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सरकार के दावों की खुली पोल, जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को विवश हैं ग्रामीण

छछेती पंचायत के क्यारी गांव के हालात शिखर पर हिमाचल के दावों की पोल खोल रहे हैं. यहां बरसों से ग्रामीण सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक केवल उन्हें आश्वासनों के नाम पर सिर्फ लोगों को छला ही जा रहा है.

डिजाइन फोटो
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Published : Sep 5, 2020, 9:52 AM IST

Updated : Sep 5, 2020, 10:29 AM IST

नाहन: सिरमौर जिला के श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के तहत छछेती पंचायत के क्यारी गांव के हालात शिखर पर हिमाचल के दावों की पोल खोल रहे हैं. यहां बरसों से ग्रामीण सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक केवल उन्हें आश्वासनों के नाम पर सिर्फ लोगों को छला ही जा रहा है.

हालात यह है कि बरसात के दिनों में यहां के ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को विवश हैं. दरअसल क्यारी गांव के लोग पिछले करीब 20 सालों से सड़क सुविधा की मांग रहे हैं, लेकिन सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या फिर भाजपा की, दोनों ही सरकारों के नेताओं से केवल आश्वासन ही मिलते आ रहे हैं. यह मार्ग ददाहू से नाड़ी तक बनाया जाना था, लेकिन खाली अच्छोन तक ही मार्ग बनाया जा सके. इसके बाद 20 सालों से सड़क सुविधा नहीं मिली.

वीडियो रिपोर्ट

नतीजतन क्यारी, डाडुवा व काइला गांव आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं. ऐसे में खासकर बरसात के दिनों में ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनुसार बरसात के मौसम में एक तरफ उफनती गिरी नदी, दूसरी तरफ खाला और पहाड़ों से गिरते पत्थरों के बीच जान जोखिम में डालकर सफर किया जा रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि हालांकि स्कूल बंद हैं, लेकिन हर बार स्कूल के बच्चों, अध्यापकों सहित अन्य काम धंधों के लिए जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती है. कोई भी बीमार हो जाए तो उसे या नदी में रिस्क लेकर ले जाना पड़ता है या फिर इस ढांक से जोखिम में डालकर गुजरना पड़ता है.

ग्रामीणों के मुताबिक बीमार लोगों को भी इन्हीं हालातों से होकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है और कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं. पिछले साल भी 2 लोग गिरी नदी में बहकर काल का ग्रास बन चुके हैं. लिहाजा ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क सुविधा की मांग को पूरा करने की गुहार सरकार सहित जिला प्रशासन से लगाई है.

नाहन: सिरमौर जिला के श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के तहत छछेती पंचायत के क्यारी गांव के हालात शिखर पर हिमाचल के दावों की पोल खोल रहे हैं. यहां बरसों से ग्रामीण सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक केवल उन्हें आश्वासनों के नाम पर सिर्फ लोगों को छला ही जा रहा है.

हालात यह है कि बरसात के दिनों में यहां के ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को विवश हैं. दरअसल क्यारी गांव के लोग पिछले करीब 20 सालों से सड़क सुविधा की मांग रहे हैं, लेकिन सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या फिर भाजपा की, दोनों ही सरकारों के नेताओं से केवल आश्वासन ही मिलते आ रहे हैं. यह मार्ग ददाहू से नाड़ी तक बनाया जाना था, लेकिन खाली अच्छोन तक ही मार्ग बनाया जा सके. इसके बाद 20 सालों से सड़क सुविधा नहीं मिली.

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नतीजतन क्यारी, डाडुवा व काइला गांव आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं. ऐसे में खासकर बरसात के दिनों में ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनुसार बरसात के मौसम में एक तरफ उफनती गिरी नदी, दूसरी तरफ खाला और पहाड़ों से गिरते पत्थरों के बीच जान जोखिम में डालकर सफर किया जा रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि हालांकि स्कूल बंद हैं, लेकिन हर बार स्कूल के बच्चों, अध्यापकों सहित अन्य काम धंधों के लिए जाने वाले लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती है. कोई भी बीमार हो जाए तो उसे या नदी में रिस्क लेकर ले जाना पड़ता है या फिर इस ढांक से जोखिम में डालकर गुजरना पड़ता है.

ग्रामीणों के मुताबिक बीमार लोगों को भी इन्हीं हालातों से होकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है और कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं. पिछले साल भी 2 लोग गिरी नदी में बहकर काल का ग्रास बन चुके हैं. लिहाजा ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क सुविधा की मांग को पूरा करने की गुहार सरकार सहित जिला प्रशासन से लगाई है.

Last Updated : Sep 5, 2020, 10:29 AM IST
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