नाहन: गिरीपार क्षेत्र को जनजातिया दर्जा देने की मांग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से मिले आश्वासन पर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने उनका आभार व्यक्त किया (Sukhram Chaudhary thanked Amit Shah) है. उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद अब जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातिया दर्जा देने की मांग का मार्ग प्रशस्त हुआ और जल्द ही आने वाले समय में करीब 3 लाख हाटी समुदाय के लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
बड़ा लाभ मिलेगा: उन्होंने बताया कि इससे पूरे शिलाई विधानसभा क्षेत्र, 70 प्रतिशत रेणुका विधानसभा क्षेत्र, करीब 50 प्रतिशत पच्छाद विधानसभा क्षेत्र व लगभग 10 प्रतिशत पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ पहुंचेगा. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जिला सिरमौर के साथ लगते जौनसार बावर को जनजातिय दर्जा देने की मांग 1967 में पूरी हो गई थी, लेकिन जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की उक्त मांग के पूरा न होने के कई कारण भी रहे. ऐसे में भाजपा सरकार ने इस मांग को लेकर काफी अथक प्रयास किए. शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद द्वारा लगातार मामला संसद में उठाया गया.हम सभी नर मिलकर केंद्र सरकार से भी समय-समय पर यह मांग उठाई. इसी का नतीजा है कि आज गिरीपार क्षेत्र को जनजातिया दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त हो गया.
आरजीआई ने दिया है सकारात्मक जवाब: बता दें कि हाल ही में आरजीआई ने गिरीपार क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर संबंधित रिपोर्ट पर सकारात्मक जवाब दिया (REGISTRAR GENERAL OF INDIA). केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली में मिलने गए हाटी समिति सहित जिले के भाजपा नेताओं को आश्वासन दिया है कि जल्द ही हाटी समुदाय की मांग को पूरा किया जाएगा. गिरीपार क्षेत्र के तहत करीब 150 पंचायतों में करीब तीन लाख आबादी हाटी समुदाय रहता है.
हाटी समुदाय की लोक संस्कृति, मेले, त्योहार, धार्मिक मान्यताएं व सामाजिक-आर्थिक हालात साथ लगते उत्तराखंड के जौनसार समुदाय से एकदम मिलते-जुलते हैं. जौनसार बावर को जनजातिया दर्जा दिया जा चुका है. अब करीब 5 दशक से चली आ रही गिरीपार क्षेत्र की मांग भी पर पूरी होने की उम्मीद हाटी समुदाय में जगी और लोगों को आशा है कि अब जल्द ही जौनसार बावर की तर्ज पर उनकी मांग भी पूरी हो जाएगी.
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