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ऊर्जा मंत्री के हलके में निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल - पांवटा साहिब में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एंप्लाइज यूनियन ने आज इलेक्ट्रिकल डिविजन के परिसर में बिजली संशोधन बिल व बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया है.

Power department employees strike against privatization
धरना प्रदर्शन
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Published : Feb 3, 2021, 5:53 PM IST

पांवटा साहिब: उपमंडल में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी आंदोलन की अपील पर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एंप्लाइज यूनियन द्वारा आज इलेक्ट्रिकल डिविजन के परिसर में बिजली संशोधन बिल व बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया है.

वाइस प्रेसिडेंट ट्रांसमिशन विभाग ने दी जानकारी

यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट ट्रांसमिशन विभाग के सुनील कुमार ने बताया कि बिजली बिल आ जाने से बिजली वितरण में कार्य कर रही हैं. ऐसे में और कंपनियां आने पर बिजली वितरण के मुनाफे वाले क्षेत्रों को निजी कंपनियों के हाथों में देने का रास्ता साफ हो जाएगा.

उन्होंने बताया कि बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को भी निजी कंपनी के अधीन उनकी सेवा शर्तों पर कार्य करना होगा. प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की लागत उद्योग क्षेत्र की तुलना में काफी ज्यादा है जिसे अभी विद्युत दरें कम से कम सब्सिडी पर तय होगी.

ये भी पढ़ें: मंडी के कांगणी धार हेलीपैड को जल्द मिलेगी 'उड़ान', एक साथ 3 हेलीकॉप्टर भर सकेंगे उड़ान

पांवटा साहिब: उपमंडल में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी आंदोलन की अपील पर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एंप्लाइज यूनियन द्वारा आज इलेक्ट्रिकल डिविजन के परिसर में बिजली संशोधन बिल व बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया है.

वाइस प्रेसिडेंट ट्रांसमिशन विभाग ने दी जानकारी

यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट ट्रांसमिशन विभाग के सुनील कुमार ने बताया कि बिजली बिल आ जाने से बिजली वितरण में कार्य कर रही हैं. ऐसे में और कंपनियां आने पर बिजली वितरण के मुनाफे वाले क्षेत्रों को निजी कंपनियों के हाथों में देने का रास्ता साफ हो जाएगा.

उन्होंने बताया कि बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को भी निजी कंपनी के अधीन उनकी सेवा शर्तों पर कार्य करना होगा. प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की लागत उद्योग क्षेत्र की तुलना में काफी ज्यादा है जिसे अभी विद्युत दरें कम से कम सब्सिडी पर तय होगी.

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