नाहन: प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना बेरोजगार युवाओं के लिए कारगर साबित हो रही है. इस योजना का लाभ उठाकर युवा वर्ग स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर है. इसी के तहत नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत धौलाकुआं निवासी रितेश चौधरी पुत्र राजेश कुमार का सपना भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने साकार किया है. दरअसल रितेश चौधरी के पिता राजेश कुमार 20 साल से लकड़ी के फट्टों व बलियों की शटरिंग का कार्य कर परिवार का पालन पोषण कर रहे थे. परिवार में दो भाई व दो बहनें हैं. लिहाजा परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी.
रितेश चौधरी ने दस जमा दो तक शिक्षा ग्रहण कर पिताजी के शटरिंग के कार्य में साथ देना आरंभ कर दिया. लकड़ी के फट्टों की शटरिंग की मांग भी कम थी, जिससे आय के साधन भी सीमित थे. रितेश ने 5 वर्ष तक निजी क्षेत्र की कंपनी में कार्य किया, जहां उन्हें 7 हजार रुपये मासिक मिलता था. रितेश ने बताया कि अगस्त 2020 में जिला उद्योग केंद्र नाहन से संपर्क किया, जहां उन्हें मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) की जानकारी मिली. सितंबर 2020 में उन्होंने सभी ऋण संबंधी औपचारिकताएं पूर्ण कर 25 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत करवाई. इस पर उन्हें 7 लाख रुपये का उपदान भी मिला.
उन्होंने बताया कि आज उनके पास लोहे की 10 हजार फीट शटरिंग है, जिसे वह 30 रुपये स्क्वायर फीट के हिसाब से लोगों के मकान निर्माण के लिए शटरिंग का कार्य करता है. इसके तहत उनके काम में आशातीत वृद्धि हुई. रितेश ने अपने कारोबार में 8 से 10 स्थानीय लोगों को रोजगार भी दिया है, जिससे प्रतिमाह उनकी आमदनी 1 लाख रुपये तक हो रही है. इससे उन्हें लगभग 40 हजार रुपये प्रतिमाह का शुद्ध लाभ भी हो रहा है. उनके पास दो मिक्सर मशीनें, एक ट्रैक्टर व ट्राली भी है.
रितेश अपने करोबार से पूरी तरह संतुष्ट है, जिसके (Mukhyamantri Swavalamban Yojana in Himachal Pradesh) लिए वह प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के लिए आभार भी व्यक्त करता है. उन्होंने युवाओं का आह्वान करते है कि वह भी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी, प्रदेश व राष्ट्र की आर्थिकी को सुद्वढ करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें.
1 करोड़ रुपये तक के ऋण का प्रावधान: बता दें कि प्रदेश के बेरोजगार युवा-युवतियों को स्वरोजगार चलाने के लिए महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Swavalamban Yojana) चलाकर एक करोड़ रुपये तक का ऋण 25, 30 व 35 प्रतिशत की दर से अनुदान उपलब्ध करवाकर उन्हें स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा 126 विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया गया है, जिसके तहत औद्योगिक ईकाइयां, ईको-टूरिज्म व डेयरी फार्मिंग यूनिट स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
75 करोड़ की लागत से 400 इकाइयां स्थापित: जिला उद्योग विभाग के मुताबिक सिरमौर जिले में अब तक मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 75 करोड़ की लागत से 400 इकाइयां स्थापित की गई हैं. इन इकाइयों पर लगभग 16 करोड़ 33 लाख की राशि लाभार्थियों को सब्सिडी के तौर पर उपलब्ध करवाई गई है.
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