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गिरिपार क्षेत्र को मिले एसटी का दर्जा, नहीं कोई आपत्ति, लेकिन दलितों के हकों से न हो खिलवाड़: आशीष कुमार - गिरीपार क्षेत्र को मिले एसटी का दर्जा

दलित शोषण मुक्ति मंच (Dalit Shoshan Mukti Manch) ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिले, इससे मंच को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसको लागू करने से पहले संबंधित क्षेत्र में दलित समुदाय के हकों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाए,

Dalit Shoshan Mukti Manch
दलित शोषण मुक्ति मंच
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Published : May 21, 2022, 4:16 PM IST

Updated : May 21, 2022, 6:16 PM IST

नाहन: दलित शोषण मुक्ति मंच ने (Dalit Shoshan Mukti Manch) केंद्र सरकार से मांग की है कि सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिले, इससे मंच को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसको लागू करने से पहले संबंधित क्षेत्र में दलित समुदाय के हकों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि पिछले कुछ समय में यहां दलितों के शोषण के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है, जोकि चिंता का विषय है.

शनिवार को जिला मुख्यालय नाहन में इस मामले में दलित शोषण मुक्ति मंच ने पत्रकारवार्ता को संबोधित किया. मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने की मांग गिरीपार का हाटी समुदाय कर रहा है. लिहाजा गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा मिले, इसको लेकर दलित शोषण मुक्ति मंच को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन दलित समुदाय के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले के गिरीपार क्षेत्र में एससीएसटी एक्ट बरकरार रहना चाहिए, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां पर दलितों के शोषण के मामले अधिकतर सामने आते हैं.

दलित शोषण मुक्ति मंच की प्रैसवार्ता

आशीष कुमार ने बताया कि मंच द्वारा (Dalit Shoshan Mukti Manch) जिले में एट्रोसिटी के मामलों को लेकर जो जानकारी ली गई है, उसके तहत पिछले 3 सालों में जिले में 116 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 110 मामले गिरीपार क्षेत्र के ही शामिल हैं. ऐसे में यदि यह जनजातीय क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो लोगों के बीच इस बात को लेकर भय है कि यहां पर एससीएसटी एक्ट खत्म हो जाएगा, जोकि यहां के दलित समुदाय के लिए चिंता का विषय होगा. जनजातीय क्षेत्र घोषित होने से संबंधित क्षेत्र तो समानता में आ जाएगा, लेकिन यहां पर जातिवाद की अदृश्य लाइनें जो खींची गई हैं, वह जस की तस बरकरार रहेगी.

जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि गिरीपार क्षेत्र की करीब 1 लाख 76 हजार की आबादी है, जिसमें से 40 प्रतिशत आबादी दलित समुदाय की है, जिसके संरक्षण के लिए एसएसी-एसटी एक्ट उसी मजबूती के साथ लागू रहना चाहिए, जिस तरह से वर्तमान में है. साथ ही मंच ने यह भी मांग उठाई है कि पंचायती राज के चुनावी प्रणाली के अंतर्गत मिलने वाले आरक्षण को भी गिरीपार क्षेत्र में बरकरार रखा जाना चाहिए. बता दें कि इस मामले में दलित शोषण मुक्ति मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक मांग पत्र सौंपा है.

ये भी पढ़ें: हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग का खुला रास्ता, 3 लाख लोगों को मिलेगा फायदा:सुखराम चौधरी

नाहन: दलित शोषण मुक्ति मंच ने (Dalit Shoshan Mukti Manch) केंद्र सरकार से मांग की है कि सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिले, इससे मंच को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसको लागू करने से पहले संबंधित क्षेत्र में दलित समुदाय के हकों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि पिछले कुछ समय में यहां दलितों के शोषण के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है, जोकि चिंता का विषय है.

शनिवार को जिला मुख्यालय नाहन में इस मामले में दलित शोषण मुक्ति मंच ने पत्रकारवार्ता को संबोधित किया. मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने की मांग गिरीपार का हाटी समुदाय कर रहा है. लिहाजा गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा मिले, इसको लेकर दलित शोषण मुक्ति मंच को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन दलित समुदाय के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिले के गिरीपार क्षेत्र में एससीएसटी एक्ट बरकरार रहना चाहिए, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां पर दलितों के शोषण के मामले अधिकतर सामने आते हैं.

दलित शोषण मुक्ति मंच की प्रैसवार्ता

आशीष कुमार ने बताया कि मंच द्वारा (Dalit Shoshan Mukti Manch) जिले में एट्रोसिटी के मामलों को लेकर जो जानकारी ली गई है, उसके तहत पिछले 3 सालों में जिले में 116 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 110 मामले गिरीपार क्षेत्र के ही शामिल हैं. ऐसे में यदि यह जनजातीय क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो लोगों के बीच इस बात को लेकर भय है कि यहां पर एससीएसटी एक्ट खत्म हो जाएगा, जोकि यहां के दलित समुदाय के लिए चिंता का विषय होगा. जनजातीय क्षेत्र घोषित होने से संबंधित क्षेत्र तो समानता में आ जाएगा, लेकिन यहां पर जातिवाद की अदृश्य लाइनें जो खींची गई हैं, वह जस की तस बरकरार रहेगी.

जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि गिरीपार क्षेत्र की करीब 1 लाख 76 हजार की आबादी है, जिसमें से 40 प्रतिशत आबादी दलित समुदाय की है, जिसके संरक्षण के लिए एसएसी-एसटी एक्ट उसी मजबूती के साथ लागू रहना चाहिए, जिस तरह से वर्तमान में है. साथ ही मंच ने यह भी मांग उठाई है कि पंचायती राज के चुनावी प्रणाली के अंतर्गत मिलने वाले आरक्षण को भी गिरीपार क्षेत्र में बरकरार रखा जाना चाहिए. बता दें कि इस मामले में दलित शोषण मुक्ति मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक मांग पत्र सौंपा है.

ये भी पढ़ें: हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग का खुला रास्ता, 3 लाख लोगों को मिलेगा फायदा:सुखराम चौधरी

Last Updated : May 21, 2022, 6:16 PM IST
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