नाहन: रविवार को नाहन की एक महिला नीता पुंडीर के देहांत के बाद उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को बंकूवाला स्थित मोक्षधाम में लेकर आए. हजारों रुपये की राशि देने के बावजूद परिजनों को यहां गीली लकड़ियां उपलब्ध हुईं. सूखी लकड़ियां उपलब्ध ना होने के कारण मजबूरन मृतक महिला के परिजनों को गीली लकड़ियों के सहारे ही चिता तैयार करनी पड़ी, लेकिन उसे जलाने के लिए काफी लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी. करीब 3 घंटे तक लकड़ियों (problem of wood in bankuwala mokshadham) ने सही तरीके से आग नहीं पकड़ी. ऐसे में परिजनों सहित अंतिम यात्रा में शामिल होने आए स्थानीय लोगों में नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली को लेकर खासा रोष नजर आया.
मृतक महिला के परिजनों व पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि देहांत के बाद अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष धाम में सूखी लकड़ियां उपलब्ध नहीं है. लकड़ियों का भी अभाव है और जो यहां पड़ी है, वह पूरे तरीके से गीली लकड़ियां है. ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ी. 3 घंटे के बाद भी लकड़ियों ने आग नहीं पकड़ी. उन्होंने जिला प्रशासन सहित नगर परिषद से मांग करते हुए कहा कि मोक्ष धाम में सूखी लकड़ियां उपलब्ध करवाई जाए, ताकि अंतिम सफर के दौरान किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े.
दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो लकड़ियों की समस्या (problem of wood in bankuwala mokshadham) पिछले कई महीनों से पेश आ रही है, लेकिन पिछले 15 दिनों में समस्या काफी अधिक बढ़ी है. वैसे मोक्ष धाम में अमूमन भी लकड़ियों का अभाव पाया जा रहा है. मौके पर यह भी पता चला कि पिछले 10-12 दिनों से नगर परिषद के कर्मी भी नप प्रशासन को इस बारे में कई बार अवगत करवा चुके हैं. मगर हैरानी तब हुई जब मीडिया द्वारा यह मामला नगर परिषद प्रशासन के समक्ष उठाया गया, तो मामले को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की गई.
नगर परिषद के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता ने कहा कि मोक्ष धाम में लकड़ियों को लेकर जो समस्या आई है, उसको लेकर जांच की जाएगी. जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा. कुल मिलाकर एक ओर जहां नाहन में अपनों को खोने का कभी न भरने वाला गम तो वहीं, नगर परिषद की इस दिशा में लापरवाही के कारण लोगों में खासी नाराजगी है. अब देखना यह होगा कि मामले में अनजान बन रही नगर परिषद कब तक अंतिम सफर में पेश आने वाली लकड़ियों की समस्या का समाधान करती है.
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