पांवटा साहिब: सिरमौर जिले के पांवटा के (Ponta sahib) ऐतिहासिक गुरुद्वारे को सिखों (Gurudwara) के पहले गुरु नानक देव जी के 552वें प्रकटोत्सव के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है. यहां पर तीन दिवसीय प्रकाश उत्सव (Guru Parv) का आगाज बुधवार से हो गया है. इस बार कोरोना महामारी के चलते गुरु पर्व पर तीन वर्ष बाद भव्य नगर कीर्तन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत निकलेगा. यह कीर्तन 18 नवम्बर गुरुवार को दोपहर एक बजे निकाला जाएगा.
ऐतिहासिक गुरुद्वारा पांवटा साहिब (Historic Gurdwara Paonta Sahib) के कमेटी के उप प्रधान ने बताया कि गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev ji) के 552वें प्रकटोत्सव के उपलक्ष पर 17 नवम्बर से गुरुद्वारा में कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं द्वारा 3 अखण्ड पाठ शुरू किए गये हैं, जो भोग के साथ 19 नवम्बर को सुबह 6 बजे सम्पन्न होंगे. उन्होंने बताया कि 19 नवम्बर को गुरुदेव के प्रकटोत्सव के दिन एक कार्यक्रम रखा गया है. इस दिन दीवान को विशेष रूप से सजाया जाएगा, जिसमें स्कूलों के बच्चे, बाहर से आए हुए रागी व ढाढी जत्थे व स्थानीय रागी कीर्तन द्वारा संतों को निहाल करेंगे.
उन्होंने बताया कि रात 8:30 बजे से कवि दरबार सजेगा, जिसमें दूर-दूर से आये कवि गुरु नानक देव जी के जीवन से संबंधित रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे. बहरहाल, पांवटा साहिब गुरुद्वारा में गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव शुरू हो गया है.
ये रहेंगे कार्यक्रम: 17 नवम्बर को अखंड पाठ साहब, 18 नवम्बर को नगर कीर्तन, कीर्तन दरबार, ढाढी दरबार व बच्चों का कवि दरबार होगा. 19 नवम्बर को भोगअखंड, कीर्तन व ढाढी दरबार और रात 8:30 बजे विशेष कवि दरबार सजेगा. जिसमें दूर-दूर से आए कवि गुरु नानक देव जी के जीवन से संबंधित रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे. गुरु महाराज का प्रकटोत्सव भी इसी दिन का है.
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