ETV Bharat / city

आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज, दूर-दराज से पहुंच रहे लोग - vishu fair in paonta sahib

हिमाचल के सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में आस्था के प्रतीक विशु मेले का आगज हो गया है. बैसाखी संक्रांति के दिन से विशु मेले का आयोजन शुरू होता है और यह सिलसिला लगभग पूरे (vishu fair in paonta sahib) माह चलता है. कई लोग भी अपने कुल देवता की पालकी लेकर विश्व मेले में पहुंच रहे हैं.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
विशु मेले का आगाज
author img

By

Published : Apr 14, 2022, 12:36 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 12:41 PM IST

पांवटा साहिब: देवभूमि हिमाचल को देवी-देवताओं की धरती कहा जाता है. देवी-देवताओं पर हिमाचल वासियों का अटूट विश्वास भी है. हिमाचल के सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में आस्था के प्रतीक विशु मेले का (vishu fair in paonta sahib) आयोजन किया जा रहा है. बैसाखी संक्रांति के दिन से विशु मेले का आयोजन शुरू होता है और यह पूरे माह चलता है. विशु मेला शिलाई क्षेत्र व पांवटा साहिब के आंज भोज क्षेत्र में अलग-अलग तरीकों और रीत‍ि-र‍िवाज के साथ मनाया जाता है. विशु मेले में स्थानीय मंदिर से देवता की छड़ी और झंडा उठाकर मेलास्थल पर लाया जाता है. जिसके बाद विशु मेला प्रारंभ होता है और यह परंपरा सभी गांव में की जाती है.

मेले के प्रति लोगों की आस्था: विशु मेलों की परंपरा सिरमौर जिले के अलावा उतराखंड के जौनसार बाबर में भी है. यह विशु मेले लोगों की आस्था के प्रतीक भी हैं. इन मेलों की परंपरा दशकों से निभाई जा रही है. बैसाखी की संक्राति से विशु मेलों का आयोजन शुरू हो जाता है. पहाड़ी इलाकों में विशु मेले मनाए जाते हैं. यह विशु मेले नई फसल व नव वर्ष के उपलक्ष में मनाए जाते हैं. मेलों के साथ लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज

क्या है मान्यता: मान्यता है कि देवता की छड़ी मेले स्थल पर पहुंचाने से बुरी शक्तियां भाग जाती हैं और गांव में आपसी भाईचारा बना रहता है. विशु मेलों का आयोजन पौराणिक परंपरा से चलता रहा है और देवी देवताओं को मेलों में ले जाते हैं और विधिवत रूप से देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है. इस विशु मेले में धनुष बाण, थोड़ा नृत्य, पहाड़ी नाटी, रासे आदि का आयोजन होता है.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज

दुकानदारों को मिलता है अच्छा मुनाफा: पहाड़ी इलाकों के दुकानदारों को विशु मेले ही ऐसा माध्यम होते हैं जहां पर उनको अच्छा मुनाफा मिलता है. मेले के दौरान लोग कई तरह के खरीददारी करते हैं. हालांकि कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों से मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था. इस वर्ष मेले के आयोजन से दुकानदारों के चेहरे पर रौनक देखने को मिल रही है. दूर दराज गांव के लोग मेले में पहुंचते हैं. गिरिपार और आंज भोज क्षेत्र के अलग-अलग गांव में कई मेलों का आयोजन किया जाता है. कई गांवों में छोटे तो कहीं बड़े स्तर पर मेले का आयोजन होता है.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज

ये भी पढ़ें: भव्य शाही जलेब के साथ संपन्न हुआ सुकेत देवता मेला, देवी-देवताओं के दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्धालु

पांवटा साहिब: देवभूमि हिमाचल को देवी-देवताओं की धरती कहा जाता है. देवी-देवताओं पर हिमाचल वासियों का अटूट विश्वास भी है. हिमाचल के सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में आस्था के प्रतीक विशु मेले का (vishu fair in paonta sahib) आयोजन किया जा रहा है. बैसाखी संक्रांति के दिन से विशु मेले का आयोजन शुरू होता है और यह पूरे माह चलता है. विशु मेला शिलाई क्षेत्र व पांवटा साहिब के आंज भोज क्षेत्र में अलग-अलग तरीकों और रीत‍ि-र‍िवाज के साथ मनाया जाता है. विशु मेले में स्थानीय मंदिर से देवता की छड़ी और झंडा उठाकर मेलास्थल पर लाया जाता है. जिसके बाद विशु मेला प्रारंभ होता है और यह परंपरा सभी गांव में की जाती है.

मेले के प्रति लोगों की आस्था: विशु मेलों की परंपरा सिरमौर जिले के अलावा उतराखंड के जौनसार बाबर में भी है. यह विशु मेले लोगों की आस्था के प्रतीक भी हैं. इन मेलों की परंपरा दशकों से निभाई जा रही है. बैसाखी की संक्राति से विशु मेलों का आयोजन शुरू हो जाता है. पहाड़ी इलाकों में विशु मेले मनाए जाते हैं. यह विशु मेले नई फसल व नव वर्ष के उपलक्ष में मनाए जाते हैं. मेलों के साथ लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज

क्या है मान्यता: मान्यता है कि देवता की छड़ी मेले स्थल पर पहुंचाने से बुरी शक्तियां भाग जाती हैं और गांव में आपसी भाईचारा बना रहता है. विशु मेलों का आयोजन पौराणिक परंपरा से चलता रहा है और देवी देवताओं को मेलों में ले जाते हैं और विधिवत रूप से देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है. इस विशु मेले में धनुष बाण, थोड़ा नृत्य, पहाड़ी नाटी, रासे आदि का आयोजन होता है.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज

दुकानदारों को मिलता है अच्छा मुनाफा: पहाड़ी इलाकों के दुकानदारों को विशु मेले ही ऐसा माध्यम होते हैं जहां पर उनको अच्छा मुनाफा मिलता है. मेले के दौरान लोग कई तरह के खरीददारी करते हैं. हालांकि कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों से मेले का आयोजन नहीं हो पा रहा था. इस वर्ष मेले के आयोजन से दुकानदारों के चेहरे पर रौनक देखने को मिल रही है. दूर दराज गांव के लोग मेले में पहुंचते हैं. गिरिपार और आंज भोज क्षेत्र के अलग-अलग गांव में कई मेलों का आयोजन किया जाता है. कई गांवों में छोटे तो कहीं बड़े स्तर पर मेले का आयोजन होता है.

VISHU FAIR IN PAONTA SAHIB
आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज

ये भी पढ़ें: भव्य शाही जलेब के साथ संपन्न हुआ सुकेत देवता मेला, देवी-देवताओं के दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्धालु

Last Updated : Apr 14, 2022, 12:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.