाद ये मामला सामने आया और पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई.